विभागों में सामंजस्य नहीं, पलीता लगा रहे आधे-अधूरे काम
उत्तर निगम के वार्ड 61 में सड़कों के छोड़े काम बने परेशानी का कारण
वार्ड में कई स्थानों पर सफाई व्यवस्था बिल्कुल भी ठीक नहीं है। वार्ड के इस इलाके के नागरिक बताते हैं कि शहर में विकास के कई कार्य हो रहे हैं लेकिन यहां के हालातों की सुध लेने वाला कोई नहीं हैं।
कोटा। यूडीएच मंत्री शान्ति धारीवाल सरकार के करोड़ों रुपए खर्च करके शहर के विकास और सोन्दर्यकरण में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। वे शहर को चमकाने का हर प्रयास कर रहे है। शहर का शायद की ऐसा कोई प्रमुख चौराहा अब शेष रहा हो जहां कोई काम ना हुआ हो लेकिन शहर के आन्तरिक हिस्सों यानि वार्डाें की बात करें तो कई वार्डों में हुए काम स्मार्ट सिटी के नाम पर धब्बा बने हुए है। कारण चाहे पार्षद हो या ठेकेदार लेकिन शान तो शहर की खराब हो रही हैं। वार्ड में बनी अव्यवस्थाओं से परेशान तो वार्डवासी हो रहे हैं। वार्ड के दूसरे अच्छे कामों पर खराब हुए कार्य कालिक पोत रहे हैं। इसका एक छोटा सा उदाहरण है कोटा नगर निगम उत्तर के वार्ड नम्बर 61 में स्थित कृष्णा नगर के हालात।
आधे अधूरे कार्य से लोग परेशान
वार्ड 61 लोगों की माने तो शहर के अन्य वार्डों की भांति ही उनके वार्ड में सड़कें आदि के काम हुए है लेकिन वो काम उनके लिए राहत नहीं बल्कि आफत साबित हो रहे हैं। कारण उसका ये है कि ठेकेदार ने सड़कों का निर्माण कार्य कई स्थानों पर अधूरा छोड़ दिया है। कई आधी सड़क का निर्माण हुआ है तो कई स्थानों पर सड़कों के किनारों को बिना बनाए ही सड़कों का काम पूरा कर दिया गया है। सड़कों के ये आधे अधूरे काम अभी तो फिर भी एक सीमा तक ही परेशानी का कारण बने हुए हैं लेकिन जैसे ही बारिश का दौर प्रारम्भ हुआ, यहीं समस्या जानलेवा भी साबित होने की आशंका है। वार्ड के लोग बताते हैं कि हमारी कोई सुनवाई नहीं होती है। हम कह-कहकर परेशान हो चुके हैं। लोगों का कहना हैं कि बात सड़कों की ही नहीं है क्षेत्र के कई स्थानों पर रोड लाइटों के हालात खराब है, कई बार तो रोड लाइट रातभर नहीं जलती है तो कई बार रात 10 बजे के बाद गलियों में रोशनी नजर आती है और ये हालात कोढ़ में खाज वाले साबित होते हैं क्यों कि अंधेरे में गलियों में गाड़िया चलाना और वो भी सड़कों के बिना बने किनारों से दुर्घटना का कारण बन जाते हैं। वहीं वार्ड में कई स्थानों पर सफाई व्यवस्था बिल्कुल भी ठीक नहीं है। वार्ड के इस इलाके के नागरिक बताते हैं कि शहर में विकास के कई कार्य हो रहे हैं लेकिन यहां के हालातों की सुध लेने वाला कोई नहीं हैं। लोग बताते हैं कि ठेकेदार ने आधे अधूरे काम क्यों किए ये तो वो ही जाने या पार्षद ही लेकिन इन सबके बीच जनता तो पिस रही है। सड़कों के टूटे किनारों के कारण सफाई भी ढ़ंग से नहीं हो पाती है। इन खाली स्थानों पर कचरे के रूप में थेलियां, पानी की खाली बोतलें आदि नजर आती है। कई दिनों तक झाड़ियों को साफ नहीं किया जाता हैं।
इनका कहना हैं...
ठेकेदार में सड़कों के काम आधे-अधूरे छोड़े हुए हैं। सड़कों से ऊपर तो सीवरेज के चैंबर है जो दुर्घटना का कारण बने हुए हैं। सड़कें कई स्थानों से टूटी हुई हैं। ठेकेदार मटेरियल भी ऐसे ही छोड़ गया है जो रह रह कर नालियों में जाता रहता है। जिससे नालियां कई बार जाम हो जाती हैं। पार्षद की ओर से कोई कमी नहीं है लेकिन ठेकेदार ही ना जाने कैसे हैं। अभी हाल ही में नालियों की मरम्मत को कार्य चला था वो भी अब बीच में ही छोड़ दिया गया हैं।
- मेहताब काजी, क्षेत्रवासी।
ठेकेदार में सड़कों के काम अधूरे छोड़कर परेशानी पैदा कर दी हैं। टूटी सड़कें दुर्घटना का कारण बनी हुई है। सड़कों के किनारों को यूं का यूं छोड़ दिया गया है। जिससे वाहन चालकों को परेशान किया हुआ है। क्षेत्र में झाड़ियों की सफाई नहीं हुई है।
- मनोज कुमार वर्मा, क्षेत्रवासी।
Comment List