पुलिस जांच पर हाईकोर्ट खफा, पूछा क्यों नहीं दूसरी एजेंसी को सौंपी जाए जांच
मामले की अगली सुनवाई 17 दिसंबर को रखी गई
राजस्थान हाईकोर्ट जस्टिस फरजंद अली की बैंच ने बाड़मेर में एक महिला की संदिग्ध मौत के मामले में पुलिस की ओर से बरती गई खामियों को लेकर सवाल खडे किए हैं
जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट जस्टिस फरजंद अली की बैंच ने बाड़मेर में एक महिला की संदिग्ध मौत के मामले में पुलिस की ओर से बरती गई खामियों को लेकर सवाल खडे किए हैं। हाईकोर्ट ने पुलिस की अड़ियल रवैए एवं गलतियों को लेकर सवाल खड़े करते बाड़मेर महिला थानाधिकारी पुलिस निरीक्षक सत्यप्रकाश, महिला थाने के एएसआई लादूराम एवं जांच अधिकारी पुलिस निरीक्षक सोमकरण से स्पष्टीकरण मांगा कि क्यों नहीं उनके खिलाफ सख्त कारवाई की जाए। इसके साथ ही पुलिस अधीक्षक बाड़मेर से शपथ पत्र मांगा हैं कि मामले की जांच किसी अन्य जांच एजेंसी या अन्य पुलिस रेंज के किसी वरिष्ठ अधिकारी को क्यों नहीं सौंपी जाएं। इसके साथ ही मामले की अगली सुनवाई 17 दिसंबर को रखी गई।
याचिकाकर्ता जोरावर सिंह की ओर से अधिवक्ता मुक्तेश माहेश्वरी ने याचिका पेश करं बताया, कि याची की पुत्री को ससुराल पक्ष ने जलाकर मार दिया। 19 जुलाई 2024 की शाम महिला के जलने की घटना हुई। महिला का पति आरोपी नरेन्द्रसिंह उसे अस्पताल लेकर गया और वहां बताया कि गैस वॉल्व लीकेज होने से जल गई है। उसी दिन रात्रि में 11 बजे के करीब महिला की मौत हो गई।अगले दिन मृतका के पति ने एफआईआर दर्ज करवाई उसमें बताया, महिला ने पेट्रोल डालकर आत्महत्या कर ली है। पुलिस ने इस मामले में चश्मदीद गवाह मृतका की बेटी जो 9 साल की है उसके बयान दर्ज किए थे। पूरे मामले में पुलिस जांच पर सवाल खडे किए गए।
Comment List