अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में जीवों पर भारतीय मानसून के असर की दी जानकारी
भारतीय वन अधिकारी अरिजीत बैनर्जी मौजूद रहे
सम्मेलन के संयोजक डॉ. मुकेश कुमार बैरवा ने सम्मेलन की विषय वस्तु की जानकारी दी। सम्मेलन की मुख्य वक्ता डॉ. मार्टिना स्टेबिक ने लुनार झील की वनस्पति व जीवों पर भारतीय मानसून के असर के बारे में बताया।
जयपुर। राजस्थान विश्वविद्यालय के भूगर्भ शास्त्र विभाग द्वारा दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा हैं। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजीव जैन ने की। इसमे डॉ. मार्टिना स्टेबिक व भारतीय वन अधिकारी अरिजीत बैनर्जी मौजूद रहे। सम्मेलन के संयोजक डॉ. मुकेश कुमार बैरवा ने सम्मेलन की विषय वस्तु की जानकारी दी। सम्मेलन की मुख्य वक्ता डॉ. मार्टिना स्टेबिक ने लुनार झील की वनस्पति व जीवों पर भारतीय मानसून के असर के बारे में बताया। इसके साथ ही उन्होंने झील के चारों ओर के वातावरण को समझाते हुए पराग कण का उपयोग वृक्ष की जाति और जीवाश्मों के अध्ययन में बताया। डॉ. धर्मेंद्र खंडल ने सम्मेलन की पृष्ठभूमि को बनाए रखते हुए राजस्थान के रणथंभौर टाइगर रिजर्व से जुड़े समस्त टाइगर कॉरिडोर के बारे में बताया। इसी संदर्भ में आगे निकित सूर्वे ने लिविंग विथ लैपर्ड्स विषय पर संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान के तेंदुओं की जैव विविधता व संरक्षण के बारे में चर्चा की।
साथ ही डॉ श्रुति कांगा ने फारेस्ट फायर की रोकथाम की जानकारी दी। डॉ सूरज सिंह ने हाथियों और मनुष्यों के बीच हो रही मुठभेड़ के बारे में जानकारी दी। इस दो दिवसीय कांफ्रेंस में 100 से अधिक एब्सट्रैक आए है जिनको एक सौवेनिर के रूप में कांफ्रेंस के मुख्य अतिथि डॉ राजीव जैन, कुलपति, राजस्थान विश्वविद्यालय द्वारा विमोचन किया गया। साथ ही होप एंड बियोंड संस्था की ओर से राजस्थान के सांप नाम से पोस्टर का विमोचन किया गया।
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