ब्रिटेन ने हटाया शेल गैस फ्रैकिंग से प्रतिबंध
ब्रिटेन ने किया नये तेल एवं गैस लाइसेंसिंग को समर्थन
ब्रिटेन सरकार ने अक्टूबर की शुरुआत में उत्तरी सागर संक्रमण प्राधिकरण द्वारा लॉन्च किए गए एक नए तेल और गैस लाइसेंसिंग दौर की योजना की भी पुष्टि की है, जिससे अन्वेषण के लिए फ्रैकिंग समेत 100 से अधिक नए लाइसेंसों का रास्ता साफ हो सकता है।
लंदन। यूक्रेन युद्ध के बाद गंभीर ऊर्जा संकट का सामना कर रहे ब्रिटेन ने औपचारिक रूप से शेल (एक प्रकार का अपशिष्ट) गैस की फ्रैकिंग से प्रतिबंध हटा लिया है और नये तेल एवं गैस लाइसेंसिंग को समर्थन देने की पुष्टि की है। ब्रिटिश सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया कि देश की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने के इरादे से सरकार शेल गैस उत्पादन पर लगी रोक को हटा रही है। सरकार ने अक्टूबर की शुरुआत में उत्तरी सागर संक्रमण प्राधिकरण द्वारा लॉन्च किए गए एक नए तेल और गैस लाइसेंसिंग दौर की योजना की भी पुष्टि की है, जिससे अन्वेषण के लिए फ्रैकिंग समेत 100 से अधिक नए लाइसेंसों का रास्ता साफ हो सकता है।
ब्रिटेन के व्यापार सचिव जैकब रीस-मोग ने कहा कि ऊर्जा सुरक्षा की मजबूती सरकार की प्राथमिकता है। 2019 में ब्रिटेन सरकार ने कहा था कि फ्रैकिंग तभी फिर से शुरू होगी जब इसकी वैज्ञानिक रूप से पुष्टि होगी कि इसे सुरक्षित रूप से किया जा सकता है। अपने पुराने बयान से पलटते हुये व्यापार, ऊर्जा और औद्योगिक रणनीति विभाग ने तर्क दिया कि प्रतिबंध हटाने से और डेटा एकत्र किया जा सकेगा। इंग्लैंड ने 2019 में फ्रैकिंग यानी एक ऐसी ड्रिलिंग तकनीक जो भूगर्भ से तेल, प्राकृतिक गैस निकालने के लिये काम में आती है, इस पर इसलिये रोक लगा दी थी कि इससे पृथ्वी के भीतर कंपन कमी संभावनाएं जतायी गयी थी, मगर तेल एवं गैस प्राधिकरण की एक रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा तकनीक से झटके (कंपन) की संभावना का सटीक अनुमान लगाना संभव नहीं है।
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