थर्मल से होने वाले वायु प्रदूषण को कम करेगा स्मॉग टावर
अब स्मॉग टावर से होगी शहर की हवा शुद्ध, नगर निगम कोटा दक्षिण 4 करोड़ की लागत से लगाएगा स्मॉग टावर
शहर में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए नगर निगम प्रयास कर रहा है। लेकिन अब उससे भी आगे प्रदेश में पहली बार कोटा में स्मॉग टावर लगाया जाएगा। करीब 20 से 24 फीट ऊंचे चिमनी नुमा इस टावर में हाई पावर फिल्टर लगे होते हैं। जिससे यह हवा में दूषित कणों को सोख लेता है।
कोटा। स्मार्ट सिटी के साथ ही पर्यटन नगरी बनने जा रहे कोटा शहर में वायु प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। इसे नियंत्रित करने के लिए अब नगर निगम कोटा दक्षिण स्मॉग टावर लगाएगा। यह टावर थर्मल से होने वाले वायु प्रदूषण को भी कम करने में सक्षम होगा। जिसके लिए करीब 4 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है। कोटा शहर में वाहनों की संख्या बढ़ने और निर्माण कार्यों के चलते वायु प्रदूषण का स्तर भी काफी अधिक हो गया है। ऐसे में शहर में रहने वालों के लिए शुद्ध हवा में श्वांस लेना दूभर होता जा रहा है। कोटा थर्मल से भी निकलने वाली राख से सबसे अधिक पर्यावरण प्रदूुषित हो रहा है। जिससे दादाबाड़ी समेत दूर दराज के क्षेत्रों तक की हवा में राख के कण मिलने से वह प्रदूषित हो रही है। शहर के वायु प्रदूषण को कम करने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड करोड़ों रुपए खर्च कर रहा है। 15 वें वित्त आयोग के तहत बोर्ड ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए नगर निगम को बजट आवंटित किया है। इस बजट से नगर निगम कोटा उत्तर व दक्षिण कार्य कर रहे हैं।
कोटा में पहली बार लगाया जाएगा स्मॉग टावर
वैसे तो शहर में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए नगर निगम प्रयास कर रहा है। लेकिन अब उससे भी आगे प्रदेश में पहली बार कोटा में स्मॉग टावर लगाया जाएगा। जिला कलक्टर की अध्यक्षता में गत दिनों हुई जिला पर्यावरण समिति की बैठक में स्मॉग टावर लगाने का निर्णय किया गया है। इस टावर के माध्यम से शहर की प्रदूुषित हवा को शुद्ध किया जाएगा। शहर में किसी भी एक स्थान पर इस टावर को लगाया जाएगा। करीब 20 से 24 फीट ऊंचे चिमनी नुमा इस टावर में हाई पावर फिल्टर लगे होते हैं। जिससे यह हवा में दूषित कणों को सोख लेता है। उसे फिल्टर से शुद्ध कर वापस हवा को पर्यावरण में ही छोड़ देता है। जिससे लोगों को शुद्ध हवा मिल सकेगी। नगर निगम अधिकारियों के अनुसार स्मॉग टावर राजस्थान में कहीं भी नहीं है। सबसे पहले कोटा में ही इसे लगाने की योजना है।
दिल्ली व चंडीगढ़ समेत कई जगह पर टावर
नगर निगम अधिकारियों के अनुसार स्मॉग टावर अभी तक दिल्ली व चंडीगढ़ समेत कुछ चुंिनंदा जगह पर ही है। जहां वायु प्रदूषण अधिक है वहां इस तरह के टावर लगाए गए हैं। कोटा में भी वायु प्रदूषण का स्तर काफी अधिक होने से इस तरह का टावर यहां भी लगाने की योजना है।
एंटी स्मॉग गन का भी किया जा रहा उपयोग
कोटा में बढ़ते वायु प्रदूषण को कम करने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के बजट से दोनों नगर निगमों ने गत वर्ष एंटी स्मॉग गन मशीनें क्रय की थी। छोटी और बड़ी मशीनों का उपयोग शहर के मुख्य मार्गों पर किया जा रहा है। जहां दिन के समय मशीनों से पानी का छिड़काव किया जा रहा है। ऐसी जगह पर जहां वायु प्रदूषण अधिक है वहां इन मशीनों से पानी का छिड़काव किया जा रहा है। जिससे पानी की बौछार से धूल के कण नीचे बैठ जाते हैं और लोगों को श्वांस लेने में परेशानी नहीं हो रही है।
4 करोड़ का बजट
नगर निगम कोटा दक्षिण के अधिशाषी अभियंता ए.क्यू कुरैशी ने बताया कि 15 वें वित्त आयोग के तहत प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नगर निगम कोटा दक्षिण को पूर्व में 54 करोड़ रुपए दिए थे। हाल ही में 10 करोड़ रुपए और दिए हैं। उसमें से 4 करोड़ रुपए से स्मॉग टावर लगाने की योजना है। कुरैशी ने बताया कि इस तरह का टावर चंडीगढ़ में लगा होने से निगम की टीम वहां जाकर उसका परीक्षण करेगी। उसके बाद उसी तरह का लेकिन कोटा की जरूरत के हिसाब से स्मॉग टावर कोटा में भी लगाने की योजना है। उस टावर की क्षमता व ऊंचाई बाद में तय की जाएगी। लेकिन उसे ऐसी जगह या चौराहे पर लगाया जाएगा जहां वायु प्रदूषण अधिक होगा। यह टावर थर्मल की राख से होने वाले प्रदूषण को भी कम करने में सहायक होगा।
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