सियासी संकट में गहलोत को साथ देने वाले दोस्तों को मिलेगा इनाम

सियासी संकट में गहलोत को साथ देने वाले दोस्तों को मिलेगा इनाम

मंत्रिमंडल पुनर्गठन का काउंटडाउन शुरू

 जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मंत्रिमंडल पुनर्गठन का काउंटडाउन शुरू हो गया है। इस पुनर्गठन में सियासी संकट के बीच गहलोत को साथ देने वाले दोस्तों को मंत्री पद के साथ राजनीतिक नियुक्तियों का इनाम मिलेगा। इस इनाम के लिए कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री संकेत भी दे चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा था कि अगर ये दोस्त नहीं होते तो कभी की राजस्थान में भी कांग्रेस की सरकार गिर जाती। सरकार गिराने के षड्यंत्र को इन्हीं दोस्तों के साथ से कामयाब नहीं होने दिया गया। सही समय पर इन दोस्तों को पुरस्कृत किया जाएगा। मुख्यमंत्री से दोस्ती निभाने वालों में बसपा से कांग्रेस में आए छह विधायकों के साथ ही 13 निर्दलीय विधायक भी है। मुख्यमंत्री ने संकेत दे दिए हैं कि अब राजस्थान में भी जल्द ही मंत्रिमंडल का पुनर्गठन किया जाएगा। गहलोत के इस बयान के बाद माना जा रहा है कि 20 नवंबर के बाद कभी भी मंत्रिमंडल पुनर्गठन किया जा सकता है।

अगले चुनावों की दिखेगी छाप
सूत्रों के अनुसार गहलोत मंत्रिमंडल का पुनर्गठन अगले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर किया जाएगा। यानि कि इसमें  मिशन 2023 की छाप दिखेगी। पार्टी को चुनाव जिताने वाले और व्यापक प्रभाव वाले विधायकों को अवसर मिलेगा। एक व्यक्ति एक पद का सिद्धान्त लागू होगा। दो या तीन महिलाओं को भी तरजीह दी जाएगी। मंत्रिमंडल में जातिगत और क्षेत्रवाद के साथ ही कांग्रेस पार्टी के प्रति वफादारी के समीकरणों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। जातिगत समीकरणों में ब्राह्मण चेहरों के तौर पर महेश जोशी और राजकुमार शर्मा में से एक को मंत्री बनाया जा सकता है। जाट नेता के तौर पर रामलाल जाट और महादेव सिंह खण्डेला को मौका मिल सकता है। आदिवासी क्षेत्र से महेंद्र जीत सिंह मालवीय को भी मंत्री बनाया जा सकता है। अशोक चांदना और टीकाराम जूली को प्रमोशन मिल सकता है। दोस्तों का इनाम के समीकरण में बसपा से आने वाले विधायकों में राजेंद्र गुढ़ा को मंत्री बनाया जा सकता है। मंत्रिमंडल विस्तार में प्रियंका गांधी का फार्मूला नजर आ सकता है। इस वजह से तीन महिला विधायकों के नाम काफी चर्चाओं में हैं। दलित और महिला विधायक के तौर पर मंजू मेघवाल, गुर्जर विधायक के तौर पर शकुंतला रावत और मुस्लिम महिला चेहरे के तौर पर जाहिदा का नाम दौड़ में सबसे आगे हैं। पायलट कैंप से दो या तीन मंत्री बनाए जाने की चर्चाएं जोरों पर हैं। लेकिन पायलट गुट ने अभी तक इनके नामों का खुलासा नहीं किया है। अगर पायलट खेमे से किसी को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाता है, तो रमेश मीणा या मुरारी मीणा में से किसी एक को मौका मिल सकता है। हेमाराम चौधरी या बृजेन्द्र ओला में से किसी एक को मंत्री बनाया जा सकता है।

अभी है नौ पद खाली
गहलोत के मंत्रिमंडल में अभी नौ पद खाली है। इनके अलावा तीन मंत्रियों रघु शर्मा, हरीश चौधरी और गोविंद सिंह डोटासरा का मंत्री पद जाना भी लगभग तय माना जा रहा है। कुछ मंत्रियों को हटाया भी जा सकता है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि 12-15 नए चेहरों को अवसर मिल सकता है।

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