सेमीकंडक्टर चिप में आत्मनिर्भर बनेगा भारत
मोदी कैबिनेट ने दी 76,000 करोड़ रुपए की योजना को मंजूरी : अगले छह साल में विकसित किया जाएगा कंप्लीट इकोसिस्टम
नई दिल्ली। देश में सेमीकंडक्टर चिप्स के मामले में चीन जैसे देशों पर निर्भरता कम करने के लिए मोदी सरकार ने 76,000 करोड़ रुपए की एक महत्वाकांक्षी योजना को मंजूरी दे दी। इसके तहत अगले छह साल में देश में सेमीकंडक्टर चिप्स का एक कंप्लीट इकोसिस्टम विकसित किया जाएगा। इसमें सेमीकंडक्टर डिजाइन, कंपोनेंट्स मैन्युफैक्चरिंग और डिस्प्ले फैब्रिकेशन यूनिट्स की स्थापना शामिल है। यह प्रोत्साहन तीन तरीकों से क्रियान्वित होगा। योजना के तहत कंपाउड सेमीकंडक्टर वैफर फैब्रिकेशन (फैब), असेंबली, टेस्टिंग और पैकेजिंग सुविधा के लिए इकाई स्थापित करने में जो लागत आएगी उस पर 25 फीसद के प्रोत्साहन का प्रावधान होगा। इस योजना में ऐसे स्टार्टअप को भी प्रोत्साहन दिया जाएगा जो सेमीकंडक्टर की डिजाइन को विकसित करने का काम करेंगे। प्रस्तावित योजना में उद्योगों द्वारा करीब 1.7 लाख करोड़ के निवेश की कल्पना की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। बाद में आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विस्तार से इस योजना के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। इसके तहत देश में सेमीकंडक्टर चिप्स का डिजाइन, फैब्रिकेशन, पैकेजिंग, टेस्टिंग और कंप्लीट इकोसिस्टम डेवलप किया जाएगा। इसके लिए 76 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी दी गई है। भारत को ग्लोबल हब बनाने के लिए 2.3 लाख करोड़ रुपए का इनसेंटिव दिया जाएगा। इसे मिशन मोड में चलाने के लिए इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन की स्थापना की जाएगी।
यह है सरकार की योजना
सरकार भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग का हब बनाना चाहती है। देश में मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए कई पीएलआई स्कीम्स लाई है। सरकार का लक्ष्य डिस्प्ले के लिए एक से दो फैब यूनिट स्थापित करने का है, डिजाइनिंग और मैन्युफैक्चरिंग कंपोनेंट्स के लिए 10-10 यूनिट लगाने का प्लान है।
क्या है सेमीकंडक्टर चिप
उपकरणों में अहम कंपोनेंट
सेमीकंडक्टर चिप्स इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में इस्तेमाल होने वाला एक अहम कंपोनेंट होता है, जैसे स्मार्टफोन, लैपटॉप, कार और दूसरे उपकरण और वाहन। वैश्विक स्तर पर सेमीकंडक्टर के अभाव की वजह से कई उद्योग पिछले एक साल से जूझ रहे हैं, जिसकी वजह से स्मार्टफोन, निजी कंप्यूटर, गेम कंसोल, आॅटोमोबाइल और चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति पर भी असर पड़ रहा है।
आधार से जोड़ सकेंगे वोटर आईडी, चुनाव सुधारों को मोदी कैबिनेट ने दी मंजूरी
निर्वाचन आयोग की सिफारिशों के आधार पर चुनावी प्रक्रिया में सुधार के लिए मोदी कैबिनेट ने अहम फैसला किया है। चुनाव सुधारों के तहत अब स्वैच्छिक आधार पर आधार को वोटर आईडी कार्ड से जोड़ा जा सकेगा। इसके अलावा इन सुधारों के तहत 18 वर्ष पूरे कर चुके पहली बार वोट देने वाले वोटर्स एक जनवरी के बजाय अब चार कटऑफ डेट्स के साथ, साल में चार बार खुद को पंजीकृत कर सकेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक से पारित विधेयक के अनुसार सेवा मतदाताओं के लिए चुनावी कानून को ‘जेंडर न्यूट्रल’ बनाया जाएगा। चुनाव आयोग का दावा है कि उसके पायलेट प्रोजेक्ट्स बेहद सफल रहे हैं। ये चुनाव प्रक्रिया में दोहराव यानी डबल मतदान को रोकने में कारगर होंगे। सूत्रों की मानें तो सरकार इन अहम चुनाव सुधारों को संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में पेश कर सकती है। उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग ने इससे पहले कई चुनावी सुधारों पर जोर देते हुए सरकार को सुझाव दिए थे। चुनाव आयोग ने इस साल जून में कानून मंत्रालय को पत्र लिखकर इन लंबित चुनावी सुधारों को तत्काल लागू करने का अनुरोध किया था।
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