ओवरस्पीड से मौत का तांडव : ड्राइविंग लाइसेंस होंगे स्थाई रूप से निरस्त

ओवरस्पीड से मौत का तांडव : ड्राइविंग लाइसेंस होंगे स्थाई रूप से निरस्त

परिवहन विभाग ने ओवरस्पीड के सेक्शन 183,184 के तहत कार्रवाई करने की तैयारी

 जयपुर। जोधपुर में ऑडी कार चालक द्वारा एक व्यक्ति को कुचलकर मौत के घाट उतारकर दस लोगों को घायल कर दिया गया था। चूंकि इस कार ड्राइवर का यह दूसरा हादसा था। इसलिए लोगों में खतरनाक ड्राइविंग करने वालों को लेकर रोष बढ़ गया है। परिवहन विभाग ने ओवरस्पीड से मौत का तांडव करने वालों का ड्राइविंग लाइसेंस को स्थाई रूप से निरस्त करने की कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए प्रदेशभर के आरटीओ और डीटीओ से इससे संबंधित केसों की जानकारी मांगी गई है। जोधपुर ऑडी कार घटना से पहले भी जयपुर में खासा कोठी सर्किल, सी स्कीम और रामबाग सर्किल पर ऐसे दर्दनाक हादसे हो चुके हैं। इससे परिवहन विभाग के ड्राइविंग लाइसेंस  देने की प्रक्रिया पर सवाल उठता है कि लाइसेंस बनाने के मापदंडों को पूरे किए बिना ही लाइसेंस बना दिए जाते हैं। विभाग में ऐसे लोगों के  डीएल स्थाई रूप से निरस्त करने के नियम होने के बावजूद रसूखवालों पर कार्रवाई नहीं होती।


इस साल हो चुकी हैं 7,227 मौतें
जनवरी से सितंबर तक कुल 15,282 सड़क दुर्घटनाओं में 14096 लोग घायल हुए और 7,227 लोगों की मौतें हुई हैं। दुर्घटना प्रकरणों में परिवहन और पुलिस विभाग ने 28,238 केसों में ड्राइविंग लाइसेंस के निलम्बन की सिफारिश की है।  अभी तक 26,216 लाइसेंस तीन महीने के लिए निलम्बित किए जा चुके हैं।


परिवहन विभाग के पास नहीं है पर्याप्त आंकड़े
 हिट एंड रन केसों के आंकड़े पुलिस और परिवहन विभाग के बीच समय पर आदान प्रदान नहीं हो पाते है। इस वजह से ऐसे प्रकरणों पर कार्रवाई करने में देरी होती है। परिवहन विभाग के पास भी आरटीओ-डीटीओ के माध्यम से लाइसेंस निलम्बन और निरस्त की रिपोर्ट समय पर नहीं पहुंचती। परिवहन मुख्यालय में भी ऐसे केसों के पर्याप्त आंकड़े नहीं हैं।


इनका कहना है
- कानून की नजर में कोई रसूखदार नहीं है। किसी की जान लेने का किसी को भी नहीं है। मोटर व्हीकल एक्ट में ऐसे केसों में कार्रवाई के लिए जो भी सख्त प्रावधान हैं, हम उनको लागू करेंगे। परिवहन कानूनों की पालना के लिए हम राजस्थान में अनूठी मिसाल पेश करेंगे। जोधपुर ऑडी कार केस सहित अन्य प्रकरणों पर मंथन किया जा रहा है।
महेन्द्र सोनी, परिवहन आयुक्त

तीन महीने के लिए सस्पेंड से बढ़ते हैं हौसले

सड़क दुर्घटना के लिए जिम्मेदार कारणों में अलग-अलग जुर्माने का प्रावधान हैं। रेड लाइट तोड़ना, ओवरस्पीड, मोबाइल पर बातचीत, ड्रंक एंड ड्राइव, ओवरलोड आदि पर पहली बार में पकड़े जाने पर सेक्शन 19 के तहत तीन महीने के लिए लाइसेंस निलम्बित होता है। दूसरी बार पकड़े जाने पर सेक्शन 183 (ओवरस्पीड),184 (खतरनाक ड्राइविंग), 185 (नशे में वाहन), 189 (रेसिंग),190 (अनसेफ कंडीशन में वाहन चलाना) के तहत लाइसेंस को हमेशा के लिए निरस्त करने तक की कार्रवाई है। रसूखदार दूसरी बार पकड़े जाने पर अपने रसूख से बच निकलते हैं।

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