ट्रांसफर स्टेशन आधुनिक, सड़क पर सड़ रहा कचरा
शहर में सफाई पर हर साल करोड़ों रुपए खर्च कर रहा निगम
हालत यह है कि कचरा पॉइंट से कचरा दिन में नहीं उठने से वह सड़ता रहता है।
कोटा। नगर निगम की ओर से कचरा ट्रांसफर स्टेशनों को तो आधुनिक बनाया जा रहा है। लेकिन सड़क से कचरा परिवहन की व्यवस्था को नहीं सुधारा जा रहा। नतीजा शहर में सड़कों पर दिन भर लगे कचरे के ढेर सड़ते रहते हैं। जिससे नगर निगम कोटा उत्तर व दक्षिण की ओर से शहर की सफाई पर हर साल करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी परिणाम नजर नहीं आ रहा। शहर की साफ सफाई व्यवस्था में सुधार करने और आमजन को राहत प्रदान करने के लिए तत्कालेीन कांग्रेस सरकार में कोटा में उत्तर व दक्षिण दो निगम बना दिए गए। वार्डों की संख्या भी 65 से बढ़ाकर 150 कर दी गई। साथ ही साफ सफाई पर दोनों नगर निगमों द्वारा हर साल करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। उसके बाद भी शहर में जगह-जगह सड़क पर कचरे के ढेर देखे जा सकते हैं।
यह है कोटा उत्तर का सफाई बजट
नगर निगम कोटा उत्तर में वर्तमान वित्त वर्ष के लिए सफाई का बजट 90.35 करोड़ रुपए रखा गया है। जिसमें से दिसम्बर 2023 तक 61.69 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। वहीं आगामी वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सफाई का बजट 116.90 करोड़ रुपए रखा गया है।
दक्षिण में दो ट्रांसफर स्टेशन, उत्तर में हो रहे तैयार
नगर निगम कोटा दक्षिण में दो आधुनिक कचरा ट्रांसफर स्टेशन बनाए गए हैं। जहां जमीन पर कचरा नहीं डलता। वहां वार्डों से ट्रेक्टर ट्रॉलियों व टिपरों से कचरा आता है। सीधे ही मशीन में डाला जाता है। मशीने से सीधे वह कंटेनरों में डाला जा रहा है। जिससे वहां न तो गंदगी हो और न ही काम करने वालों को परेशानी हो। सभी काम मशीनों से हो रहा है। किशोरपुरा साजी देहड़ा व विश्वकर्मा नगर में दो आधुुनिक ट्रांसफर स्टेशन हैं। जबकि कोटा उत्तर निगम में दो आधुनिक कचरा ट्रांसफर स्टेशन तैयार किए जा रहे हैं। एक जिन बाबा के पीछे स्टेशन रोड पर और दूसरा उम्मेदगंज में बन रहा है।
कचरा पाइंट पर कचरे का ढेर
एक तरफ तो आधुनिक कचरा ट्रांसफर स्टेशन पर जमीन पर कचरा नहीं डल रहा है। वहीं दूसरी तरफ शहर में जगह-जगह मेन रोड पर बने कचरा पाइंट पर जमीन पर ही कचरा डाला जा रहा है। यह कचरा भी वार्ड के सफाई कर्मचारी ही डाल रहे हैं। इन कचरा पाइंट से ट्रेक्टर-ट्रॉलियों से कचरा आधुनिक कचरा ट्रांसफर स्टेशन पर भेजा जाता है। वहां से कंटेनरों से वह ट्रेचिंग ग्राउंड नांता जा रहा है। हालत यह है कि कचरा पॉइंट से कचरा दिन में नहीं उठने से वह सड़ता रहता है। नगर निगम कोटा दक्षिण का शॉपिंग सेंटर डिस्पेंसरी के सामने का क्षेत्र हो या छावनी बंगाली कॉलोनी का। नई धानमंडी डाकघर के पास का क्षेत्र हो या कोटा उत्तर में बारां रोड पर एसपी कार्यालय के पास फुटपाथ पर लगा कचरे का ढेर।
यह है कोटा दक्षिण का सफाई बजट
नगर निगम कोटा दक्षिण में सफाई का वर्तमान वित्त वर्ष का बजट 127.40 करोड़ रुपए है। जिसमें से जनवरी 2024 तक 99.23 करोड़ रुपए खर्च किया जा चुका है। वहीं आगामी वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सफाई का बजट नहीं बढ़ाकर 127.40 करोड़ रुपए ही रखा गया है।
इनका कहना
कांग्रेस का बोर्ड बनने के बाद से ही सफाई के लिए कार्य योजना बनाकर अधिकाारियों को निर्देशित किया गया है। लेकिन अधिकारी काम ही नहीं करना चाहते। दिसम्बर 2022 में सफाई समिति की बैठक में सफाई व्यवस्था में सुधार के निर्णय किए गए थे। लेकिन उन निर्णयों की पालना ही नहीं हुई। उसके बाद बैठक करने का कोई मतलब ही नहीं लगता। कचरा पाइंट पर कचरा सड़क पर नहीं गिरे इसके लिए योजना बनाई थी लेकिन एक साल से अधिक समय होने के बाद उसका टेंडर तक नहीं हो सका।
- पवन मेणा, उप महापौर, अध्यक्ष सफाई समिति, नगर निगम कोटा दक्षिण
आधुनिक कचरा ट्रांसफर स्टेशन में तो सीधे कचरा मशीन में डाला जाता है। जबकि कचरा पाइट पर कचरा जमीन पर ही डाला जा रहा है। उस जगह से कचरा टिपरों व ट्रेक्टर ट्रॉलियों से उठाकर आधुनिक कचरा ट्रांसफर स्टेशन पर भेजा जा रहा है। वैसे तो कचरा पाइंट से समय पर करा उठता है। लेकिन कचरा उठने के बाद दोबारा से डालने पर वह पड़ा रहता है।
-ऋचा गौतम, स्वास्थ्य अधिकारी, नगर निगम कोटा दक्षिण
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