प्रेम प्रसंग के चलते पति की हत्या करने वाली पत्नी और प्रेमी गिरफ्तार 

पुलिस ने छह माह बाद मृतक की कुछ हड्डियां ही की बरामद

प्रेम प्रसंग के चलते पति की हत्या करने वाली पत्नी और प्रेमी गिरफ्तार 

रीमा का प्रेमी एक माह पूर्व भागेन्द्र जो कि उसका पड़ोसी था वह रात्रि के समय अपनी पे्रेमिका के पास आ गया जिसे पवन के पिता हरप्रसाद ने रंगे हाथों अवैध संबंध बनाते हुए पकड़ लिया और मकान की बाहर से कुंदी लगा दी। थाना चिकसाना पुलिस को सूचना दी, लेकिन भागेन्द्र ने अपने परिजनों को सूचित कर दिया।

भरतपुर। दिल्ली के श्रद्धा मर्डर की तर्ज पर थाना चिकसाना क्षेत्रांतर्गत गांव नोंह में भी एक व्यक्ति की उसकी पत्नी और प्रेमी ने मिलकर हत्या कर दी जिसका खुलासा छह महीने बाद पुलिस द्वारा किया गया। गत 4 जून को नोंह निवासी हरप्रसाद ने अपने  पुत्र पवन की गुमशुदगी का मामला थाना चिकसाना पर दर्ज कराते हुए बताया कि गत 29 मई की रात्रि को रहस्मय तरीके से पवन गायब हो गया जिसकी काफी तलाश की गई, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चल सका और पवन की पत्नी रीमा जो की कानपुर निवासी थी वह अपने ससुराल में आराम से रह रही थी और पुलिस को गुमराह कर दिया कि उसका पति रात्रि को अचानक गायब हो गया है। मामला पुलिस ने गुमशुदगी का दर्ज कर लिया और इतिश्री कर दी, लेकिन कहावत है कि इश्क और मुश्क छिपाए नहीं छिपते। 

रीमा का प्रेमी एक माह पूर्व भागेन्द्र जो कि उसका पड़ोसी था वह रात्रि के समय अपनी पे्रेमिका के पास आ गया जिसे पवन के पिता हरप्रसाद ने रंगे हाथों अवैध संबंध बनाते हुए पकड़ लिया और मकान की बाहर से कुंदी लगा दी। थाना चिकसाना पुलिस को सूचना दी, लेकिन भागेन्द्र ने अपने परिजनों को सूचित कर दिया। भागेन्द्र के 10-15 परिजन हरप्रसाद के घर आ गए और जबरन भागेन्द्र को छुड़ा ले गए और हरप्रसाद को समझा दिया कि आगे से इस प्रकार की कोई गलती नहीं होगी, लेकिन पवन के पिता हरप्रसाद को अपने पुत्र के साथ किसी अनहोनी को लेकर संदेह गहरा गया और उन्होंने रीमा पर नजर रखना शुरू कर दिया और लोकलज के चलते उन्होंने रीमा को उसके मायके कानपुर भेज दिया। इससे पूर्व रीमा ने परिवार को दिखाने के लिए पति की दीर्घायु के लिए करवाचौथ का व्रत भी किया बताया। जब रीमा अपने मायके चली गई तो हरप्रसाद की बेटी उनसे मिलने अपने घर आई और रीमा के कमरे की सफाई आदि करने लगी तो उसके बैड में एक रजाई की खोल और सलवार सूट पर खून के धब्बे मिले जिसे देखकर हरप्रसाद का संदेह यकीन में बदल गया और हरप्रसाद ने पुलिस को सूचना दी जिस पर सहायक पुलिस अधीक्षक बृजेश ज्योति उपाध्याय के निर्देशन में कार्रवाई करते हुए रीमा को पुलिस ने कानपुर से बुलाया और जब रीमा हत्या के मामले में टूट गई तो उसके पे्रमी भागेन्द्र को रीमा के द्वारा मिलने के लिए फोन कराया गया जिस पर भागेन्द्र दिल्ली से भरतपुर आया जहां पुलिस ने मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ की तो दोनों आरोपियों ने मृतक पवन की हत्या की बारदात को करना कबूल कर लिया। मृतक पवन की शादी रीमा के साथ करीब सात साल पूर्व हुई थी जिनके एक पुत्र कार्तिक व एक पुत्री कार्तिका हैं। शादी के करीब 2 साल बाद रीमा और पडौसी युवक भागेन्द्र उर्फ भोला की आंख लÞड गई और रीमा व भागेन्द्र उर्फ  भोला छिपछिपकर मिलने लगे।  

गत 29 मई को आरोपी भागेन्द्र उर्फ भोला जो दिगी में प्राइवेट नौकरी कर रहा था। उससे रीमा ने फोन से संपर्क कर मिलने के लिये वुलाया तो भागेन्द्र उर्फ भोला अपने मित्र दीप के साथ मोटरसाईकिल से 29 मई की रात्रि को गॉव नौंह आ गया और रात्रि में करीव 12.30 बजे अपने साथी दीप को रीमा के घर के बाहर खडा कर स्वयं रीमा से मिलने के लिये घर के अन्दर चला गया। रीमा घर के अन्दर पहले से ही भागेन्द्र उर्फ भोला का इंतजार कर रही थी, और उसका पति पवन तब तक सो चुका था। अचानक जब रीमा व भागेन्द्र उर्फ भोला आपत्तिजनक स्थिति में थे तो पवन के जागने पर उसने विरोध किया। आरोपी भागेन्द्र उर्फ  भोला ने पवन का मुंह दबा दिया और बाहर खडे अपने दोस्त दीप को भी घर के अन्दर बुला लिया। पवन को रीमा, भागेन्द्र उर्फ भोला ने दीप की मदद से गला दबाकर मार दिया तथा लाश को एक शॉल में लपेटकर प्लास्टिक की रस्सी से बांधकर बोरे में डाल दिया। भागेन्द्र उर्फ भोला व दीप ने मोटरसाईकिल द्वारा घर से करीब दो किमी दूर नौंह के गंदे पानी की नहर में एक बड़ा पत्थर बांधकर डाल दिया। मृतक की लाश को ठिकाने लगाकर दोनों दोस्त रात में ही वापस दिल्ली चले गए। दोनों आरोपियों को पुलिस गांव के नजदीक ही बह रही नहर पर ले गई तो उनकी निशानदेही पर मृतक पवन के पेन्ट की जेब में मिले आधार कार्ड, उसकी पत्नी का आधार कार्ड, जन आधार कार्ड आदि जब्त किए। मृतक की शरीर के अवशेष स्वरूप हडिड्या मिली जिन्हें जब्त किया गया। मृतक की लाश को पानी में करीब 6 माह से अधिक समय हो जाने के कारण पुरी तरह छरण (नष्ट) हो जाने के कारण कुछ हड्डियों के अवशेष ही नहर से मिल सके है।

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