बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट: बड़ी कंपनियों की एसेट्स बढ़ी और छोटी की घटी
शीर्ष कंपनियों का निवेश 24,786 करोड़ रुपए
एमएसएमई पर कोरोना के दुष्प्रभाव
नई दिल्ली। कारोबार तेजी से बड़ी कंपनियों के बीच सिमट रहा है। दूसरी ओर मध्यम और छोटी कंपनियों के फिक्स्ड एसेट घट रहे हैं। 2021-22 की पहली छमाही में सूक्ष्म, लघु और मध्यम (एमएसएमई) श्रेणी की 1,467 कंपनियों के फिक्स्ड एसेट 1,547 करोड़ रुपए घटे हैं। इसी अवधि में 774 बड़ी कंपनियों ने फिक्स्ड एसेट्स में 21,605 करोड़ रुपए का निवेश किया।
शीर्ष कंपनियों का निवेश 24,786 करोड़ रुपए
पहली छमाही में टॉप.10 कंपनियों का कॉर्पोरेट इन्वेस्टमेंट कुल कॉर्पोरेट इन्वेस्टमेंट से ज्यादा रहा। उन्होंने 24,786 करोड़ रुपए निवेश किए। 35 अन्य कंपनियां ऐसी हैं, जिनमें हर कंपनी ने 100 करोड़ रुपए से अधिक रकम निवेश की है। यह जानकारी बैंक आॅफ बड़ौदा की ताजा रिपोर्ट से सामने आई है।
क्रूड, ऑटोमोबाइल सेक्टर्स में अधिक निवेश
यह रिपोर्ट बैंक की इकोनॉमिस्ट दीपान्विता मजूमदार ने तैयार की है। इसके मुताबिक 33 में से 18 उद्योगों ने एसेट में निवेश बढ़ाया है। इनकी संपत्ति में 24,000 करोड़ रुपए का इजाफा हुआ। कंपनियों के निवेश में सबसे अधिक हिस्सेदारी क्रूड आॅयल, आॅटोमोबाइल, ईंधन और इंडस्ट्रियल गैसों की है। कैमिकल्स, टेलीकॉम, कंस्ट्रक्शन और माइनिंग जैसे उद्योग क्षेत्रों का निवेश भी उल्लेखनीय रहा है। वहीं लॉजिस्टिक्स, टेक्सटाइलए आयरन व स्टील व एंटरटेनमेंट और इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे उद्योग क्षेत्रों में निवेश घटा है।
एमएसएमई पर कोरोना के दुष्प्रभाव
वित्त वर्ष 2021-22 की अप्रैल से सितंबर छमाही में एमएसएमई उद्योगों का प्रदर्शन कमजोर रहा। यह क्षेत्र महामारी के दुष्प्रभाव से निकलने के लिए संघर्ष कर रहा है। माइक्रो श्रेणी के 364 उद्यमों में 111 करोड़ का निवेश घटा। निवेश में उल्लेखनीय गिरावट एविएशन, हॉस्पिटैलिटी, एजुकेशन और एंटरटेनमेंट सेक्टर में आई है।
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