कांग्रेस प्रदेश प्रभारी रंधावा को कोर्ट से राहत
अगली सुनवाई 30 मई को, कोर्ट ने पुलिस व निचली अदालत से किया रिकॉर्ड तलब
कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद पुलिस व निचली अदालत से रिकॉर्ड तलब करते हुए 30 मई को पुन: सुनवाई की तारीख मुकर्रर की है। सिटी एसपी की तरफ से एसीजेएम कोर्ट में शपथ पत्र इस मामले में पेश किया गया।
कोटा। कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा द्वारा जयपुर में एक सभा में पीएम मोदी पर दिए बयान पर निचली अदालत द्वारा मुकदमा दर्ज करने के मामले में कोर्ट ने राहत दी है। इस मामले में 30 मई को आगामी सुनवाई होगी। उधर मामले की गंभीरता को देखते हुए मंगलवार को राज्य सरकार ने रंधावा के बचाव में जयपुर के वकीलों को कोटा कोर्ट में पैरवी के लिए भेजा । इस दौरान सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल व राजस्थान बार कौंसलिंग के चेयरमैन घनश्याम राठौड़ तथा रंधावा की तरफ से वकील कुलदीप सिंह पूनिया ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा । कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद पुलिस व निचली अदालत से रिकॉर्ड तलब करते हुए 30 मई को पुन: सुनवाई की तारीख मुकर्रर की है। सिटी एसपी की तरफ से एसीजेएम कोर्ट में शपथ पत्र इस मामले में पेश किया गया। जिसमें बताया कि इस मामले में डीजे कोर्ट में निगरानी याचिका पेश की गई है। इस कोर्ट ने रिकॉर्ड तलब किया है तथा 24 मई बुधवार की तारीख मुकर्रर की है। अदालत ने 20 मई को 23 तारीख्र तक मामले में एफआईआर दर्ज कर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे। उधर डीजे कोर्ट में पुलिस द्वारा पेश की गई निगरानी याचिका को एडीजे पांच में सुनवाई के लिए भेज दिया गया।। वही मंगलवार को रंधावा द्वारा पेश की निचली अदालत के आदेश को रोकने के लिए निगरानी याचिका को भी एडीजे पांच को ट्रांसफर कर दिया है। दोनों याचिकाओं पर अब एडीजे पांंच में 30 मई को सुनवाई होगी।
वही दूसरी तरफ अधीनस्थ अदालत एसीजेएम 6 में विधायक मदन दिलावर के वकील मनोज पुरी की ओर से एक प्रार्थना पत्र पेश किया गया। जिसमें ऊपर की अदालत में हुई कार्यवाही का विवरण देते हुए निवेदन किया कि पुलिस द्वारा आज भी एफआई आर दर्ज नहीं की गई है और लगातार अदालत के आदेश की अवमानना की जा रही है । अदालत ने आज तक का समय दिया था इसलिए अवमानना की कार्यवाही को आगे बढ़ाया जाए। पुलिस द्वारा एक शपथ पत्र पेश किया गया जिसमे कहा गया की हमने जिला अदालत मे निगरानी पेश की थी जिसमे अदालत ने रिकॉर्ड तलब किया है और मामला विचाराधीन है । इस कारण अब कोई कार्यवाही नहीं की जा सकती। मदन दिलावर के वकील मनोज पुरी की ओर से इस पर सख्त आपत्ति की गई।
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