हिमाचल प्रदेश: धर्मशाला में बादल फटने से भारी तबाही, कागज की तरह बह गई गाड़ियां, कई घर क्षतिग्रस्त
हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा की धर्मशाला और ऊपरी क्षेत्रों में बादल फटने से मांझी खड्ड में आई भीषण बाढ़ से भागसूनाग सहित क्षेत्र के निचले क्षेत्रों में भारी तबाही हुई है। बाढ़ के कारण खड्ड और नाल ऊफान आ गए और इनके किनारे स्थित अनेक मकान, झुग्गी झोपड़ियां और सड़कों पर खड़ी गाड़ियां बह गई। बाढ़ के कारण अनेक पुलों को भी नुकसान पहुंचा है।
धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा की धर्मशाला और ऊपरी क्षेत्रों में बादल फटने से मांझी खड्ड में आई भीषण बाढ़ से भागसूनाग सहित क्षेत्र के निचले क्षेत्रों में भारी तबाही हुई है। बाढ़ के कारण खड्ड और नाल ऊफान आ गए और इनके किनारे स्थित अनेक मकान, झुग्गी झोपड़ियां और सड़कों पर खड़ी गाड़ियां बह गई। बाढ़ के कारण अनेक पुलों को भी नुकसान पहुंचा है। सड़कों पर अनेक जगह भूस्खलन होने वाहनों का आवागमन प्रभावित हुआ है। इन्हें वैकल्पिक मार्गों से रवाना किया जा रहा है। प्रकृति के इस रौद्र रूप से नदी नालों के आसपास तबाही का मंजर है। ऊपरी क्षेत्रों सहित अनेक क्षेत्रों में भारी बारिश हो रही है, जिससे नदी-नाले उफान पर हैं। बारिश और बाढ़ के कारण धर्मशाला में सड़कों पर खड़े वाहनों को क्षति पहुंची है। धर्मशाला में 185 मिलीमीटर, पालमपुर में 155 मिमी, बैजनाथ और माला में 105 मिमी, बारिश दर्ज की गई। मंडी-पठानकोट राजमार्ग पर राजोल में गज खड्ड पर बना पुल क्षतिग्रस्त होने वहां से वाहनों का आवागमन रोक दिया गया है तथा पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। राजमार्ग पर वाहनों की लम्बी कतारें लग गई हैं। वाहन चालक वैकल्पिक मार्ग से आवाजाही कर रहे हैं लेकिन संपर्क मार्गों पर भूस्खलन के कारण यातायात प्रभावित हुआ है।
कांगड़ा के बगली में बाढ़ के कारण कई आवास बह गए हैं और अनेक आवासों में पानी घुस गया है। पानी का तेज बहाव मनेड में झुग्गियों के साथ इनमें रखा सामान भी बहा ले गया। खराब मौसम और भारी बारिश के कारण गगल हवाईअड्डे पर आने वाली सभी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। हेली तथा हवाई टैक्सी की सेवाएं भी स्थगित रहेंगी। गगल हवाईअड्डे के के यातायात प्रभारी गौरव कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि न तो एयर इंडिया और न ही स्पाइसजेट की उड़ानें यहां आएंगी। कांगड़ा उपायुक्त डॉ. निपुण ने लोगों से मानसून सीजन के दौरान नदी नालों तथा भूस्खलन की आशंका के मद्देनजर संवेदनशील जगहों पर भी न जाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि कुछ जगहों पर ज्यादा पानी आने पर लोगों को दूसरी जगहों पर विस्थापित भी किया गया है। उन्होंने राजस्व विभाग के अधिकारियों को राहत एवं पुनर्वास में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि आपदाओं से निपटने के लिए जिला तथा उपमंडल स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं जो 24 घंटे खुले रहेंगे।
बारिश के कारण पठानकोट-जोगेंद्रनगर रेलमार्ग भी अवरूद्ध हो गया है। ज्वालामुखी रोड (रानीताल) कांगड़ा रेलवे स्टेशनों के बीच भूस्खलन होने से रेलवे लाईन अनेक स्थानों पर क्षतिग्रस्त होने से रेलगाड़ियां पठानकोट से ज्वालामुखी रोड तक ही आ रही हैं। रेलवे लाइन बहाल करने में दो-तीन दिन लग सकते हैं। पठानकोट-जोगिंदरनगर रेलमार्ग पर सवा साल के अंतराल बाद गत 1 जुलाई से 4 रेलगाड़ियां चलनी शुरू हुई थी, लेकिन पहली बरसात में ही रेलमार्ग क्षतिग्रस्त होने से ज्वालामुखी रोड से आगे फिर रेलगाड़ियों का आवागमन अवरूद्ध हो गया है।
मंडल रेलवे अभियंता विनोद कुमार के अनुसार भारी बारिश के कारण ज्वालामुखी रोड रेलवे स्टेशन, कोपड़लाहड़ रेलवे स्टेशन और कांगड़ा रेलवे स्टेशन के बीच कम से कम आठ स्थानों पर भूस्खलन होने से रेल लाईन क्षतिग्रस्त हो गई है तथा बारिश थमने के बाद ही इसकी मरम्मत हो पाएगी तथा इसे बहाल करने के लिए दो-तीन दिन का समय लग सकता है। जनजातीय लाहौल-स्पीति के आयुक्त नीरज कुमार ने राज्य में मानसून के सक्रिय होने तथा भारी बारिश से राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-तीन, मनाली-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर पागल नाला, तेलिंग नाला, भरतपुर नाला में जलस्तर बढऩे को देखते हुये लोगों से इन राजमार्गों पर यात्रा से परहेज करने की अपील की है।
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