प्रशासन की भी नहीं मान रहे, बेसमेंट में चल रही लाइब्रेरियां

हादसे के बाद भी नहीं लिया सबक, सितम्बर में भारी बारिश का अलर्ट

प्रशासन की भी नहीं मान रहे, बेसमेंट में चल रही लाइब्रेरियां

नवज्योति ने किया रियलिटी चैक तो दिखा आईना।

कोटा। केस 1 - राजीव गांधी नगर में एक कोचिंग संस्थान के बाद  रेजीडेंसी के बेसमेंट में अभी भी लाइब्रेरी संचालित हो रही है। यह लाइब्रेरी पूरे सप्ताह 24 घंटे चल रही है। सचालक को न तो कार्रवाई का डर है और न ही यहां आने वाले बच्चों की जान की परवाह। सोमवार को भी यहां दिन के समय बड़ी संख्या में बच्चे मौजूद थे।

केस 2 - महावीर नगर द्वितीय स्थित सम्राट चौराहे के पास बेसमेंट में अभी भी लाइब्रेरी का संचालन हो रहा है। यहां सोमवार को दिन के समय बड़ी संख्या में बच्चों के आने-जाने का सिलसिला बना हुआ था। 

केस 3 - दादाबाड़ी छोटा चौराहे के पास शॉपिंग कॉम्पलेक्स के बेसमेंट में भी लाइब्रेरी का सचालन हो रहा है। यहां दिन के समय बच्चों का आना-जाना बना हुआ था। 

केस 4 - जवाहर नगर थाने के नजदीक भी एक मकान के बेसमेंट में लाइब्रेरी है। जिसमें भी बच्चे दिन के समय पढ़ने के लिए आ रहे थे। 

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ये तो उदाहरण हैं शहर के उन हालातों को बताने के लिए जिसमें लाइब्रेरी संचालकों को न तो प्रशासन का डर है और न ही बच्चों की जान की परवाह। शहर में इस तरह से अभी भी दर्जनों स्थानों पर बेसमेंट में लाइब्रेरी व गेम जोन का संचालन हो रहा है।  नवज्योति ने सोमवार को इनका रियलिटी  चैक किया तो आईना नजर आया। दिल्ली और जयपुर में बेसमेंट में संचालित लाइब्रेरी में बरसात के सीजन में हुए हादसे से अभी भी कोटा में लाइब्रेरी संचालकों ने सबक नहीं लिया है। जिला प्रशासन के निर्देश के बाद नगर निगम की फायर टीम द्वारा की गई कार्रवाई को अभी भी कई लाइब्रेरी संचालक धता बताकर संचालन कर रहे हैं। जबकि अभी कोटा में मानसून का सीजन समाप्त नहीं हुआ है। सितम्बर के पहले सप्ताह में फिर से मध्यम से भारी बाशिर होने की संभावना है। निगम ने की कार्रवाई तो दिखावे को बंद की: दिल्ली व जयपुर की घटनाओं के बाद कोटा में जिला प्रशासन के निर्देश पर नगर निगम कोटा उत्तर व दक्षिण की फायर टीमों ने कई दिन तक बेसमेंट में संचालित कोचिंग,लाइब्रेरी  और गेम जोन व मैस के खिलाफ जांच अभियान चलाया था। टीमों ने जहां भी जांच की वहां बड़ी संख्या में बेसमेंट में लाइब्रेरियां संचालित होती पाई गई थी। जिनमें से अधिकतर तो मौके पर ही बंद करवाकर संचालकों को पाबंद भी किया गया था। साथ ही दोनों निगम क्षेत्रों में करीब सौ से अधिक लाइब्रेरी संचालकों को नोटिस भी जारी किए गए थे। साथ ही चेतावनी दी थी कि यदि दोबारा से संचालन होता पाया गया तो उन्हें सीज तक किया जा सकता है। लेकिन हालत यह है कि निगम की कार्रवाई के दौरान दिखावे के तौर पर कुछ दिन तो लाइबेरियां बंद रही। लेकिन जैसे ही निगम ने ध्यान देना बनद किया फिर से बेसमेंट में लाइब्रेरियों का संचालन शुरू हो गया। सबसे अधिक बेसमेंट लाइब्रेरियां कोचिंग एरिया में चल रही हैं। जिनमें तलवंडी, जवाहर नगर, राजीव गांधी नगर, इंद्र विहार, कोरल पार्क, लैंडमार्क व दादाबाड़ी समेत कई इलाके शामिल हैं। 

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नवज्योति टीम ने किया चैक
प्रशासन की कार्रवाई के असर को जानने के लिए नवज्योति की टीम ने सोमवार को शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर बेसमेंट में संचालित लाइब्रेरियों का रीयल चैक किया। जिसमें अधिकतर जगह पर लाइब्रेरी संचालित होती पाई गई। हालांकि कई जगह पर यह चोरी छिपे संचालित हो रही है। बाहर से दिखावे के तौर पर मुख्य द्वार पर बंद ताला लटकाया हुआ है। जिससे बाहर से वह बंद दिखे। काउंटर रखे हैं तो उन पर कोई बैठा हुआ नहीं है। कर्मचारी या सचालक अनदर बेसमेंट में बैठे रहे हैं। जैसे ही कोई ग्राहक या बच्चा आता है तो संचालक निकलकर बाहर ही आकर उससे बात करते हैं। हालत यह है कि कई लाइब्रेरियां तो दिन ही नहीं पूरी रात संचालित हो रही है। राजीव गांधी नगर में तो एक बेसमेंट लाइब्रेरी पूरे सप्ताह 24 घंटे  चल रही है। जिसमें सुबह 6 से दोपहर 2, दोपहर 2 से रात 10 और रात 10 से सुबह 6 बजे तक संचालित हो रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि पूरेी रात इन लाइब्रेरियों में कौन से बच्चे और क्या पढ़ाई कर रहे हैं। 

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इनका कहना है
दिल्ली की घटना के बाद अगले ही दिन से बेसमेंट में लाइब्रेरी, ेम जोन, मैस व कोचिंग की जांच शुरु कर दी थी। कोटा उत्तर व दक्षिण क्षेत्र में जहां भी ऐसा पाया गया वहां उन्हें तुरंत बंद करवा दिया था। दोनों निगम क्षेत्रों में करीब 100 नोटिस जारी कर संचालकों को पाबंद भी किया गया था। यदि फिर से बेसमेंट में लाइब्रेरी या अन्य गतिविधि का सचालन हो रहा है तो यह गलत है। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यदि पूर्व में नोटिस देने के बाद भी वहां संचालन हो रहा है तो उनके खिलाफ सीजिंग तक की कार्रवाई की जा सकती है।  
- राकेश व्यास, सीएफओ नगर निगम कोटा उत्तर दक्षिण

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