नाहरगढ़ दुर्ग में प्राचीरों के कंगूरे टूटे, अधिकारियों की अनदेखी के चलते नहीं कराया ठीक 

पैदल रास्ते की ओर पानी जा रहा है

नाहरगढ़ दुर्ग में प्राचीरों के कंगूरे टूटे, अधिकारियों की अनदेखी के चलते नहीं कराया ठीक 

अधिकारियों की अनदेखी के चलते इन्हें अभी तक ठीक नहीं कराया गया है। वन क्षेत्र में होने के चलते दुर्ग परिसर के आसपास वन्यजीवों का मूवमेंट बना रहता है। 

जयपुर। नाहरगढ़ दुर्ग से शहर का मनमोहक नजारा देख पर्यटक रोमांचित हो उठते हैं। यहां हर साल लाखों की संख्या में देशी-विदेशी पर्यटकों की आवाजाही रहती है। वहीं पिछले काफी समय से दुर्ग की प्राचीर और बुर्जों के कंगूरे जगह-जगह से टूटे हुई हैं। इसके लिए नाहरगढ़ दुर्ग प्रशासन ने कार्यकारी एजेंसी आमेर विकास एवं प्रबंधन प्राधिकरण (एडमा) को पत्र लिखकर अवगत कराया है, लेकिन अधिकारियों की अनदेखी के चलते इन्हें अभी तक ठीक नहीं कराया गया है। वन क्षेत्र में होने के चलते दुर्ग परिसर के आसपास वन्यजीवों का मूवमेंट बना रहता है। 

ऐसे में प्राचीर और बुर्जों के कंगूरे जगह जगह से टूटे होने के चलते वन्यजीवों के इस ओर आने का खतरा बना रहता है। रात करीब 9.30 बजे तक दुर्ग और आरटीडीसी की ओर से संचालित पड़ाव रेस्टोरेंट में पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है। वहीं दूसरी ओर नाहरगढ़ दुर्ग परिसर के बाहर वाली बावड़ी से भी पानी के रिसाव की बात सामने आ रही है। इसे ठीक करवाने के लिए नाहरगढ़ दुर्ग प्रशासन की ओर से एडमा को पत्र लिखा गया है। रिसाव के कारण दुर्ग से पुरानी बस्ती की ओर जाने वाले पैदल रास्ते की ओर पानी जा रहा है। 

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