चीन का सामना करने को तैयार अमेरिका, एक खरब डॉलर तक होगा रक्षा बजट
अमेरिका को चीन की तरफ से खतरा पैदा हुआ है
कई दशकों बाद अमेरिका के रक्षा बजट में होने वाली इस बढ़ोत्तरी के पीछे चीन को बड़ी वजह बताया जा रहा है। रक्षा विशेषज्ञों की मानें तो दशकों बाद अमेरिका को चीन की तरफ से खतरा पैदा हुआ है।
वॉशिंगटन। अमेरिका के रक्षा विभाग पेंटागन ने एडवांस्ड मिसाइल, अंतरिक्ष में रक्षा और मॉर्डन जेट्स के जखीरे को दिमाग में रखते हुए अपने बजट में असाधारण तरीके से इजाफा करने की तैयारी की है। कई दशकों बाद अमेरिका के रक्षा बजट में होने वाली इस बढ़ोत्तरी के पीछे चीन को बड़ी वजह बताया जा रहा है। रक्षा विशेषज्ञों की मानें तो दशकों बाद अमेरिका को चीन की तरफ से खतरा पैदा हुआ है। ऐसे में रक्षा बजट का बढ़ाना लाजिमी है। अमेरिका अब अपनी सेनाओं पर करीब एक खरब डॉलर खर्च करेगा। चीफ फाइनेंशियल आॅफिसर की तरफ से सोमवार को रक्षा बजट के बारे में जानकारी दी गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की तरफ से कांग्रेस के पास 842 बिलियन डॉलर वाले रक्षा बजट के प्रस्ताव को मंजूरी के लिए भेजा गया है।
क्या मिलेगी इस बजट को मंजूरी
पेंटागन के कंपट्रोलर माइकल मैकॉर्ड ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अगर महंगाई पर नजर डालें तो यह बजट निश्चित तौर पर पांच सालों से पहले ही एक खरब डॉलर तक पहुंच जाएगा। उनकी मानें तो रक्षा बजट में इतना इजाफा काफी एतिहासिक है। हालांकि देश का रक्षा बजट देश की जीडीपी का सिर्फ तीन फीसदी ही है। मैकॉर्ड ने कहा कि अगर इसकी तुलना द्वितीय विश्व युद्ध से की जाए तो पता लगता है कि यह जीडीपी से काफी कम है। बाइडेन की तरफ से पिछले हफ्ते बजट का प्रस्ताव भेजा गया है जिसमें 6.8 खरब डॉलर के रक्षा खर्च की मंजूरी मांगी गई है।
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