जंतर-मंतर पर किसान संसद: केंद्र के 3 कृषि कानूनों का विरोध, कानून वापसी की मांग पर अड़े प्रदर्शनकारी
केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ लंबे समय से आंदोलनरत किसानों ने गुरुवार को राजधानी दिल्ली में जंतर-मंतर में किसान संसद की शुरुआत की है। किसान संगठनों के मुताबिक जब तक संसद का मानसून सत्र जारी रहेगा वह हर रोज ऐसी किसान संसद लगाएंगे।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ लंबे समय से आंदोलनरत किसानों ने गुरुवार को राजधानी दिल्ली में जंतर-मंतर में किसान संसद की शुरुआत की है। किसान संगठनों के मुताबिक जब तक संसद का मानसून सत्र जारी रहेगा वह हर रोज ऐसी किसान संसद लगाएंगे। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान अपनी संसद चलाएंगे। सदन में किसानों के लिए आवाज नहीं उठाने पर संसद सदस्यों (सांसदों) की उनके निर्वाचन क्षेत्रों में आलोचना की जाएगी, फिर चाहे वो किसी भी पार्टी से हों। हम यहां पर अपनी आवाज उठाएंगे, विपक्ष को सदन के अंदर हमारी आवाज बनना चाहिए। किसान संसद की शुरुआत में पहले तो आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि दी गई, उसके बाद किसानों नेताओं पर जो मुकदमे दायर किए गए हैं, उन्हें वापस लेने की मांग उठी।
किसान संसद' की प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह किसानों की बात संसद नहीं सुन रही है, इसलिए सभी सांसदों को हमने चिट्ठी दी है कि हमारे वोट से जीते हैं तो ऐसा करें कि हम वोट देते समय याद रखें। ईमानदार हैं तो हमारा सवाल उठाएं। आज हम यहां आए और यह 13 अगस्त तक लगातार चलेगा। प्रतिदिन 200 किसान सिंघु बॉर्डर से आएंगे और किसानों के मुद्दे पर चर्चा होगी। आज 3 कानूनों के पहले कानून APMC पर चर्चा हुई। इसके बाद हम कानून को संसद में खारिज करेंगे और संसद से अपील करेंगे कि 'किसान संसद' की बात मानकर कानून खारिज करे। इससे पहले सुबह सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर से बसों में भरकर किसानों का जत्था जंतर-मंतर पर पहुंचा। दिल्ली पुलिस ने 200 किसानों को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन की इजाजत दी है। सुबह 11 से शाम 5 बजे तक ये किसान यहां पर प्रदर्शन कर सकेंगे।
सरकार किसानों के साथ खुले मन से चर्चा के लिए तैयार: तोमर
कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने गुरुवार को फिर कहा कि सरकार आन्दोलनकारी किसान संगठनों के साथ खुले मन से चर्चा के लिए तैयार है। तोमर ने संसद भवन परिसर में मीडिया से बातचीत में कहा कि किसान संगठनों को कृषि सुधार कानूनों के जिन प्रावधानों पर आपत्ति है उसे बताएं। सरकार उसका समाधान करेगी। उन्होंने कहा कि कृषि सुधार कानूनों से किसानों की आय में वृद्धि होगी और व्यापारियों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों का सम्मान करती है और उन्हें हरसंभव सहायता उपलब्ध करा रही है।
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