परेशानी: दो वर्षों से जावदा उपतहसील कार्यालय के नहीं खुले ताले
छोटे-छोटे कामों के लिए भी 70 किलोमीटर दूर का चक्कर लगाकर रावतभाटा आने को मजबूर ग्रामीण
उप तहसील कार्यालय में अधिकारी आना तो दूर ताले तक नहीं खुले।
रावतभाटा। रावतभाटा के जावदा में उप तहसील कार्यालय के ताले ढाई वर्षों में भी नहीं खुल पाए हैं। जिसके कारण आज भी ग्रामीणों को राजस्व संबंधित कार्यों के लिए 70 किलोमीटर दूर रावतभाटा तहसील के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। ऐसे में ग्रामीणों का समय, श्रम व रुपए तीनों बर्बाद होते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पूर्व की कांग्रेस सरकार ने 9 जून 2021 को जावदा में उप तहसील की घोषणा की थी। इसके ठीक 7 दिन बाद यानी कि 16 जून को अधिसूचना जारी हुई। इसके बाद जावदा के राजकीय प्राथमिक विद्यालय के खाली भवन पर उप तहसील कार्यालय का बोर्ड लगाकर कार्यालय बनाया गया। तब से लेकर आज तक उप तहसील कार्यालय में अधिकारी आना तो दूर ताले तक नहीं खुले।
चार दिन भी नहीं आए अधिकारी
ग्रामीण मोहनसिंह ने बताया कि जावदा में उप तहसील का कोई कामकाज नहीं हो रहा। उपतहसील बनाने की घोषणा पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ग्रामीणों के राजस्व कार्यों को आसान करने के लिए 9 जून 2021 को की। जिसकी अधिसूचना 16 जून 2021 को जारी हुई। नवीन उप तहसील जावदा में दो भू अभिलेख निरीक्षक वृत्त, 7 पटवार मंडल एवं 70 राजस्व ग्राम का 40795.22 हेक्टेयर क्षेत्रफल शामिल है। जावदा का राजकीय प्राथमिक विद्यालय मर्ज होने के बाद विद्यालय के बंद भवन को उपतहसील कार्यालय बनाया। जहां अधिकारी एवं कर्मचारियों ने चार दिन बैठकर भी कामकाज नहीं किया। सात पटवार मंडल के वासियों को जाति प्रमाण पत्र, मूल निवास, ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट या भूमि की रजिस्ट्री संबंधित कोई भी कार्य करवाने के लिए 70 किलोमीटर दूर स्थित रावतभाटा के चक्कर लगाने पड़ते हैं।
जावदा क्षेत्र के ग्रामीण अपने कार्यों को लेकर 70 किलोमीटर दूर रावतभाटा आते हैं। जिसमें भी यदि यहां कार्य विलंब से हो तो उन्हें एक कार्य के लिए कई बार चक्कर लगाने पड़ते हैं।
- दीपक सेठिया, रावतभाटा निवासी व्यापारी
रावतभाटा से जावदा की दूरी करीब 70 किलोमीटर है। सड़क भी काफी खस्ताहाल है। यात्रा बड़ी दुखद रहती है। ऐसे में ग्रामीणों को अपने कार्य करवाने के लिए तहसील स्तर पर रावतभाटा आना पड़ता है। संपूर्ण क्षेत्र ही मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। कहीं तो रोड टूटी हुई है और कहीं संसाधन की कमी है।
- दीपक मैगी, अध्यापक, रावतभाटा
उपतहसील के लिए भवन ही नहीं है। ऐसे में काम कैसे करें। भवन के लिए जमीन तो आवंटित हो गई है, मगर भवन कब बनेगा यह नहीं पता। फिलहाल रावतभाटा में ही ग्रामीणों के कार्य किए जाते है।
- सत्यनारायण शर्मा, नायब तहसीलदार
अधिकारी यहां आकर काम करे तो भवन की व्यवस्था हम कर देंगे। चाहे सप्ताह में दो दिन ही आकर काम कर लें। इससे भी क्षेत्रवासियों को राहत मिलेगी।
- कुलदीप सिंह, सरपंच, जावदा
मंगलवार को ही मौके पर जाकर भवन की स्थिति देखूंगा। उसके बाद जल्द ही ग्रामीणों की समस्या का समाधान किया जाएगा।
- कमलेश कुमार कुलदीप, तहसीलदार, रावतभाटा
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