लड़की भगाने के आरोपी के भाई से थाने में अमानवीयता की हदें पार
हैवानियत की हदें पार कर दीं
वाजा थाना क्षेत्र से पिछले दिनों एक लड़की को भगा ले जाने के मामले में जवाजा पुलिस ने सूचना देने वाले युवक को ही थाने लाकर उसके साथ हैवानियत की हदें पार कर दीं।
ब्यावर। जवाजा थाना क्षेत्र से पिछले दिनों एक लड़की को भगा ले जाने के मामले में जवाजा पुलिस ने सूचना देने वाले युवक को ही थाने लाकर उसके साथ हैवानियत की हदें पार कर दीं। आरोप है कि थाने में उसे क्रिकेट के स्टम्प पर बैठाया गया। साथ ही उसे उसी का मूत्र पिलाया गया। प्रकरण जिला पुलिस अधीक्षक अजमेर तक भी पहुंच गया है। एसपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सहायक पुलिस अधीक्षक मेहरड़ा को जांच के निर्देश दिए हैं। गंगा कॉलोनी उदयपुर रोड चुंगी नाका ब्यावर निवासी पीड़ित नरेन्द्रसिंह पुत्र धन्नासिंह रावत ने शिकायत में बताया कि युवक का भाई हर्षकमल एक लड़की को भाग ले गया था। जब उसे पता चला, तो इसकी जानकारी उसने जवाजा पुलिस को दी और अपने काम पर गांधीधाम चला गया। जवाजा पुलिस 27 मार्च को उसे गांधी धाम से पकड़कर थाने ले आई।
बैरिक में बंद कर दिया तथा बेरहमी से मारपीट की गई। थानाधिकारी की मौजूदगी में पुलिसकर्मी रामराज एवं जितेन्द्रसिंह सहित चार अन्य पुलिस कर्मियों ने क्रिकेट का स्टम्प मंगवाकर उस पर तेल लगवाया तथा उसे स्टम्प पर बैठाकर यातना दी गई। उसे खुद का मूत्र पीने पर मजबूर किया। मारपीट के कारण उसका पूरा शरीर सूज गया है और असहनीय दर्द हो रहा है। पुलिस ने इतना कुछ करने के बाद उसे धारा 151 में बंद कर उपखंड मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश कर दिया।
पुलिस ने मामले को झूठा बताया
बहरहाल स्थानीय पुलिस ऐसी किसी बात से पल्ला झाड़ रही है। पीड़ित ने एसपी अजमेर के समक्ष पेश होकर दोषी थानाधिकारी एवं पुलिस कर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग की है। इसके बाद एसपी विकास शर्मा ने एएसपी ब्यावर को मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
मुझे इस प्रकरण में कोई जानकारी नहीं है। मैं इस मामले से अनभिज्ञ हूं।
-मानवेन्द्रसिंह, थानाधिकारी जवाजा
मामला मेरी जानकारी में आया है। एसपी तक भी यह प्रकरण गया है। मुझे जांच के आदेश दिए गए हैं। सत्यता क्या है, यह जांच के बाद ही सामने आएगी।
-सुमित मेहरड़ा, एएसपी ब्यावर
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