लोकसभा चुनाव से पहले पांच मंत्रियों के कार्यभार में आंशिक बदलाव, कैबिनेट में संतुलन साधने की कोशिश
मुख्यमंत्री भजनलाल सरकार में लोकसभा चुनावों की आचार संहिता लगने से ठीक पहले पांच मंत्रियों के विभागों के विभाजन में आंशिक बदलाव किया गया है।
जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल सरकार में लोकसभा चुनावों की आचार संहिता लगने से ठीक पहले पांच मंत्रियों के विभागों के विभाजन में आंशिक बदलाव किया गया है। इसका मुख्य कारण कैबिनेट में संतुलन साधने की कोशिश से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि स्कूल शिक्षा, संस्कृत शिक्षा के साथ अभी भी पंचायतीराज का पूरा विभाग मंत्री मदन दिलावर के पास ही रहेगा, लेकिन इस विभाग से जुड़े 5 मंत्रियों के अलग अलग विभागों का 5 मंत्रियों में बंटवारा किया गया है।
मंत्रिमंडल सचिवालय के आदेश के अनुसार ग्रामीण विकास जहां मंत्री किरोड़ीलाल मीणा के पास है, वहीं पंचायतीराज का पूरा महकमा मंत्री मदन दिलावर के पास है, जिनके पास स्कूल शिक्षा और संस्कृत शिक्षा के दो महत्वपूर्ण विभाग पहले से ही हैं। इसलिए पंचायतीराज के अधीनस्थ महिला बाल विकास,कृषि, चिकित्सा-स्वास्थ्य, स्कूल शिक्षा और सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग संबंधित उन मंत्रियों को दिए हैं जिनके पास ये पांचों मूल विभाग हैं।
इससे माना जा रहा है कि मदन दिलावर का भार कुछ हल्का हुआ है और अन्य 4 मंत्रियों का भार बढ़ा है। वहीं महिला बाल विकास,कृषि, चिकित्सा-स्वास्थ्य, स्कूल शिक्षा और सामाजिक न्याय अधिकारिता के पांचों विभागों के पंचायतीराज के अधीनस्थ कामों को लेकर अब दिक्कत नहीं आएगी, क्योंकि संबंधित विभागों के मूल मंत्री ही इससे जुड़े काम करेंगे। इसके तहत डिप्टी सीएम दिया कुमारी अपने पहले के वित्त,पर्यटन, कला साहित्य,संस्कृति, पीडब्ल्यूडी, महिला बाल विकास विभाग और बाल अधिकारिता के साथ पंचायतीराज के अधीनस्थ WCD या महिला बाल विकास विभाग का स्वतंत्र प्रभार देखेगी।
इसी तरह किरोडी लाल मीणा अपने पहले के कृषि,उद्यानिकी,ग्रामीण विकास,आपदा प्रबंधन,सहायता और नागरिक सुरक्षा और जन अभियोग निराकरण के साथ साथ पंचायतीराज के अधीनस्थ कृषि विभाग का स्वतंत्र प्रभार देखेंगे। गजेंद्र सिंह खींवसर चिकित्सा, स्वास्थ्य, चिकित्सा, स्वास्थ्य सेवाएं ESI और मदन दिलावर स्कूली शिक्षा,पंचायती राज,संस्कृत शिक्षा के साथ पंचायतीराज के अधीनस्थ स्कूली शिक्षा का स्वतंत्र प्रभार भी देखेंगे।
वहीं अविनाश गहलोत सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग के साथ पंचायतीराज के अधीनस्थ सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग का स्वतंत्र प्रभार भी संभालेंगे।
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