3 साल से कोरोना वॉरियर्स का हक दबाकर बैठे चिकित्सा अधिकारी

लापरवाही के शिकार कोरोना योद्धा, स्वास्थ्य निदेशालय ने चार बार मांगी सूचना, फिर भी अधिकारियों ने नहीं भेजी संख्या, न वॉरियर्स की संख्या बता पा रहे और न ही प्रोत्साहन राशि

3 साल से कोरोना वॉरियर्स का हक दबाकर बैठे चिकित्सा अधिकारी

खुद की जान खतरे में डाल मानवीय धर्म निभाने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की थी। लेकिन, तीन साल बाद भी कोरोना वॉरियर्स को अपना हक नहीं मिला। चिकित्सा अधिकारी कुंडली मार प्रोत्साहन राशि को दबाए बैठे हंै।

कोटा। जब कोरोना वायरस के खौफ से जब पूरी दुनिया सहम गई थी, तब फ्रंट लाइन में खड़े रहकर जानलेवा वायरस से सामना स्वास्थ्य कर्मियों ने ही किया था। माहामारी में अपनों ने अपनों का साथ छोड़ दिया था, तब नर्सिंगकर्मी ही बेसहाराओं की ढाल बने थे। संक्रमण से लड़ रहे इन कर्मचारियों के लिए देशभर में ताली से थाली तक बजी। कोरोना योद्धा का सम्मान भी मिला। खुद की जान खतरे में डाल मानवीय धर्म निभाने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की थी। लेकिन, तीन साल बाद भी कोरोना वॉरियर्स को अपना हक नहीं मिला। सरकार स्वास्थ्यकर्मियों को उनका हक देना चाहती लेकिन चिकित्सा अधिकारी कुंडली मार प्रोत्साहन राशि को दबाए बैठे हंै। 

अधिकारियों की मंशा पर संदेह
कोरोना काल में काम करने वाले वॉरियर्स की हौसला अफजाई करने और आर्थिक रूप से सहारा देने के लिए सरकार द्वारा तय की गई प्रोत्साहन राशि अभी तक किसी भी कर्मचारी को नहीं दी गई है। ऐसे में काम करने वाले वॉरियर्स में हताशा है। जबकि, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य निदेशालय 24 मार्च 2020 से ही सूचना मांग रहा है। इसके बावजूद सीएमएचओ द्वारा जिले के सम्पूर्ण वॉरियर्स और प्रोत्साहन राशि का डाटा नहीं भेजा गया। जिसकी वजह से चिकित्सा कर्मियों को तीन साल से उनका हक नहीं मिल रहा। ऐसे में अधिकारियों की मंशा पर संदेह उठ रहा है। 

कलक्टर से सीएमएचओ तक लगाई गुहार
राजस्थान नर्सेज एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गजेंद्र सामरिया, जयेश मार्ग, हनुमान मीणा का कहना है, कोविड़ के दौर में जब अपने अपनों का साथ छोड़ दिया था तब नर्सिंगकर्मी ही था जो उनका सहारा बना। रुटीन में 8 घंटे डयूटी करने वाले कर्मियों ने 12 से 15 घंटे बिना डरे आमजन की सेवा की। हालांकि, यह मानव धर्म था और उसी के मद्देनजर काम किया। सरकार ने वॉरियर्स को प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की। इसके लिए निदेशालय वर्ष 2020 से अब तक सीएमएचओ के नाम 4 बार पत्र भेज जिले के सरकारी अस्पतालों में कार्यरत कोरोना वॉरियर्स की संख्या और कितना पैसा दिया जाना है, इसकी सूचना मांगी जा रही लेकिन वे सूचनाएं निदेशालय को नहीं भिजवा रहे। नतीजन, कोविड का समय निकले तीन साल हो गए, इसके बावजूद हमें हमारा हक नहीं मिल रहा।

