एमपी बना रणजी का नया चैंपियन, फाइनल में 41 बार के चैंपियन मुम्बई को 6 विकेट से हराया

71 साल बाद जीती पहली बार ट्रॉफी, शुभम शर्मा रहा प्लेयर ऑफ द मैच

  एमपी बना रणजी का नया चैंपियन, फाइनल में 41 बार के चैंपियन मुम्बई को 6 विकेट से हराया

बेंगलुरु। अंग्रेज शासन काल के दौरान 1934 में शुरु हुई रणजी ट्रॉफी में मध्य प्रदेश का आगमन 1950-51 सत्र में हुआ था, और मध्य प्रदेश (एमपी) ने रविवार को 2021-22 सत्र के फाइनल मुकाबले में मुंबई को छह विकेट से हराकर 71 साल बाद अपना पहला रणजी खिताब जीत लिया।

बेंगलुरु। अंग्रेज शासन काल के दौरान 1934 में शुरु हुई रणजी ट्रॉफी में मध्य प्रदेश का आगमन 1950-51 सत्र में हुआ था, और मध्य प्रदेश (एमपी) ने रविवार को 2021-22 सत्र के फाइनल मुकाबले में मुंबई को छह विकेट से हराकर 71 साल बाद अपना पहला रणजी खिताब जीत लिया।  मध्य प्रदेश ने बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में हिमांशू मंत्री (37) और शुभम शर्मा (30) की बदौलत 108 रन के लक्ष्य को हासिल कर इतिहास रचा। आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए खेलने वाले रजत पाटीदार ने भी आरसीबी, आरसीबी के नारों के बीच बहूमूल्य 30 रन जोड़े। पाटीदार ने ही अंतिम रन बनाते हुए मध्य प्रदेश को उसका पहला रणजी खिताब जिताया।

मुंबई ने अंतिम 7 विकेट 77 रन पर खोए
मुंबई ने पांचवें दिन 113/2 से शुरुआत करते हुए तेजी से रन बनाये। अरमान  जाफर (40 गेंदों पर 37 रन) के आउट होने के बाद क्रीज पर मौजूद सुवेद पारकर  और सरफ राज खान लय में दिख रहे थे, लेकिन कुमार कार्तिकेय ने पारकर को आउट  कर मध्य प्रदेश के लिये दरवाजे खोल दिये। पारकर ने 58 गेंदों पर तीन चौके  और एक छक्का लगाकर 51 रन बनाये। मुंबई के शम्स मुलानी (17) और तुषार  देशपांडे (7) रन आउट भी हुए जिसने मध्य प्रदेश के काम को आसान किया। 232  रन पर छह विकेट गंवाने के बाद मुंबई की आखिरी उम्मीद सरफराज थे, मगर वह  भी सिर्फ दो चौकों और एक छक्के की मदद से 45 रन ही बना सके। मुंबई ने अपने  अंतिम सात विकेट 77 रन के अंदर खोये और टीम 269 रन पर सिमट गयी।

एमपी को मिला 108 रन का लक्ष्य
पहली पारी  में 162 रन की बढ़त हासिल करने वाली एमपी के सामने 108 रन का लक्ष्य था,  जिसे उन्होंने चार विकेट के नुकसान पर ही हासिल कर लिया। बल्लेबाज यश दूबे सिर्फ एक रन बनाकर पवेलियन लौट गये थे और एक समय पर लग रहा था कि मैच रोमांचक हो सकता है, मगर हिमांशू और शुभम ने दबाव में संयम दिखाते हुए 52 रन की साझेदारी की। हिमांशू के 54 रन पर आउट होने तक एमपी ने आधा रास्ता तय कर लिया था।


चौथे नंबर पर आए पार्थ साहनी सिर्फ पांच रन ही बना सके, लेकिन शुभम ने टीम पर दबाव नहीं बढ़ने दिया और पाटीदार के साथ 45 रन की साझेदारी कर अपनी टीम के लिये पहली रणजी ट्रॉफी सुनिश्चित की। पहली पारी में शतक लगाने वाले शुभम ने दूसरी पारी में एक चौके और एक छक्के के साथ 30 रन बनाये। 101 रन के स्कोर पर शुभम बड़ा शॉट लगाने के प्रयास में आउट हुए जिसके बाद पाटीदार ने टीम को लक्ष्य तक पहुंचाया।  

मध्य प्रदेश का खिताबी सफर
    गुजरात को 106 रन से हराया
    मेघालय को पारी और 301 रन से हराया
    केरल के खिलाफ मुकाबला ड्रॉ रहा
    क्वार्टरफाइनल में पंजाब को 10 विकेट से शिकस्त दी
    सेमीफाइनल में बंगाल पर 174 रन से जीत दर्ज की
    फाइनल में मुंबई को 6 विकेट से हराया।

2 करोड़ के इनाम की घोषणा
इस जीत पर एमपीसीए टीम को 2 करोड़ रुपए का इनाम देगा। संघ के सचिव ने विजेता टीम को दो करोड़ रुपए दिए जाने की घोषणा की।

यह सब करना आसान नहीं था
पूरी तरह से उत्साहित हूं। हम बेहद भावुक हैं। कप्तान के रूप में यह मेरा पहला साल था। मैंने जो कुछ सीखा है वह चंद्रकांत सर से सीखा है। मैं इसे जारी रखना चाहता हूं। यह बहुत ही शानदार है। अच्छा महसूस हो रहा है। यह सब करना आसान नहीं था।-आदित्य श्रीवास्तव: कप्तान मध्यप्रदेश टीम

एमपी टीम ने अच्छा खेला
ए मपी के लड़कों ने जिस तरह से खेला है वह अविश्वसनीय था। टीम में बहुत सारे नए लोग थे।  इस साल नहीं, लेकिन निश्चित रूप से अगले साल हम जीतेंगे। सरफराज, मुलानी, पारकर, अरमान जाफर ने अच्छा खेला। वे टीम का भविष्य हैं।
-पृथ्वी शॉ कप्तान, मुंबई टीम

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