प्रदेश कांग्रेस के कई नेताओं को एआईसीसी में पद देने की तैयारी
असंतुष्ट नेताओं को साधने में लगी है
कई बार ऐसे मामलों पर फैसले लेने में देरी के कारण नेता पार्टी छोड़कर जा रहे हैं, लेकिन इस बार कांग्रेस राजस्थान में भी असंतुष्ट नेताओं को साधने में लगी है।
जयपुर। कांग्रेस राजस्थान में लोकसभा चुनाव से पहले कई नेताओं को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पद देकर सियासी समीकरण साधना चाहती है। सभी खेमों के करीब आधा दर्जन नेताओं को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में राष्ट्रीय सचिव या अन्य पदों पर नियुक्ति की जा सकती है। साथ ही अन्य राज्यों में चुनाव के लिए लोकसभा संयोजक बनाने की तैयारी की जा रही है। महाराष्ट्र के पूर्व सीएम अशोक चव्हाण के कांग्रेस छोड़ने के फैसले के बाद कांग्रेस लोकसभा चुनावों से पहले असंतुष्ट नेताओं को मनाना चाहती है, हालांकि कई बार ऐसे मामलों पर फैसले लेने में देरी के कारण नेता पार्टी छोड़कर जा रहे हैं, लेकिन इस बार कांग्रेस राजस्थान में भी असंतुष्ट नेताओं को साधने में लगी है।
राजस्थान में गहलोत-पायलट सहित अलग-अलग खेमों में बंटे कांग्रेस नेताओं को चुनाव से पहले पार्टी में रोके रखना चुनौती बनी हुई है। पार्टी आलाकमान करीब आधा दर्जन नेताओं को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पद देने की तैयारी कर रही है। इसके अलावा प्रदेश कार्यकारिणी में भी सभी खेमों के कुछ नेताओं को जगह मिल सकती है। सूत्रों के अनुसार जल्दी बदलाव हो सकते हैं। इनमें राज्यसभा सांसद नीरज डांगी, पूर्व प्रदेश कांग्रेस संगठन महासचिव महेश शर्मा, विधायक मुकेश भाकर सहित कई नामों की चर्चाएं हैं।
लोकसभा संयोजक बनाकर किया जा सकता है संतुष्ट
कांग्रेस ने अभी राज्यसभा सांसद नीरज डांगी को हरियाणा, यूपी, उत्तराखंड, एमपी, दिल्ली की लोकसभा चुनाव स्क्रीनिंग कमेटी में सदस्य नियुक्त किया है। पूर्व मंत्री हरीश चौधरी भी पांच राज्यों में लोकसभा चुनाव स्क्रीनिंग कमेटी में शामिल हैं। कांग्रेस हाईकमान उत्तर भारत के राज्यों में हर लोकसभा क्षेत्र में एक कांग्रेस संयोजक नियुक्त करना चाहती है, इसलिए राजस्थान कांग्रेस के आधा दर्जन नेताओं को लोकसभा संयोजक बनाया जा सकता है।
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