सोशल मीडिया पर रोजेदार कमा रहे नेकियां
सोशल मीडिया पर रोजेदार कमा रहे नेकियां
रमजान के इस पाक महीने की रौनक और इबादत का असर हर तरफ फैला होने के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी देखने को मिल रहा है। फेसबुक, ट्विटर व व्हाट्सएप पर रमजान के संदेश चलाए जा रहे हैं।
जोधपुर। रमजान के इस पाक महीने की रौनक और इबादत का असर हर तरफ फैला होने के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी देखने को मिल रहा है। फेसबुक, ट्विटर व व्हाट्सएप पर रमजान के संदेश चलाए जा रहे हैं। फेसबुक और व्हाट्सएप पर तरावीह पढ़ने की नसीहत दी जा रही है। रोजा रखने वाले ज्यादातर फेसबुक यूजर रमजान से जुड़े पोस्ट ही वॉल पर डाल रहे हैं। इसके अलावा रोजे के दौरान किन चीजों से परहेज रखना है और इफ्तार में खानपान के बारे में भी जानकारी दी जा रही है।
युवा व्हाट्सएप पर एक-दूसरे को रमजान से संबंधित मेसेज पोस्ट कर रहे है। एक के बदले 70 नेकियां कमाने के लिए प्रेरित करने और भद्दे कमेंट से बचने की नसीहत सोशल मीडिया के जरिये दी जा रही है। यह मेसेज भी दिया जा रहा है कि युवाओं को रोजा मकरूह होने वाली चीजों से परहेज रखना है और नमाज में पूरा ध्यान लगाना है। युवा आपस में भी चैटिंग के जरिए इन बातों को शेयर कर रहे हैं।
हाकिम बाग निवासी रिजवान का कहना है कि साल में एक महीना पूरी तरह इबादत का होता है। इसमें हम सभी को सिर्फ और सिर्फ इबादत करनी चाहिए। गलत बातों से बचना और दूसरों को इससे बचाना भी सवाब का काम है। उन्होंने बताया कि ज्यादातर युवाओं के पास स्मार्ट फोन हैं। रमजान का महीना शुरू होने के साथ ग्रुप में नेकियों के मेसेज पोस्ट किए जा रहे हैं। इसका काफी फायदा है। अपनी बात पल भर में दूसरों तक पहुंच रही है।
कबाड़ियों का बास निवासी रेहाना ने कहा कि रोजा अल्लाह के करीब होने का जरिया है। रोजेदार को अपने नफे-नुकसान की परवाह किए बिना अल्लाह की इबादत का ख्याल रखना चाहिए। दूसरी ओर सरदारपुरा निवासी तमन्ना का कहना है कि रोजेदार को रोजे के दौरान खाने-पीने की इच्छा नहीं होती। हम ज्यादा से ज्यादा लोगों को मेसेज करते हैं, क्योंकि मुकद्दस रमजान में एक नेकी के बदले सत्तर नेकियां मिलतीं हैं। हम अच्छे मेसेज के लिए अपने मिलने वालों से भी कहते हैं। इस तरह के मेसेज से दूसरों की मदद से सीख मिलती है।
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