दैनिक नवज्योति की ख़बर का असर : आरयू पर कार्रवाई के लिए राज्य सरकार ने बनाई जांच कमेटी

दैनिक नवज्योति की ख़बर का असर : आरयू पर कार्रवाई के लिए राज्य सरकार ने बनाई जांच कमेटी

आयोग रेग्यूलेसंश की सीएएस प्रक्रिया में अवहेलना का मामला : आरयू के सेवानिवृत्त शिक्षकों को दिया था पदोन्नति का लाभ, यूजीसी ने उठाए थे सवाल

जयपुर। राजस्थान विश्वविद्यालय में कॅरियर एडवांसमेंट स्कीम (सीएएस) के तहत बनाए गए 200 से ज्यादा प्रोफेसर्स का मामला एक बार फिर तूल पकड़ता जा रहा है। अब राज्य सरकार ने आरयू पर अगली कार्रवाई के लिए जांच कमेटी बना दी है। हाल ही में इस मामले में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने भी कठोर कदम उठाते हुए आरयू को कड़े शब्दों में लेटर लिखकर स्पटीकरण मांगा है। दैनिक नवज्योति ने 12 नवंबर को राजस्थान विश्वविद्यालय की मान्यता और ग्रांट पर मंडराया संकट और 14 अगस्त को ‘चयन समिति के प्रतिनिधि ने किया बहिष्कार, आरयू की सीएएस प्रक्रिया पर उठे सवाल’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद राज्य सरकार और यूजीसी ने सीएएस चयन प्रक्रिया के बारे में जानकारी मांगी है।

प्रो. त्रिवेदी की निगरानी में बनाई समिति
राज्य सरकार ने गोविन्द गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय, बांसवाड़ा के कुलपति प्रो. आईबी त्रिवेदी को संयोजक बनाते हुए कमेटी बनाई है। उच्च शिक्षा विभाग ग्रुप-4 के शासन सचिव एनएल मीना के अनुसार कमेटी में जयनारायण व्यास विवि जोधपुर के पूर्व कुलपति प्रो. श्याम लाल, मोहन लाल सुखाड़िया विवि उदयपुर के प्रो. घनश्याम सिंह, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नई दिल्ली के संयुक्त सचिव गोपू कुमार, संयुक्त शासन सचिव वित्त विभाग राज्य सरकार को सदस्य बनाया गया है। यह जांच समिति यूसीसी रेगुलेशन्स के प्रावधानों और नियमों को देखते हुए परीक्षण कर जांच रिपोर्ट तथा राज्य सरकार के स्तर से की जाने वाली कार्रवाई के संबंध में अपनी स्पष्ट अनुशंषा 15 दिन में राज्य सरकार को देगी।

यह था मामला

यूजीसी रेगुलेशन के अनुसार सेवानिवृत शिक्षकों को सीएएस का लाभ नहीं मिल सकता है, लेकिन विवि प्रशासन उनको लाभ दे रहा है। विश्वविद्यालय की सिंडिकेट तथा चयन समिति में राज्य सरकार के प्रतिनिधि प्रो. रामलखन मीना ने सीएएस के सम्बन्ध में नियमों और प्रक्रियाओं के बारे में बताते हुए विश्वविद्यालय को नियमों की पालना के लिए लिखा था, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने राज्य सरकार के प्रतिनिधि की बात को नजर अंदाज करते हुए चयन प्रक्रिया की। इस पर प्रो. मीना ने यूजीसी, राज्य सरकार और राजभवन तीनों को अवगत कराया है।

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