गुजरात के तेजस के अंगों का महादान, 3 को मिला नया जीवन
एसएमएस मेडिकल कॉलेज में हुआ लिवर और किडनी ट्रांसप्लांट, निजी अस्पताल से रिट्रीव किए गए थे अंग
दो अलग अलग मरीजों में किडनी और लिवर ट्रांसप्लांट किए।
जयपुर। गुजरात निवासी तेजस उपेंद्र ने अपने जीवन के बाद 3 मरीजों को नया जीवन दे दिया। एक निजी अस्पताल में ब्रेन डेड होने के बाद उनका अंगों का ट्रांसप्लांट किया गया। अंगों में एक किडनी और लिवर यहां एसएमएस मेडिकल कॉलेज की हिपेटोलॉजी और रीनल साइंस विभाग ने दो अलग अलग मरीजों में किडनी और लिवर ट्रांसप्लांट किए। मेडिकल कॉलेज में आयोजित प्रेस वार्ता में प्रिंसिपल डॉ. दीपक माहेश्वरी और ट्रांसप्लांट करने वाले एक्सपर्ट्स ने इसकी जानकारी दी।
डॉ. दीपक माहेश्वरी ने बताया कि पिछले दो महीने से ट्रांसप्लांट से जुड़ी गतिविधि नहीं हो सकी, लेकिन अभी राजस्थान सरकार के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह द्वारा गठित की गई नई कमेटी के बाद अब वापस से एसएमएस मेडिकल कॉलेज के ट्रांसप्लांट प्रोग्राम शुरू हो गया है। इसी कड़ी में दो मरीजों को ब्रेन डेड व्यक्ति के अंग प्रत्यारोपित किए गए हैं।
12 घंटे चली ट्रांसप्लांट प्रक्रिया
लिवर ट्रांसप्लांट करने वाले सीनियर जीआई सर्जन डॉ. दिनेश भारती ने बताया कि ब्रेन डेड व्यक्ति का लिवर 44 वर्षीया महिला को लगाया गया है। एक निजी अस्पताल में व्यक्ति के ब्रेन डेड होने के बाद सोटो के पदाधिकारियों ने उसके परिजनों की काउंसिलिंग की। परिजनों से अंग दान की सहमति प्राप्त होने के बाद शाम 5 बजे से व्यक्ति के अंगों को रिट्रीव करने की प्रक्रिया चली। शाम सवा 8 बजे अंग एसएमएस में पहुंचे और सुबह साढ़े 6 बजे तक लिवर ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया पूरी हुई।
कोटा निवासी 32 वर्षीय पुरुष को लगी किडनी
किडनी ट्रांसप्लांट करने वाले सर्जन डॉ. नचिकेत व्यास ने बताया कि किडनी कोटा निवासी एक 32 वर्षीय पुरुष को लगाई गई है जो काफी समय से किडनी फेलियर की समस्या से जूझ रहा था। ट्रांसप्लांट के बाद किडनी अच्छे से काम कर रही है और घंटे 600 एमएल तक यूरीन बना रही है।
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