एक तरफ व्यर्थ बह रहा हजारों लीटर अमृत: दूसरी तरफ बूंद-बूंद को तरसे लोग

लोग हो रहे परेशान, अधिकारियों को नहीं है परवाह

एक तरफ व्यर्थ बह रहा हजारों लीटर अमृत: दूसरी तरफ बूंद-बूंद को तरसे लोग

उनकी आंखों के सामने व्यर्थ ही हजारों लीटर पानी बह जाता है। साथ ही बिछाई जाने वाली पाइप लाइन में भी अवैध रूप से कनेक्शन लेकर कुछ लोग अपने निजी स्वार्थ के लिए दूसरे लोगों की परेशानी का सबब बन रहे हैं।

रावतभाटा। रावतभाटा नगर पालिका के उपनगर के नाम से प्रचलित बाड़ोलिया ग्राम पंचायत यूं तो अपनी तरक्की को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करती है, लेकिन वर्तमान स्थिति यह है कि पूर्व सरकार के समय भी लोग पानी की समस्या को लेकर पीड़ित रहे और वर्तमान सरकार के दौर में भी पीड़ा भोग रहे हैं। वर्तमान सरकार ने सुविधा के नाम पर कई जगह भूमिगत जल लेने के लिए बोरिंग करवाई। लेकिन फिर भी ग्रामवासी पानी के लिए तरस रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि बोरिंग वाले स्थान पर सही कार्य नहीं होने से निरंतर पानी गिरता रहता है। जिसके कारण गांव में पानी की समस्या निरंतर बनी रहती है। प्रशासनिक अधिकारी व कर्मचारी इस पर कोई ध्यान नहीं देते। उनकी आंखों के सामने व्यर्थ ही हजारों लीटर पानी बह जाता है। साथ ही बिछाई जाने वाली पाइप लाइन में भी अवैध रूप से कनेक्शन लेकर कुछ लोग अपने निजी स्वार्थ के लिए दूसरे लोगों की परेशानी का सबब बन रहे हैं। नियमित रखरखाव की अनदेखी : सरकार द्वारा कराई गई बोरिंग के नियमित रखरखाव की अनदेखी के चलते निरंतर व्यर्थ ही हजारों लीटर पानी बह रहा है। साथ ही बिछाई गई पानी की पाइपलाइन से अवैध कनेक्शन देकर ग्राम पंचायत द्वारा मूल जरूरतमंद को तो पानी नहीं दिया जाता और अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए कर्मचारियों द्वारा अवैध रूप से पानी की सप्लाई की जा रही है।

कागजों में चल रही अमृत जल योजना  
यूं तो प्रशासन द्वारा अमृत जल योजना के नाम पर कई बड़े-बड़े वादे संपूर्ण रावतभाटा क्षेत्र में किए गए। लेकिन वास्तविक स्थिति यह है कि पूरा रावतभाटा क्षेत्र और उपनगर बाडोलिया में जो समस्या पहले थी वही आज भी बरकरार है। तब भी गर्मी में पानी के लिए लोग बेबस ओर लाचार थे। वही स्थिति आज भी है। अमृत जल योजना केवल कागजों पर ही बनकर रह गई। धरातल पर बनी ही नहीं।

बाड़ोलिया ग्राम पंचायत में पानी की समस्या की शिकायत आई है। जल्द ही समस्या का समाधान किया जाएगा। 
-विवेक गरासिया, तहसीलदार, रावतभाटा

इनका कहना है
 हमारे यहां केवल 15 मिनट ही पानी मिलता है। हमने कई बार ग्राम पंचायत कर्मचारियों को अवगत कराया। लेकिन वह हमारी बात को सुनते ही नहीं।
-भोला, छात्र, बाड़ोलिया

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 पिछले डेढ़ साल से परेशान हो रहे हैं। पिछली सरकार ने नहीं सुनी। अब वर्तमान सरकार द्वारा कराई गई बोरिंग के बावजूद भी हमारे यहां पानी नहीं आ रहा। हजारों लीटर पानी व्यर्थ ही बह रहा है।
-राधा कंवर, गृहिणी, बाडोलिया

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भूमिगत जल के लिए हमारा कोई भी दायित्व नहीं बनता। यह ग्राम पंचायत के अधीन आता है। भूमिगत जल के संबंध में दूसरे विभाग द्वारा ही दिशा निर्देश जारी किए जाते हैं।
-लक्ष्मण सिंह, कनिष्ठ अभियंता, जलदाय विभाग 

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हम निरंतर पानी के लिए प्रयास करते रहे। पूर्व में भी कई शिकायतें हमने विभाग को दीं। तब भी समस्या थी और आज भी समस्या है। बोरिंग होने जाने के उपरांत भी हम लोगों को पाने की दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। अभी तो गर्मी चालू हुई है। जिस पर भी अपनी मात्र 15 मिनट ही आता है। लेकिन आगे गर्मी बढ़ती जाएगी तो पानी कहां से मिलेगा। 
-सपना शर्मा, गृहिणी, बाडोलिया

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