अधिवक्ता संशोधन विधेयक राज्यसभा से पारित
इससे अधिवक्ता अधिनियम 1961 में संशोधन होगा
न्यायिक परिसरों को दलालों से मुक्त करने वाला अधिवक्ता संशोधन विधेयक 2023 राज्यसभा में ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
नई दिल्ली। न्यायिक परिसरों को दलालों से मुक्त करने वाला अधिवक्ता संशोधन विधेयक 2023 राज्यसभा में ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। यह विधेयक एक अगस्त को सदन में पेश किया गया था और इससे अधिवक्ता अधिनियम 1961 में संशोधन होगा। सदन में संक्षिप्त चर्चा का जवाब देते हुए विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन मेघवाल ने कहा कि इस विधेयक से वकीलों और मुवक्किलों के बीच दलालों से मुक्ति पाने में मदद मिलेगी। इससे लीगल प्रैक्टिशनर्स एक्ट 1869 में दलालों से संबंधित कुछ प्रावधानों का रद्द करेगा। मेघवाल ने कहा कि सरकार अधिवक्ताओं के लिए बीमा दायरे में लाने का प्रयास करेगी।
उन्होंने कहा कि विधेयक में उच्च न्यायालय, जिला न्यायालय, सत्र न्यायालय, जिला मजिस्ट्रेट और राजस्व अधिकारी अपने परिसरों में दलालों की सूची बना सकेंगे और उनका प्रवेश प्रतिबंधित कर सकेंगे। दलाल पर 500 रुपए का जुर्माना या तीन महीने की कैद की सजा या दोनों सजा दी जा सकेगी। चर्चा में बीजू जनता दल के सुजीत कुमार, भारतीय जनता पार्टी के विजय पाल सिंह तोमर, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के एस. निरंजन रेड्डी और वी. विजयसाई रेड्डी, अन्नाद्रमुक के एम. थंबी दुरै, भारतीय जनता पार्टी के अशोक वाजपेयी, टीएमके एम जी के वासन, बहुजन समाज पार्टी के रामजी और तेलुगू देशम पार्टी के कनकमेदला रवींद्र कुमार ने हिस्सा लिया।
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