अब 7 दिन में कोटा की धरती पर कदम रखेगा बब्बर शेर
सुहासिनी और काली को मिलेगा हम सफर
डीसीएफ के प्रयासों के अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में जल्द ही 10 नए वन्यजीव देखने को मिलेंगे।
कोटा। कोटावासियों के लिए खुशखबरी है। अब मार्च के पहले सप्ताह में जंगल का राजा बब्बर शेर और भालू कोटा की धरती पर कदम रखेंगे। इसके लिए केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधीकरण ने हरी झंडी दे दी है। अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में लॉयन और भालू के साथ दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा पक्षी ऐमु भी नजर आएगा। वहीं, जोधपुर से 4 चिंकारा भी लाए जा रहे हैं। दरअसल, लॉयन, भालू लाने की कवायद पिछले दो साल से ठंडे बस्ते में पड़ी थी। सीजेडए से परमिशन मिलने के बावजूद तत्कालीन अधिकारियों की लापरवाही से दोनों बड़े एनीमल की एंट्री नहीं हो पाई। नई सरकार आईएफएस और आरएफएस के ट्रांसफर कर वन्यजीव विभाग की जाजम बदल दी। डीसीएफ अनुराग भटनागर को वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट की कमान सौंपी गई। उन्होंने चार्ज लेते ही लॉयन और भालू का कोटा आने का रास्ता साफ कर दिया। भटनागर के प्रयासों के अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में जल्द ही 10 नए वन्यजीव देखने को मिलेंगे।
चिंकारा भी करेंगे एंट्री
जोधपुर के माछिया बायोलॉजिकल पार्क से 4 चिंकारा अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में शिफ्ट किए जाएंगे। इसके लिए प्रस्ताव बनाकर भिजवा दिए गए हैं। इनमें 2 मेल और 2 फिमेल जोड़े शामिल हैं। वर्तमान में अभेड़ा में 4 फिमेल चिंकारा है। ऐसे में 4 नए आने से इनकी संख्या 8 हो जाएगी।
सज्जनगढ़ से अली तो नाहरगढ़ से आएगा गणेश
वन्यजीव विभाग के उप वन संरक्षक अनुराग भटनागर ने बताया कि उदयपुर के सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क से हाईब्रिड लॉयन व जयपुर के नाहरगढ़ से भालू गणेश को लाया जाएगा। इसके लिए दोनों बायोलॉजिकल पार्क के अधिकारियों को प्रस्ताव भिजवा दिए गए हैं। जहां से शीघ्र ही एनीमल लाने की स्वीकृति मिल जाएगी। संभवत: पहले सप्ताह में शहरवासियों को कोटा में बब्बर शेर व भालू देखने को मिलेंगे। इसकी तैयारियां जोरों पर चल रही है।
जयपुर से लाए जाएंगे 4 ऐमु
दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा नोन फ्लाई बर्ड यानी (उड़ने में अक्षम) पक्षी की झलक अब अभेड़ा बायलॉजिकल पार्क में देखने को मिलेगी। वन्यजीव विभाग ने पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए जोधपुर से 4 ऐमु लाने की तैयारी शुरू कर दी है। इनमें 1 नर व 3 मादा शामिल हैं। हालांकि, इससे पहले अगस्त 2019 में चार ऐमु जोधपुर के माछिया बायोलॉजिकल पार्क से कोटा चिड़िया घर में लाए गए थे, जो पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए थे। गत वर्ष चारों ऐमु की मृत्यु हो गई थी।
7 माह बाद भी नहीं बनी दीवार
बायोलॉजिकल पार्क में 7 माह से चिंकारा के एनक्लोजर के पास टूटी सुरक्षा दीवार की अभी तक मरम्मत नहीं करवाई गई। जबकि, पार्क के पीछे थर्मल व वन मंडल का घना जंगल है। जहां पैंथर, भालू, जरख, सियार का मूवमेंट रहता है। ऐसे में सुरक्षा दीवार टूटने से इनके पार्क में घुस आने व शाकाहारी वन्यजीवों पर हमले की आशंका बनी रहती है। पूर्व में भी घटना हो चुकी है, इसके बावजूद अधिकारियों द्वारा इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा।
इनका कहना
पर्यटकों को अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में जल्द ही लॉयन, भालू, 4 ऐमु बर्ड्स, 4 चिंकारा देखने को मिलेंगे। संबंधित अधिकारियों को प्रस्ताव बनाकर भिजवा दिए गए हैं। सीजेडए से हरी झंडी मिल चुकी है। हमारी ओर से तैयारी युद्धस्तर पर जारी है। वहीं, पार्क में टूट रही सुरक्षा दीवार का भी जल्द ही निर्माण करवाएंगे।
- अनुराग भटनागर, उप वन संरक्षक, वन्यजीव विभाग
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