मां की जान पर बन आई तो बेटे ने डोनेट किया लीवर
एक्यूट लीवर फेलियर ट्रांसप्लांट प्रदेश का पहला सफल ऑपरेशन
मनोहरथाना क्षेत्र में एक बेटे ने मां के दूध का कर्ज चुकाते हुए अपने मां को लीवर डोनेट कर अपने मां की जान बचाई है। सफल लिवर ट्रांसप्लांट का संभवत: प्रदेश का यह पहला मामला है।
मनोहरथाना। मनोहरथाना क्षेत्र में एक बेटे ने मां के दूध का कर्ज चुकाते हुए अपने मां को लीवर डोनेट कर अपने मां की जान बचाई है। सफल लिवर ट्रांसप्लांट का संभवत: प्रदेश का यह पहला मामला है।
मुख्य लिवर ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. नैमिष मेहता ने बताया कि ड्रग साइड इफेक्ट से झालावाड़ क्षेत्र की काली बाई मीना का लीवर फैल हो गया था, जान बचाने के लिए एक मात्र विकल्प लीवर प्रत्यारोपण था। हेमोटोलॉजिस्ट डॉ. करण कुमार ने परिवार की काउंसलिंग की तो बेटे राजेश कुमार मीना ने लीवर डोनेट करने के लिए सहमति जताई। इस सहमति में राजेश कुमार मीना की अर्धांगिनी कृष्णा धंधोरिया की भी अहम भूमिका रही। पत्नी ने भी अपने पति का हौसला बढ़ाया। डॉ.एमएल स्वर्णकार का कहना है कि प्रदेश में महात्मा गांधी अस्पताल ही लिवर ट्रांसप्लांट केंद्र हैं। राजेश कुमार मीना राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय मोग्या बेह भीलान (पिण्डोला, मनोहरथाना) में साइंस-मैथ के अध्यापक लेवल-2 में कार्यरत है, बड़े भाई मनोज मीना भी वरिष्ठ अध्यापक (अंग्रेजी) है, पिता खानपुर थाना(झालावाड़)में पुलिस विभाग में सेवारत है, छोटा भाई व बड़े भाई मां की सेवा में अभी भी जयपुर में ही है,जबकि राजेश कुमार मीना स्वस्थ होकर घर पर आ गए हैं। राजेश कुमार मीना कहते हैं कि जिस मां ने मुझे इस दुनिया में लाने के लिए जो कष्ट सहे है, उस मां को बचाने के लिए अगर मेरी जिंदगी दांव पर लगे तो यह मेरे लिए सौभाग्य की बात होगी।
वहीं चिकित्सकों ने बताया कि डोनर की जांच तथा ट्रांसप्लांट संबंधित कागजी कार्यवाही तथा सरकारी अनुमति में सामान्यत: लगभग आठ से दस दिन का समय लगता है। इस आपात सर्जरी में महज 8 से 10 घंटे में सारी प्रक्रिया पूरी की गई। टीम में डॉ. नैमिष मेहता,डॉ.विनय कपूर,डॉ.अजय शर्मा,डॉ. आरपी चौबे,डॉ.आनन्द नगर,डॉ.शाश्वत सरीन,डॉ.विनय महला, डॉ.अरविंदो दास, डॉ.विवेक आनन्द सास्वत,डॉ.करण कुमार,डॉ.गणेश निमझे, डॉ.गौरव गोयल,डॉ.विपिन, व कॉर्डिनेटर आर्यन माथुर आदि की भूमिका रही है।
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