MGNREGA में लगे संविदाकर्मी होंगे स्थाई
नौ साल या अधिक समय तक काम करने वाले दायरे में
प्रदेश के करीब डेढ़ हजार कार्मिकों को वर्तमान प्रक्रिया का लाभ मिलेगा।
जयपुर। भजनलाल सरकार ने नरेगा में लगे संविदाकर्मियों को स्थाई करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। नरेगा में संविदा पद पर नौ साल या अधिक समय तक काम करने वाले इसके दायरे में आएंगे। प्रदेश के करीब डेढ़ हजार कार्मिकों को वर्तमान प्रक्रिया का लाभ मिलेगा। ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग ने सभी जिला कलक्टरों को निर्देश जारी कर कहा है कि 11 जनवरी 2022 के जारी राजस्थान कांट्रेक्चुअल टू सिविल पोस्ट रूल्स 2022 के तहत ग्रामीण विकास विभाग ने प्रशासनिक नियंत्रण में सृजित 4,966 नियमित पदों की प्रशासनिक स्वीकृति सात मार्च को जारी की गई है। आदेशों के तहत नरेगा के अन्तर्गत नियुक्ति प्राप्त संविदा कार्मिक जो नौ साल या उससे अधिक की अवधि में संतोषजनक कार्य पूरा कर चुके हैं,उनकी स्क्रीनिंग की जाएगी। इससे पहले जिला स्तरीय कमेटी इनकी पात्रता की जांच और दस्तावेज सत्यापन का काम पूरा करेगी। कार्मिकों की नौ साल की अवधि एक अप्रैल 2024 को आधार मानकर की जाएगी।
फिलहाल 1500 कार्मिकों को मिल पाएगा लाभ
सरकार के मंजूर 4,966 पदों की तुलना में विभाग में लेखा सहायक, जेटीए, कम्प्यूटर ऑपरेटर, ग्राम रोजगार सहायक, सहायक लेखाधिकारी सहित करीब दस पदों पर ढाई हजार संविदा कार्मिक लगे हुए हैं। नियमों में नौ साल केवल नरेगा में ही काम करने की बाध्यता के चलते फिलहाल ढाई हजार कार्मिकों में से डेढ हजार कार्मिक ही पात्रता में शामिल होने का आंकलन है। अन्य कार्मिकों के नौ साल अनुभव पूरा होते ही उन्हें भी आगामी समय में मौका मिल जाएगा।
कोर्ट में प्रक्रिया अटकने का अभी भी डर
प्रक्रिया शुरू होने के बाद मनरेगा लेखा सहायक संघ, राजस्थान प्रदेशाध्यक्ष रामस्वरूप टांक ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और ग्रामीण विकास मंत्री डॉ.किरोडीलाल मीणा का आभार जताया है। वहीं, संविदा कार्मिकों प्रक्रिया में यह आशंका भी सता रही है कि पुराने लेखा सहायक और सिविल डिग्री वाले जेटीए प्रमोशन कारणों से प्रक्रिया को कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं। टांक का मानना है कि प्रक्रिया नहीं अटकेगी, क्योंकि वर्तमान प्रक्रिया में नौ साल अनुभव अवधि का लाभ एक बार ही मिलता है। पुरानों को यह लाभ मिल चुका, इसलिए कोर्ट में चुनौती के आसार कम हैं।
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