Upcoming Week of Stock Market : जीएसटी परिषद के नतीजों का बाजार पर रहेगा असर
विश्व बाजार के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर सरकार के खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने से हुई लिवाली की बदौलत बीते सप्ताह मजबूत रहे घरेलू शेयर बाजार पर अगले सप्ताह माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की बैठक के नतीजों का असर रहेगा।
मुंबई। विश्व बाजार के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर सरकार के खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने से हुई लिवाली की बदौलत बीते सप्ताह मजबूत रहे घरेलू शेयर बाजार पर अगले सप्ताह माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की बैठक के नतीजों का असर रहेगा।
बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 217.13 अंक अर्थात 0.28 प्रतिशत की बढ़त के साथ सप्ताहांत पर 77209.90 अंक पर पहुंच गया। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 35.5 अंक यानी 0.2 प्रतिशत चढ़कर 23501.10 अंक हो गया।
समीक्षाधीन सप्ताह में मझौली और छोटी कंपनियों के शेयरों में मिलाजुला रूख रहा। बीएसई का मिडकैप जहां 91.69 अंक अर्थात 0.2 प्रतिशत गिरकर सप्ताहांत पर 45967.07 अंक रह गया। वहीं, स्मॉलकैप 736.54 अंक यानी 1.4 प्रतिशत आई छलांग लगाकर 51936.53 अंक पर पहुंच गया।
विश्लेषकों के अनुसार, चुनाव परिणामों को लेकर चिंता कम होने और वैश्विक धारणा में सुधार के कारण घरेलू बाजार में शुरुआत में तेजी का रुख जारी रहा। गठबंधन सरकार के अस्तित्व में आने के बाद आशा है कि आगामी बजट में विकास संबंधी पहलों और लोकलुभावन उपायों के बीच संतुलन स्थापित किया जाएगा।
इसके अलावा उपभोग को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा की जाने वाली कार्रवाई से भी काफी अपेक्षाएं हैं, जो कि ध्यान देने योग्य एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। केंद्र में सरकार गठन के बाद विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की नई रुचि सहित मजबूत संस्थागत प्रवाह ने बाजार की धारणा को और मजबूत किया है। हालांकि, मानसून की धीमी प्रगति की चिंता के कारण मुनाफावसूली शुरू हो गई। वहों, उत्तर भारत में हीट वेव प्रमुख चिंता का विषय बनी हुई हैं।
वैश्विक मोर्चे पर इंगलैंड में महंगाई दर घटकर दो प्रतिशत पर आ जाने के बावजूद बैंक ऑफ इंगलैंड (बीओई) ने अपनी ब्याज दरें अपरिवर्तित रखने का विकल्प चुना, जिससे कुछ हद तक निराशा हुई। हालांकि, अब अगस्त में बीओई द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावना बढ़ गई है। इसी तरह अमेरिका में बेरोजगारी दर में वृद्धि हुई है तथा कमजोर आवास आंकड़ों के कारण सितम्बर में ब्याज दरों में कटौती की संभावना 67 प्रतिशत बढ़ गई है।
जीएसटी बैठक के परिणाम से अगले सप्ताह इससे संबंधित क्षेत्र में तेजी आ सकती है क्योंकि वस्त्र, उर्वरक और बैंकिंग सहित कुछ क्षेत्रों में जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने पर विचार किया जा सकता है। इसके अलावा पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में शामिल करने पर भी चर्चा की संभावना है। इस तरह अगले सप्ताह जीएसटी बैठक के नतीजों का बाजार पर असर रहेगा।
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