माइंस विभाग ने खनिजों का विपुल भण्डार किए चिन्हित 

अन्तरविभागीय मुद्दों की प्रगति समीक्षा कर रहे थे

माइंस विभाग ने खनिजों का विपुल भण्डार किए चिन्हित 

अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस एवं प्रेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने नगरीय विकास विभाग से समन्वय बनाते हुए इन क्षेत्रों में खनन पट्टे जारी करने की अनुमति के प्रयास किए जा रहे है, ताकि इन क्षेत्रों में अवैध खनन को रोकने के साथ ही खनन पट्टों की ई-नीलामी से आगामी 50 सालों में हजारों करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त किया जा सके।

जयपुर। प्रदेश के माइंस विभाग ने जयपुर सहित 6 शहरी क्षेत्रों में प्रधान और अप्रधान खनिजों का विपुल भण्डार चिन्हित किए है। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस एवं प्रेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने नगरीय विकास विभाग से समन्वय बनाते हुए इन क्षेत्रों में खनन पट्टे जारी करने की अनुमति के प्रयास किए जा रहे है, ताकि इन क्षेत्रों में अवैध खनन को रोकने के साथ ही खनन पट्टों की ई-नीलामी से आगामी 50 सालों में हजारों करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त किया जा सके। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम सचिवालय में माइंस विभाग के अन्य विभागों में विचाराधीन अन्तरविभागीय मुद्दों की प्रगति समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने बताया कि जयपुर, जैसलमेर, अजमेर, जोधपुर और बीकानेर में भण्डार क्षेत्रों को चिन्हित किया गया है। अग्रवाल ने बताया कि माइंस विभाग द्वारा किए गए खनिज संभावित क्षेत्रों के आंकलन और चिन्हीकरण के अनुसार जयपुर शहरी क्षेत्र में 64.50 हैक्टेयर क्षेत्र में 287.50 मैट्रिक टन के भण्डार संभावित है, जिससे 25 से 30 करोड़ का राजस्व संभावित है। जोधपुर शहरी क्षेत्र में 1761.16 हैक्टेयर क्षेत्र में 962.20 मैट्रिक टन के भण्डार से 100 से 125 करोड़ राजस्व संभावित है। जैसलमेर शहरी क्षेत्र में 188.10 हैक्टेयर क्षेत्र में 3 मैट्रिक के भण्डार का आंकलन किया गया है, जिससे 37.70 करोड़ राजस्व संभावित है। अजमेर शहरी क्षेत्र में 227.10 हैक्टेयर में संभावना है और इससे 120 से 150 करोड़ का राजस्व प्रदेश सरकार को प्राप्त होने का अनुमान है। 

अग्रवाल ने बताया कि विभाग द्वारा नगरीय विकास विभाग से उच्च स्तर पर समन्वय बनाया जा रहा है, ताकि शहरी क्षेत्र में आएं इन खनिज भण्डारों के अवैध खनन पर रोक लगाई जा सके। नियमानुसार खनन पट्टों की ई-नीलामी की जा सके, ताकि वैज्ञानिक तरीके से खनन हो सके और राजस्व की छीजत रोकने के साथ ही सरकार को राजस्व प्राप्त हो सके। बैठक में राजस्व, वन व पर्यावरण विभाग से संबंधित अन्तरविभागीय मुद्दों पर भी चर्चा की गई और संबंधित विभागों से उच्च स्तर पर समन्वय बनाते हुए प्रकरणों पर त्वरित कार्रवाई करवाने के निर्देश दिए गए। उन्होंने बताया कि राज्य में खनन पट्टों की नीलामी के साथ ही वैध खनन को बढ़ावा देने और राजस्व बढ़ोतरी के समन्वित प्रयास किए जा रहे हैं। 

Post Comment

Comment List

Latest News