अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस विशेष 1: कोचिंग नगरी में मनचलों के छक्के छुड़ा रही नीली वर्दी की कमांडो

जब सड़कों पर उतरती हैं महिला पुलिस कमांडो तो कांप उठते हैं अपराधी

अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस विशेष 1: कोचिंग नगरी में मनचलों के छक्के छुड़ा रही नीली वर्दी की कमांडो

नीली वर्दी में यह महिला कमांडों कोचिंग छात्राओं के बीच लेडी सिंघम की पहचान बना चुकी है।

कोटा। घर-परिवार के साथ फर्ज निभा रही महिला पुलिस कर्मी
तूफानों से लड़ी हूं, चट्टानों पर खड़ी हूं। 
रुख मोड़ दूं आंधी का, सामने वो आए। 
मुश्किलें क्या रोकेगी, बुलंद हौसला मेरा। 
जिगर में साहस इतना पहाड़ों का सीना चीर जाऊं।
ढाल बन जाऊं तेरी, जब आसमां से बरसे चुनौतियों के अंगारे। 
फूलों में बदल दूं तानों के वो कांटे जो मुझसे टकराए।

यह महज पंक्तियां नहीं, बल्कि जोश और जुनून से लबरेज नारी शक्ति के अद्म्य साहस का परिचय है। जो घर-परिवार की जिम्मेदारी के साथ अपना फर्ज भी शिद्दत से निभा रहीं हैं। यहां बात हो रही है, कोटा पुलिस की अभया महिला कमांडो की। नीली वर्दी में यह महिला कमांडों अपनी फिटनेस, यूनिफॉर्म और सख्त अंदाज से कोचिंग छात्राओं के बीच लेडी सिंघम की पहचान बना चुकी है। इनके खौफ से मनचले भी कांप उठते हैं। जब सड़कों पर लेडी कमांडो गश्त करतीं हैं तो उनके साय में हजारों बेटियां खुद को सुरक्षित महसूस करती हैं। यह न केवल छात्राओं को आत्मरक्षा करना सीखा रही बल्कि असमाजिक तत्वों को कॉर्लर से घसीट सलाखों तक भी पहुंचा रहीं हैं। महिला दिवस पर हम आपको ऐसी ही अभया कमांडों से मिलवा रहे हैं, जिनके जज्बे को कोटा सलाम करता है। पेश है खास रिपोर्ट...

फर्ज के आगे झुका राजनीतिक रसूख 
अभया कमांडो मनभर सुमन बतातीं हैं, कुछ समय पहले जवाहर नगर गर्ल्स हॉस्टल से घटिया खाने की शिकायत मिली थी। हॉस्टल पहुंचे तो वार्डन ने हंगामा कर अंदर घुसने नहीं दिया। हॉस्टल मालिक ने राजनेतिक रसूख का रौब दिखाया। परवाह न करते हुए हम हॉस्टल में घुसे। छात्राओं को दिए जाने वाला भोजन देखा तो उसमें कोकरोच मिले। लड़कियों के लिहाज से सुविधाएं नहीं थी। अधिकारियों के निर्देश पर कार्रवाई कर छात्राओं को वो सभी सुविधाएं दिलाई, जो उन्हें मिलनी चाहिए थी। सुमन बताती हैं, परिवार में एक बेटा है। पति भी नौकरी में है। ऐसे में नौकरी और परिवार की काफी जिम्मेदारियां हैं, लेकिन दोनों में तालमेल स्थापित कर डयूटी करती हूं। एक दिन बेटे ने साथ खाना खाने की जिद की लेकिन समय पर घर नहीं पहुंच सकी। सुबह पता चला बच्चा भूखा ही सो गया। उसे मां की डयूटी समझाई फिर उसने कभी जिद नहीं की बल्कि पिता के साथ सपोर्ट किया। 

600 मीटर दौड़कर पकड़े नशेड़ी
कमांडो अलका बतातीं हैं, तलवंडी में कोचिंग के पास पार्क में चार युवक नशा कर रहे थे और लड़कियों पर फब्तियां कसते हैं। शिकायत पर हम 4 कमांडों मौके पर पहुंची तो वे हमें देखकर भागे। हम भी पीछे दौड़े, एक को शर्ट से पकड़ा तो वह शर्ट खोलकर भाग गया। मैं भी पीछे दौड़ती रही और 600 मीटर दौड़कर उसे पकड़ लिया। वहीं, हमारी टीम मेंबर ने दो जनों को पकड़ा। इस तरह चार में से तीन नशेड़ियों को हमने दबोचा। बाद में थाने से गाड़ी बुलाकर पुलिस के हवाले किया। महिला होने के नाते परिवार की पूरी जिम्मेदारी होती है। पुलिस की नौकरी और परिवार दोनों के लिए अपना बेहतर देने का प्रयास करती हूं। इसमें परिवार का पूरा सहयोग मिलता है।

Read More आमदनी अठन्नी, खर्चा रूपय्या...

