जयपुर से गई चांदी की थाली से लगेगा रामलला को भोग
जयपुर का परिवार लेकर पहुंचा, मंदिर प्रबंधन ने किया चयन
चांदी की थाली में चार कटोरियां और एक कलश है। थाली को रामलला के परम भक्त भगवान हनुमान ने अपनी भुजाओं में उठा रखा है, जिस पर सुंदरकांड के 15 श्लोक लिखे हैं।
ब्यूरो/नवज्योति, जयपुर। अयोध्या में रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा के दिन 22 जनवरी को रामलला को जयपुर से गई चांदी की थाली व कटोरी में भोग लगेगा। साथ में पानी का कलश भी है, जिससे प्रभु राम को जल अर्पण किया जाएगा। जानकारी के अनुसार जयपुर का एक परिवार यह लेकर अयोध्या पहुंचा है, जिसको देखने के बाद मंदिर प्रबंधन ने भोग लगाने के लिए इसका चयन किया है। यह भोग थाली राजीव पाबूवाल और लक्ष्य पाबूवाल ने बनाई है। थाल का वजन 7.5 किलो है।
चांदी के बर्तनों में ये है खास
चांदी की थाली में चार कटोरियां और एक कलश है। थाली को रामलला के परम भक्त भगवान हनुमान ने अपनी भुजाओं में उठा रखा है, जिस पर सुंदरकांड के 15 श्लोक लिखे हैं, ये वे श्लोक हैं जिनमें हनुमान जब लंका में सीता के पास पहुंचे थे तो उन्होंने प्रभु राम के बारे में वर्णन रखते हुए अपना परिचय दिया था। वहीं चार कटोरियां हैं। हर कटोरी पर 21 कमल की पंखुड़ियां हैं। चारों में कुल 84 पंखुडियां हैं। पंखुड़ियों का तात्पर्य मनुष्य ही नहीं धर्म मार्ग पर चलते हैं तो 84 हजार योनियों को सही मार्ग मिलता है। कलश को चार घोडेÞ उठाए हुए हैं। ये घोड़े प्रभु राम के रथ के चार घोड़ों को दर्शा रहे हैं। चारों घोड़ों से मूलत: चार विषयों कर्म,धर्म, अर्थ और मोक्ष को इंगित करते हैं। कलश पर नौ आकृत्तियां हैं। जिनमें सूर्य, पंखी, कोदंड, स्वास्तिक, ध्वज, राम तिलक, ओम और शंख है। थाली में राम के सूर्यवंशी होने को सूर्य बनाकर दिखाया गया है। ऊपर की तरफ राम और सीता उकरे हैं। दस तुलसी की पत्तियां हैं, क्योंकि ये राम को प्रिय है। सुंदरकांड से लिए गए श्लोक भी लिखे हैं। गिलहरी के स्नेह से हाथ फेरा था तो उनकी अंगुलियां गिलहरी पर आ गई थी।
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