अधिकारियों की लापरवाही पर निदेशालय ने जताया खेद
निदेशालय द्वारा लगातार सूचनाएं मांगने के बावजूद अधिकारियों द्वारा जानकारी उपलब्ध नहीं करवाए जाने पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं जयपुर के निदेशक ने 8 मार्च 2023 को सीएमएचओ के नाम अति आवश्यक स्मरण पत्र जारी किया। जिसमें कहा गया कि 18 मई 2022 को प्रोत्साहन राशि के संबंध में सूचना मांगी थी, जिसे पांच दिन बाद यानी 23 मई को भेजी जानी थी। लेकिन, अफसोस की बात है कि बार-बार लिखे जाने के बाद भी सीएमएचओ द्वारा सूचनाएं नहीं दी जा रही। इसके बाद वर्तमान सीएमएचओ जगदीश सोनी ने 8 मार्च को न्यू मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा कर्मियों को छोड़कर अन्य अस्पतालों के वॉरियर्स की सूचना और 28 लाख की डिमांड भेज दी। उनका कहना था कि मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य से सूचना देने को कहा था लेकिन उन्होंने नहीं दी।   

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इन्हें मिलनी है प्रोत्साहन राशि
कोरोना वैश्विक महामारी में राज्य सरकार ने डॉक्टर्स के लिए 5 हजार और नर्सिंगकर्मी, एएनएम, एलएचवी, टैक्निशियन, वाहन चालक, वार्डबॉय, सफाईकर्मियों को एकमुश्त 2500 रुपए देना तय किया था।

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अधिकारियों के बयानों में विरोधाभास
मेडिकल कॉलेज प्राचार्य ने नहीं भेजी उनकी सूचना
हाल ही में 8 मार्च को निदेशालय से वॉरियर्स की संख्या और उन्हें मिलने वाली प्रोत्साहन राशि का डाटा के संबंध में पत्र मिला था। हमारे पास हमारा  डेटा था लेकिन न्यू मेडिकल कॉलेज के स्वास्थ्यकर्मियों की कोई जानकारी नहीं थी।  ऐसे में हमने मेडिकल कॉलेज को छोड़कर हमारे पास उपलब्ध कोरोना वॉरियर्स का डेटा निदेशालय को भिजवा दिया। हमने 28 लाख की डिमांड भेजी है। 
- डॉ. जगदीश सोनी, सीएमएचओ कोटा

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हम सीएमएचओ को सूचना भेज चुके
हमने कोरोना माहामारी में तैनात मेडिकल कॉलेज के 375 स्वास्थ्य कर्मियों की सूची और उनको मिलने वाली प्रोत्साहन राशि की सूचना सीएमएचओ को भिजवा दी है। पहले भी सूचना भेजी गई थी अब दोबारा भी भेज दी गई है। वैसे, इसके बारे में मुझे ज्यादा जानकारी नहीं है। 
- डॉ. संगीता सक्सेना, प्राचार्य न्यू मेडिकल कॉलेज कोटा

सूचना भेजी या नहीं कन्फर्म नहीं
कोरोना वॉरियर्स को लेकर सीएमएचओ और प्राचार्य द्वारा सूचना तो मांगी गई थी लेकिन भेजी गई है या नहीं, यह कन्फर्म सोमवार को आॅफिस खुलने पर सिस्टम में देखकर ही बता पाऊंगा। 
-डॉ. रामप्रसाद मीणा, अधीक्षक नवीन चिकित्सालय मेडिकल कॉलेज कोटा

कलक्टर से सीएमएचओ तक गुहार, किसी ने नहीं सुनी
इस संबंध में जिला कलक्टर, मेडिकल कॉलेज प्राचार्य और सीएमएचओ तक को ज्ञापन देकर अवगत करा चुके हैं। लेकिन, अभी तक वॉरियर्स की सूचना निदेशालय को नहीं भेजी जा रही है। जबकि, निदेशालय 24 मार्च 2020 से ही कोरोना वॉरियर्स की सूचना मांग रहा है। अब तक सीएमएचओ के नाम 4 बार पत्र जारी हो चुके हैं। चिकित्सा अधिकारी अपनी जिम्मेदारी एक-दूसरे पर डोल रहे हैं। एडीएम सिटी ने भी सीएमएचओ को फोन कर निर्देशित कर दिया था। वहीं, दो बार सीएमएचओ को ज्ञापन दे चुके हैं, इसके बावजूद संज्ञान नही लेना दुर्भाग्यपूर्ण है। कोरोना योद्धाओं को अतिशीघ्र प्रोत्साहन राशि का वितरण करवाना चाहिए।
- बैनी प्रसाद मीणा, जिलाध्यक्ष राजस्थान नर्सेज एसोसिएशन कोटा

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