अस्पतालों की अव्यवस्था से प्रिंसिपल ने पल्ला झाड़ा, सफाई व्यवस्था चरमराई, खाली होने लगे बेड
हर दो घंटे में होने वाली सफाई सुबह शाम हो रही
अस्पताल प्रशासन द्वारा किए गए वैकल्पिक उपाय बोने साबित हो रहे हैं।
कोटा। पिछले 20 दिनों से ठेका कर्मियों के चल रहे कार्य बहिष्कार से अस्पताल की व्यवस्थाएं वेंटीलेटर पर पहुंच गई हैं। मेडिकल कॉलेज से जुड़े तीनों अस्पताल में हालात खराब हैं। एमबीएस अस्पताल के अस्थि रोग वार्ड से मरीजों को छुट्टी दी जा रही है। अस्पताल में जानवर तक घूम रहे है। दूसरी तरफ मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य ने इस पूरी समस्या से हाथ झाड़ लिए हैं। प्राचार्य क ेअधीन पांचों अस्पताल आते हैं। लेकिन उनकी तरफ से इस मामले में कोई वक्तव्य तक नहीं दिया जा रहा। गुरुवार को भी जब मरीजों की समस्या तथा आपरेशन स्थगित होने संबधी जानकारी मांगी गई तो उन्होंने अ्धीक्षकों से बात करने का कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया। दूसरी तरफ अस्पताल के वार्डों में लोग बेरोक टोक घूम रहे हैं। सफाई व्यवस्था मजदूरों को बुलाकर कराई जा रही है। वो भी पूरी नहीं हो रही है। जहां आवश्यक है उन्हीं स्थानों की सफाई हो रही है। चहुंओर फैली गंदगी से मरीज परेशान हो रहे हैं। अस्पताल प्रशासन द्वारा किए गए वैकल्पिक उपाय बोने साबित हो रहे हैं।
खामियाजा मरीज भुगत रहे
एमबीएस व जेकेलोन अस्पताल में ठेका कर्मियों के कार्य बहिष्कार का सबसे बड़ा खामियाजा मरीजों और उनके साथ आए परिजनों को भुगतना पड़ रहा है। गंदे टायलेट बीमारियों को न्यौता दे रहे है। वहीं वार्ड में डस्टबीन खाली नहीं हो रहे है। अस्पताल में पहले हर दो घंटे में सफाई होती थी वो अब सुबह शाम हो रही वो भी ओटी, इंमरजेंसी और ओपीडी और वार्डो की की जा रही है। पूरे अस्पताल में यहां लोगों की ज्यादा आवाजाही उन्हीं स्थानों पर सफाई हो रही है। पूरा परिसर गंदगी से अटा पड़ा है। दूसरी ओर दिहाडी मजदूरों को भी ठेका कर्मी सफाई करने नहीं दे रहे है। ऐसे में अस्पताल प्रशासन को रोज नए लोग लाकर सफाई करानी पड़ रही है।
अस्थि रोग वार्ड से मरीजों को दे रहे छुट्टी
अस्थि रोग वार्ड में भर्ती रामस्वरूप ने बताया कि ठेका कर्मियों की हड़ताल के बाद से मरीजों को छुट्टी दी जा रही है। मुझे भी कहा तुम्हारा अभी पैर का आॅपरेशन नहीं हो सकता बाद में करेंगे अभी छुट्टी ले लो।वार्ड में सफाई नहीं हो रही चद्दरें गंदी है। कई बेड खाली करा दिए है।
सभी अस्पतालों के अधीक्षक अपने अपने स्तर पर सफाई व्यवस्थाएं करा रहे है। एमबीएस जेकेलोन अस्पताल में अलग अलग समय पर मजदूरों को बुलाकर सफाई कराई जा रही है। रामपुरा में सफाई नियमित हो रही वहां कोई परेशानी नहीं है।
- डॉ. संगीता सक्सेना, प्राचार्य मेडिकल कॉलेज कोटा
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