देवराज और लालित्या को जयमहल पैलेस का मिलेगा मालिकाना हक
पूर्व राजपरिवार के सदस्यों में जयमहल और रामबाग होटल की हिस्सेदारी तय
जयपुर। जयमहल पैलेस और रामबाग होटल की संपत्ति को लेकर जयपुर के पूर्व राजघराने के बीच कानूनी विवाद का सुप्रीम कोर्ट ने पटाक्षेप कर दिया। दिवंगत गायत्री देवी के पोते देवराज और उनकी बहन लालित्य तथा पृथ्वीराज सिंह के पुत्र विजित सिंह सहित सभी पक्षकारों ने कोर्ट के बाहर समझौता कर लिया है। समझौते के अनुसार गायत्री देवी के पोते देवराज सिंह और पोती लालित्या कुमारी को जयमहल पैलेस का पूरा मालिकाना हक मिलेगा। बदले में दोनों को रामबाग पैलेस में से उनके पिता की हिस्सेदारी छोड़नी होगी। इसी तरह जयसिंह, दिवंगत पृथ्वीराज सिंह के पुत्र विजित सिंह को रामबाग प्राइवेट लिमिटेड में पूरी हिस्सेदारी मिलेगी। जयसिंह और विजित सिंह जयमहल से अपने शेयर छोड़ेगे। दोनों पक्ष इस पर सहमत हो गए हैं।
पूर्व राजपरिवार में प्रोपर्टी के बंटवारे को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आर्बिट्रेटर और सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस कुरियन जोसेफ मध्यस्थता में हुए समझौते को मान्य करते हुए देवराज व अन्य की अपील को निस्तारित कर दिया। आपसी समझौते के अनुसार देवराज और लालित्य का रामबाग होटल की मालिकाना हक वाली कंपनी रामबाग पैलेस प्राइवेट लिमिटेड में कोई शेयर नहीं होगा। जबकि जयमहल पैलेस प्राइवेट लिमिटेड में जय सिंह, दिवंगत पृथ्वीराजसिंह और उनके पुत्र विजित सिंह की कोई हिस्सेदारी नहीं रहेगी। समझौते के अनुसार देवराज और लालित्य को रामबाग पैलेस में अपने पिता के 4.74 फीसदी शेयर छोड़ने होंगे। रामबाग पैलेस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में रामबाग पैलेस होटल, रामगढ़ लॉज और सवाई माधोपुर शटिंग लॉज शामिल हैं। अब समझौते के बाद देवराज और लालित्य का कोई हिस्सा नहीं रहेगा।
दोनों पक्ष कंपनी लॉ बोर्ड में नए सिरे से दस्तावेज पेश करेंगे
पूर्व राजपरिवार से जुड़े दोनों पक्षों के बीच हुए समझौते को अब लागू करवाना भी आर्बिट्रेटर की जिम्मेदारी है। दोनों पक्षों में से अब कोई कोर्ट नहीं जाएगा। कोर्ट के बाहर हुए इस समझौते के बाद जयमहल और रामबाग के शेयर होल्डिंग पैटर्न में होने वाले बदलाव की जानकारी कंपनी लॉ बोर्ड को देनी होगी।
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