पौधे झुलसे, डिवाइडर मटियामेट

गर्मी का कहर: ठेकेदार की मनमानी के चलते सरकार के लाखों रुपए गए पानी में

पौधे झुलसे, डिवाइडर मटियामेट

डिवाइडर में पौधों को पनपाने के लिए डाली गई मिट्टी में पानी नहीं मिलने से अब बड़े-बड़े ढेले बन गए हैं।

कोटा। शहर में हरियाली बढ़ाने के लिए लाखों रुपए खर्च कर करीब डेढ़ साल पहले डिवाइडरों में पौध लगाए गए थे। जिनमें पानी देने के साथ ही उनके रखरखाव और सार संभाल की जिम्मेदारी यूआईटी ने अलग-अलग ठेकेदारों को सौंपी थी। इसके लिए लाखों के टेंडर निकाले गए और ठेकेदारों के काम तय किए गए। मगर समय पर पौधों में पानी नहीं देने के कारण अब वे झुलसने लगे हैं। डिवाइडर में पौधों को उगाने के लिए डाली गई मिट्टी सूख गई है। जो धूल बनकर उड़ रही है। वहीं डिवाइडर भी जगह-जगह से टूट गए हैं। लाखों रुपए खर्च कर लगाए गए पौधे अब तो मृतप्राय: हो गए हैं। ऐसे में शहर में हरियाली बढ़ाने का काम फिर से अधूरा ही रही गया है। जबकि यूआइटी अधिकारियों की ओर से समय-समय पर ठेकेदारों को उनके कर्तव्य याद दिलाए गए, फिर भी उनकी मनमानी के चलते पौधे नष्ट हो गए हैं। भीमगंजमंडी थाना क्षेत्र से लेकर मयूर टॉकीज तक सड़क के बीच बने डिवाइडर पर पौधों की रखरखाव का ठेका यूआईटी ने एलएनए इंफ्रा प्राइवेट प्रोजेक्ट लिमिटेड को दे रखा है। जानकारी के अनुसार शहर में हरियाली बढ़ाने के लिए करीब डेढ़ साल पहले सरकारी टेंडर पर डिवाइडरों में पेड़-पौधे लगाए गए थे। इनमें पानी देने के अलावा इनकी सारसंभाल के लिए यूआईटी ने अलग-अलग ठेकेदारों को कार्य का जिम्मा सौंपा था, ताकि किसी एक के जिम्मे पूरा शहर न रहे और पौधे फलने-फूलने से पहले ही मुरझा जाए। ठेकेदारों को पौधे में पानी देने से लेकर उनके रखरखाव तक का भुगतान कर रही है। इसके बाद भी भीमगंजमंडी थाना क्षेत्र के सामने से लेकर मयूर टॉकिज और एसबीआई बैंके सामने से जा रहे डिवाइडर में लगे पौधे बिल्कुल सूख चुके हैं। ऐसा लगता है जैसे कई माह से उनमें पानी नहीं दिया गया हो। डिवाइडर में पौधों को पनपाने के लिए डाली गई मिट्टी भी पूरी तरह से सूख चुकी है, उसमें नमी तो कोसो दूर की बात है यहां तक की गीली भी नहीं है। जिसके चलते पौधे झुलस गए हैं। हालांकि कुछ पौधे अभी हरे दिख रहे हैं।

दिखने लगे हैं डिवाइडर में डाले गए पाइप
यहां डिवाइडर में लाइटों की फीटिंग को लेकर डाली गई पाइप भी मिट्टी उड़ने के कारण अब दिखने लगी है। पानी नहीं मिलने के कारण मिट्टी सूखकर उड़ रही है। ऐसे में उसके नीचे दबी पाइप अब दिखने लगी है।

मिट्टी के बन चुके हैं ढेले
डिवाइडर में पौधों को पनपाने के लिए डाली गई मिट्टी में पानी नहीं मिलने से अब बड़े-बड़े ढेले बन गए हैं। जिनको देखकर ऐसा लगता है कि इनमें कई माह से पानी नहीं डाला गया है। डिवाइडर की सूखी मिट्टी हवा के साथ उड़कर यहां आसपास की दुकानों में तो जाती ही है, वाहनों चालकों की आंखों में भी जा रही है। जिससे उनके गिरने की संभावना बनी हुई है। सूखी मिट्टी के कारण कुछ पौधे मर चुके हैं और कुछ झुलस गए हैं।

गर्मी से मिल सकती थी राहत
वैसे तो स्टेशन क्षेत्र में तापमान .2 डिग्री के आसपास शहर के अन्य स्थानों की अपेक्षा कम रहता है। मगर हरियाली बढ़ने से इसमें और कमी आ सकती है। डिवाइडर पर लगे पौधे पनपते हैं तो यहां अब आॅक्सीजन की मात्रा में भी बढ़ोतरी होगी। इसके अलावा भीषण गर्मी के दिनों में तापमान में कमी के चलते लोगों को राहत मिलेगी। मगर ठेकेदार की मनमानी के चलते इनकी समय-समय पर देखभाल नहीं हो रही है। जिसके कारण अब ये पौधे मरने लगे हैं।

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अब तक चार नोटिस दे चुके हैं
स्टेशन क्षेत्र में डिवाइडर पर लगे पौधों में पानी देने और उनकी देखभाल का ठेका हुआ था। मगर ठेकेदार की मनमानी के चलते अब ये पौधे झुलसने लगे हैं। इनमें कई माह से पानी नहीं दिया गया है। इस क्षेत्र के ठेकेदार को अब तक चार नोटिस दे चुके हैं।  
- सीपी मीणा, एक्सईएन, यूआईटी

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ठेकेदार ने नहीं रिसीव किया फोन
इस मामले में ठेकेदार कप्तान सिंह से बात करने के लिए उनके नंबर पर फोन किया गया। लेकिन उनका फोन व्यस्त आ रहा था। दुबारा भी कॉल किया, लेकिन रिसीव नहीं किया।

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