आर्थिक तंगी से लोग आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं: कांग्रेस

2022 में सात हजार से ज्यादा लोगों ने आर्थिक तंगी के कारण आत्महत्या की

आर्थिक तंगी से लोग आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं: कांग्रेस

श्रीनेत ने कहा कि अगर गांव में रहने वाले पांच प्रतिशत सबसे अमीर हर दिन 350 रुपए खर्च करते हैं तो पांच प्रतिशत सबसे गरीब 46 रुपए खर्च करते हैं।

नई दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है कि मोदी सरकार एक तरफ गरीबी खत्म करने का ढिंढोरा पीट रही है और दूसरी तरफ सरकारी आंकड़ा बताता है कि आर्थिक तंगी के कारण देश में बड़ी संख्या में लोग आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अकेले 2022 में सात हजार से ज्यादा लोगों ने आर्थिक तंगी के कारण आत्महत्या की है। हर घंटे दो किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं और हर दिन 40 युवा हताश होकर  जान देने को मजबूर हैं लेकिन सरकार का दावा है कि देश में सब चकाचक है।

उन्होंने कहा,''आज नीति आयोग यह साबित करने पर तुला है कि सरकार ने देश में गरीबी खत्म कर दी है लेकिन इसी रिपोर्ट में बताया गया है कि देश के सबसे गरीब पांच प्रतिशत लोग अपना गुजर-बसर सिर्फ 46 रुपए प्रतिदिन पर करने को मजबूर हैं। नीति आयोग का यह सर्वे देश के अमीरों और गरीबों के बीच बढ़ती खाई को सही साबित कर रहा है।"

प्रवक्ता ने कहा नीति आयोग की इस रिपोर्ट के अनुसार -शहर के पांच प्रतिशत सबसे अमीर लोग, शहर के पांच प्रतिशत सबसे गरीब लोगों से 10 गुना ज्यादा खर्च करते हैं। गांव के पाच प्रतिशत सबसे अमीर लोग, गांव के पांच प्रतिशत सबसे गरीब लोगों से आठ गुना ज्यादा खर्च करते हैं।

Read More AAP ने लगाए आरोप- केंद्र सरकार ने बजट में दिल्ली और पंजाब के साथ किया सौतेला व्यवहार

श्रीनेत ने कहा,''अगर गांव में रहने वाले पांच प्रतिशत सबसे अमीर हर दिन 350 रुपए खर्च करते हैं तो पांच प्रतिशत सबसे गरीब 46 रुपए खर्च करते हैं। वहीं शहर के पांच प्रतिशत सबसे अमीर 700 रुपए खर्च करते हैं, तो सबसे गरीब औसतन 67 रुपए खर्च करते हैं।"

Read More बजट के विरोध में युवा कांग्रेस का प्रदर्शन, बताया यह बजट संघीय ढ़ाचे के खिलाफ

प्रवक्ता ने कहा, ''सरकार के अनुसार अगर देश में सिर्फ सात करोड़ लोग ही गरीब हैं तो फिर 81 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन क्यों देना पड़ रहा है। देश के 35 करोड़ लोगों के पास आवाजाही का कोई साधन और 45 करोड़ लोगों के पास टीवी क्यों नहीं है। रो•ामर्रा की चीजों में भी गिरावट आई है जो साबित करता है कि लोग खर्च नहीं कर पा रहे हैं। दो साल पहले भारत का घरेलू सेविंग रेट जीडीपी से 11 प्रतिशत ऊपर रहता था लेकिन 2 साल में यह जीडीपी के अनुपात में गिरकर पांच प्रतिशत पर आ गया है। सेङ्क्षवग रेट का आधे से भी कम हो जाना साबित करता है कि लोग महंगाई, गरीबी और आर्थिक असमानता से जूझ रहे हैं।"

Read More राहुल गांधी ने की मोची का काम करने वाले परिवार से मुलाकात

उन्होंने कहा, ''देश के हालात समझिए। उप्र के आगरा के तरुण की जॉब चली गई। आर्थिक तंगी ने जकड़ लिया। इसी महीने तरुण की फंदे से लटकती लाश मिली, पास ही बेटे और मां की लाश पड़ी थी। जौनपुर में रहने वाले रमेश बिंद मजदूरी करते थे। कुछ दिनों से काम नहीं चल रहा था। आर्थिक तंगी बढ़ती गई बोझ न झेल सके, आत्महत्या कर ली। 

इसी हफ्ते ब्रजेश पाल ने अपनी सारी डिग्रियां जलाई और बेरोजगारी से तंग आकर आत्महत्या कर ली। ब्रजेश ने सुसाइड नोट में लिखा- क्या फायदा ऐसी डिग्री का, जो नौकरी न दिला सके।

Post Comment

Comment List

Latest News

रोडवेज में लापरवाही बरतने 10 मुख्य प्रबंधकों को नोटिस जारी रोडवेज में लापरवाही बरतने 10 मुख्य प्रबंधकों को नोटिस जारी
रोडवेज चेयरमैन श्रेया गुहा ने कार्यकारी प्रबंधक (प्रशासन) और कार्यकारी प्रबंधक (यातायात) को नियमित मॉनिटरिंग और कार्रवाई के निर्देश दिए...
कांग्रेस विधायक राजेंद्र पारीक बोले- सफाई भर्ती पर केवल वाल्मीकि समाज का पहला हक, दूसरे समाजों का कोई हक नहीं
सीएमएचओ कार्यालय की कटी बिजली, आवश्यक सेवाएं बाधित
आयुष्मान खुराना ने Paris Olympics में टीम इंडिया के लिए समर्थन की अपील की!
खड़गे-राहुल ने करगिल शहीदों को श्रद्धांजलि की अर्पित
जयपुर रत्न व रत्नाभूषण उद्योग की वर्तमान स्थिति पर विचार-विमर्श
Women Asia Cup : भारत, बंगलादेश को 10 विकेट से रौंद कर फाइनल में