ऑनलाइन क्रेडिट कार्ड खर्च एक लाख करोड़ रुपए के पार पहुंचा
क्रेडिट कार्ड का बढ़ता उपयोग और बदलते ट्रेंड
दस करोड़ से अधिक कार्ड प्रचलन में है
जयपुर। आज के डिजिटल युग में क्रेडिट कार्ड एक ऐसा फाइनेंशियल प्रोडक्ट बन गया है। जो न केवल पेमेंट को आसान बनाता है बल्कि लोगों की आर्थिक स्वतंत्रता और सुविधाओं में भी इजाफा करता है। भारत में क्रेडिट कार्ड का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। मौजूदा समय में देश में 10 करोड़ से अधिक क्रेडिट कार्ड प्रचलन में हैं। पीडब्ल्यूसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, अगले पांच वर्षों में यह संख्या दोगुनी हो सकती है।
आने वाले समय में क्या है उम्मीदें, डिजिटल इकोसिस्टम का विस्तार
जैसे-जैसे डिजिटल साक्षरता बढ़ेगी, क्रेडिट कार्ड आधारित आनलाइन ट्रांजेक्शन का हिस्सा और बड़ा होगा।
एआई और सुरक्षा में सुधार
बेहतर टेक्नोलॉजी और सुरक्षा उपायों से ऑनलाइन लेनदेन का भरोसा और मजबूत होगा।
ग्रामीण भारत का योगदान
डिजिटल साक्षरता और मोबाइल इंटरनेट के विस्तार से छोटे कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों में क्रेडिट कार्ड का उपयोग तेजी से बढ़ेगा।
ऑनलाइन लेनदेन की बढ़ती लोकप्रियता के प्रमुख कारण
01 डिजिटलीकरण की शुरुआत, नोटबंदी
- 2016 में नोटबंदी के बाद डिजिटल पेमेंट को तेजी से अपनाया गया।
- क्रेडिट कार्ड का उपयोग न केवल बढ़ाए बल्कि यह डिजिटल लेनदेन का अभिन्न हिस्सा बन गया।
02 यूपीआई का विकास और विस्तार
- यूपीआई आधारित लेनदेन के साथ क्रेडिट कार्ड इंटीग्रेशन ने आनलाइन ट्रांजेक्शन को और भी सुविधाजनक बनाया।
ई-कॉमर्स और छोटे व्यापारियों ने इसे व्यापक रूप से अपनाया।
03 तकनीकी प्रगति और सुरक्षा उपाय
- सुरक्षित और उपयोगकर्ता, अनुकूल आनलाइन प्लेटफॉर्म्स ने लोगों का भरोसा बढ़ाया।
मोबाइल वॉलेट और सेव किए गए कार्ड डिटेल्स ने लेनदेन को और आसान बनाया।
04 डिजिटल साक्षरता, युवाओं की भागीदारी
- युवा पीढ़ी ने तकनीकी ज्ञान के साथ ब्याज-मुक्त क्रेडिट पीरियड का स्मार्ट तरीके से उपयोग किया।
डिजिटल सेवाओं की जानकारी ने बड़े पैमाने पर क्रेडिट कार्ड के उपयोग को प्रेरित किया।
कार्ड से खर्च 20% बढ़ा
बिक्री केंद्रों (प्वॉइंट आफ सेल्स) पर क्रेडिट कार्ड स्वाइप करने के पारंपरिक तरीके से धीरे-धीरे ऑनलाइन लेनदेन अधिक होने का एक दिलचस्प ट्रेंड दिखाई रहा है। इस साल मार्च में पहली बार ऑनलाइन क्रेडिट कार्ड खर्च एक लाख करोड़ रुपए के पार पहुंच गया। मार्च 2023 से मार्च 2024 तक, ऑनलाइन कार्ड से खर्च 20 फीसदी बढ़ गया यानी यह 86,390 करोड़ रुपए से बढ़कर यह 1,04,081 करोड़ रु. हो गया।
डिजिटल साक्षरता में सुधार
ऑनलाइन क्रेडिट कार्ड लेनदेन की ओर बदलाव, तेजी से उभर रहे डिजिटल माहौल और कंज्यूमर्स की बदलती प्राथमिकताओं को साफ तौर पर दिखाता है। ऑनलाइन पेमेंट द्वारा दी जाने वाली सुविधाए सुरक्षा और पहुंच ने इसे सभी उम्र की आबादी के बीच तेजी से लोकप्रिय बना दिया है। जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी आगे बढ़ रही है और डिजिटल साक्षरता में सुधार हो रहा है, हम उम्मीद कर सकते हैं कि ऑनलाइन क्रेडिट कार्ड लेनदेन का प्रभाव और मजबूत होगा, जिससे वित्तीय लेनदेन के भविष्य को आकार मिलेगा।
मयंक मारकड़े, डिजिटल बैंक एयू 0101 के प्रमुख, एयू स्माल फाइनेंस बैंक
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