लहराकर दौड़ा रहे थे पावर बाइक, सिखाया सबक
गीता गुर्जर ने बताया कि राजीव गांधी नगर में शाम के वक्त नाबालिग लड़के पावर बाइक लहराकर दौड़ा रहे थे और राहगीरों को कट मार हुड़दंग मचा रहे थे। इसी दौरान कहीं चैन स्नेचिंग की वारदात हुई थी, जिसमें इसी मॉडल व कलर की बाइक का उपयोग हुआ था। जैसे ही तेज रफ्तार से यह बाइक हमारे सामने से गुजरी तो हमने पीछा कर आईएल पेट्रोल पम्प के पास रोका तो उनके 15-20 साथी भी वहां आ गए और हावी होने लगे। जिन्हें फटकार कर खदेड़ा। नाबालिगों के पास गाड़ी के कागजात नहीं थे। पूछताछ में पता चला कि वे किराए पर वाहन लेकर दौड़ाते हैं। थाने से गाड़ी बुलाकर उनके सुपुर्द किया। गीता कहतीं हैं, परिवार में बच्चे हैं, पति नौकरी में हैं, जो अजमेर रहते हैं। ऐसे में समस्याएं तो आती हैं लेकिन पड़ोसियों व हमारी महिला कमांडों के सहयोग से मैनेज कर लेते हैं। 

Read More 100 शहरों की डीपीआर तैयार, जलदाय विभाग करेगा परीक्षण

सड़कों पर फेंक रहे थे बर्तन, अनहोनी टाली
कमांडों रहनुमा बताती हैं, कुछ माह पहले गुमानपुरा इंद्रा सर्किल पर ढाबा संचालक और ग्राहक आपस में भिड़ गए थे। दोनों एक-दूसरे पर बर्तन फेंक रहे थे। जिससे सड़क पर जाम लग गया। लोग परेशान थे, दोनों के बीच मारपीट की नौबत आ गई थी। हालातों को देखते हुए अनहोनी की आशंका थी। ऐसे में हमारी टीम भीड़ में घुसकर दोनों को पकड़ा और थाने से चेतक बुलाकर पुलिस के हवाले कर रास्ता बहाल करवाया। रहनुमा बतातीं हैं, परिवार में दो बच्चे हैं, पति भी रेलवे में नौकरी में हैं। ऐसे में परिवार संभालने में मुश्किलें तो आती हैं लेकिन पति के सहयोग से डयूटी और परिवार के बीच बैलेंस बनाकर अपना फर्ज निभाते हैं। 

Read More न दूध मिल रहा न मोटा अनाज, पोषण से दूर हुए बच्चे

Post Comment

Comment List

Latest News

राजस्थान में रिफाइनरी का काम तय समय-सीमा में पूरा किया जाना चाहिए: गहलोत राजस्थान में रिफाइनरी का काम तय समय-सीमा में पूरा किया जाना चाहिए: गहलोत
उन्होंने कहा कि अब राज्य और केंद्र दोनों जगह भाजपा की सरकार है लेकिन गत मई तक रिफाइनरी का 79...
चांदी दो हजार रुपए और जेवराती सोना पांच रुपए सस्ता
युद्धाभ्यास तरंगशक्ति 2024 : सूर्यकिरण को देख शहरवासी अचंभित
आईएनए सोलर को राजस्थान बिजनेस समिट 2024 में सोलर पैनल मैन्युफैक्चरिंग में उत्कृष्टता का अवार्ड
जम्मू-कश्मीर में शांति के बिना पाकिस्तान से बातचीत का सवाल ही नहीं : अमित शाह
गणेश जी को सोने का वर्क धारण करवाया, प्रथम पूज्य की सजी 56 भोग की झांकी 
राजस्थान स्टेट गैस द्वारा गैल गैस को 32.50 लाख का लाभांश