Heat Stroke से अभी तक एक ही मौत
चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह का दावा
दावा किया है कि अस्पतालों में डेडीकेटेड हीट स्ट्रोक वार्ड बनाए गए हैं, लेकिन इनमें मरीजों की संख्या नगण्य है। एम्बूलेंस से मरीजों को रैफरल सेवाएं भी दी जा रही है।
जयपुर। राजस्थान में रोजाना हीटस्ट्रोक से मौतों के संदिग्ध मामले सामने आ रहे हैं लेकिन चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने दावा किया है कि 28 मई तक प्रदेश में केवल एक व्यक्ति की हीट स्ट्रोक से मौत हुई है। जानकारी के अनुसार यह मौत अजमेर के किशनगढ़ क्षेत्र में हुई बताई। वहीं चार अन्य मौतों की अभी तक पुष्टि नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि जयपुर, जोधपुर, नागौर ओर उदयपुर में एक-एक मौतें संदिग्ध है लेकिन तय प्रोटोकॉल के मुताबिक डेथ ऑडिट के बाद ही कन्फर्म होगा कि कौनसी मौत हीटस्ट्रोक से हुई है। विभाग ने एक मार्च 2024 तक (पिछली गर्मी) चार तक चार मौतों की पुष्टि भी की है। वहीं उन्होंने हीटवेव से बीमार होकर अस्पताल आने, यहां चिकित्सा व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए यह भी कहा है कि अस्पतालों में 99 फीसदी व्यवस्था चाक चौबंद हैं। दावा किया है कि अस्पतालों में डेडीकेटेड हीट स्ट्रोक वार्ड बनाए गए हैं, लेकिन इनमें मरीजों की संख्या नगण्य है। एम्बूलेंस से मरीजों को रैफरल सेवाएं भी दी जा रही है।
इलाज प्रबन्धन में लापरवाही तो अधीक्षक होगा जिम्मेदार
उन्होंने दूसरे दिन भी एसीएस शुभ्रा सिंह सहित आला अधिकारियों की ली बैठक में आदेश दिए हैं कि किसी भी अस्पताल में व्यवस्थाओं को लेकर लापरवाही मिली तो उसका जिम्मेदार अस्पताल अधीक्षक होगा। बैठक में मेडिकल कॉलेजों की ओर से हीटवेव प्रबंधन को लेकर प्रजेंटेशन भी दिया गया। गर्मी से राहत के लिए अस्पतालों में कूलर, पंखे, एसी लगाए जाएं। इसके लिए मेडिकल रिलीफ सोसायटी का फंड काम में लें। रेपिड रेस्पांस सिस्टम से मरीज को तुरंत राहत मिले। हीटेवव से पीड़ित व्यक्ति राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम 01412225000, टोल फ्री नंबर 1070 तथा आपातकालीन एम्बुलेंस सहायता के लिए टोल फ्री नंबर 104 एवं 108 पर सम्पर्क कर सकता है।
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