असर खबर का - प्रतिबंधित रसायन से फल पकाने वालों पर कसा शिकंजा

मंडी समिति प्रशासन ने व्यापारियों को जारी किए नोटिस

असर खबर का - प्रतिबंधित रसायन से फल पकाने वालों पर कसा शिकंजा

गोदामों की जांच के लिए बनाई टीमें।

कोटा। प्रतिबंधित रसायन और केमिकल से फल पकाने वालों के खिलाफ कृषि उपज थोक फलसब्जी मंडी समिति ने कार्रवाई शुरू कर दी है। इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए मंडी समिति की ओर से कुछ फल विक्रेताओं को नोटिस जारी किए गए हैं। इसके अलावा आगामी दिनों में इनके गोदामों की जांच भी की जाएगी। जांच में प्रतिबंधित रसायन और केमिकल से फल पकाना पाया गया तो सम्बंधित विक्रेता का लाइसेंस निलम्बित किया जाएगा। इसके  लिए समिति ने पूरी कार्य योजना तैयार कर ली है। गोदामों की जांच की टीमों का गठन किया गया है। जो आकस्मिक निरीक्षण कर गोदामों में वस्तुस्थिति की जांच करेगी। फल पकाने के मामले आए सामने: तरबूज व खरबूज सहित अन्य फल गर्मियों के मौसम में लोगों की पहली पसंद होती है। इसकी ठंडक और मिठास जहां एक ओर गर्मी से राहत दिलाती है, वहीं यह स्वास्थ्य के लिए भरपूर फायदेमंद भी साबित होता है। गर्मियों में इसकी बढ़ती मांग के चलते इसे जल्दी पकाने के लिए केमिकल का सहारा लिया जा रहा है। जो स्वास्थ लिए हानिकारक होता है। केमिकल के प्रयोग से यह फल तेजी से पक जाता है। गत दिनों शहर के कई गोदामों में प्रतिबंधित रसायनों से तरबूज, खरबूज, कैले, पपीता, आम सहित अन्य फलों को पकाने के मामले सामने आए थे। फल विक्रेता इसमें सैकरीन के साथ लाल कलर का इंग्जेक्शन लगाकर फल को मिठा कर रहे थे। जिससे जनता के स्वास्थ्य बुरा प्रभाव पड़ रहा था। इस सम्बंध में कोई कार्रवाई नहीं होने से प्रतिबंधित रसायनों का धड़ल्ले से उपयोग किया जा रहा था।  

सभी के लिए घातक होता है यह रसायन
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने घातक रसायनों के उपयोग पर प्रतिबंध के लिए पूर्व में निर्देश जारी कर रखे है। फलों को कृत्रिम रूप से पकाने के लिए खाद्य सुरक्षा और मानक 2011 के उप विनियम के प्रावधान के तहत कैल्शियम कार्बाइड के उपयोग पर पहले ही प्रतिबंध है। कैल्शियम कार्बाइड से निकलने वाली एसिटिलिन गैस फल पकाने में शामिल लोगों के उतनी ही हानिकारक है जितना यह फल का सेवन करने वालों के लिए है। बाजार में बिकने वाले तरबूज व खरबूजे व आम को कृत्रिम रूप से पकाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। हालांकि आजकल बाजार में मिलने वाले खरबूजे अक्सर एक समान रंग के होते हैं। उन पर किसी भी प्रकार के दाम या निशान नहीं होते। जिससे यह संदेह होता है कि इन्हें केमिकल की सहायता से एक ही रात में पकाया गया है।

नवज्योति ने उठाया मामला तो हरकत में आया विभाग
शहर में विभिन्न स्थानों पर गर्मियों में तरबूज, खरबूज और अन्य फलों की बढ़ती मांग के चलते जल्दी पकाने के लिए कुछ फल विक्रेता केमिकल का सहारा ले रहे थे। इससे आमजन के शरीर को नुकसान पहुंच रहा था। इस सम्बंध में गत 31 मई को दैनिक नवज्योति में प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया था। जिसमें बताया था कि प्रतिबंधित रसायनों और केमिकल का उपयोग फलों को पकाने में धड़ल्ले से उपयोग किया जा रहा है। इस सम्बंध में जिम्मेदार विभाग कोई कार्रवाई नहीं रहे हैं। मामला उजागर होने पर थोक फल सब्जीमंडी समिति ने कुछ फल विक्रेताआेंं को नोटिस जारी कर हिदायत दी। वहीं गोदामों की जांच के लिए टीमों का गठन किया।

प्रतिबंधित रसायन से फल पकाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस मामले को लेकर कुछ फल विक्रेताओं को नोटिस जारी किए गए हैं। इसके बाद भी गोदामों की जांच के लिए विभाग के कर्मचारियों की टीमें बनाई गई है, जो नियमित रूप से गोदामों की औचक जांच करेगी। इस दौरान प्रतिबंधित रसायनों का उपयोग मिलने पर सम्बंधित फर्म का लाइसेंस निलम्बित किया जाएगा।
- शशिशेखर शर्मा, कार्यवाहक सचिव, थोक फलसब्जी मंडी समिति

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