New Law: विदेश में बैठे अपराधी के खिलाफ भी चलेगा ट्रायल और सुनाई जाएगी सजा

नाबालिग से अपराध कराने वाला भी बराबर सजा का होगा भागीदार18 साल से कम उम्र के सभी बालक कहलाएंगे

New Law: विदेश में बैठे अपराधी के खिलाफ भी चलेगा ट्रायल और सुनाई जाएगी सजा

30 जून से पहले होने वाले हर अपराध में पुराना कानून ही लागू होगा, सीसीटीएनएस में दोनों ही कानून की मौजूद होंगी धाराएं

जयपुर। प्रदेश में 30 जून की रात 12 बजे के बाद एक जुलाई को तीन नए कानून लागू हो जाएंगे। एक जुलाई से हर अपराध में नई कानून भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) की धाराओं में कार्रवाई होगी। 30 जून रात 11.59 बजे तक के अपराधों में पुराना कानून ही लगेगा। 28 जून को कोई अपराध हुआ और उसकी रिपोर्ट पांच जुलाई को दी गई तो पुरानी धाराएं लगेंगी। नए कानूनों को लागू करने के लिए हर रोज थाना स्तर से लेकर पुलिस मुख्यालय में तैयारियां चल रही हैं। इस पर मुख्यमंत्री एक जुलाई को बड़ा कार्यक्रम करेंगे। 

नए कानून की कुछ बड़ी बातें
   

  • बड़े अपराधों के लिए गैंगस्टर नाबालिगों का उपयोग करते हैं। नए कानून में ये भी बराबर के अपराधी हैं।
  • पहले अपराधी वारदात करके फरार हो जाता था। अब उसे 45 दिन का नोटिस मिलेगा। नहीं आया तो ट्रायल और सजा होगी।
  • विदेश में बैठा अपराधी यदि अपराध करता है और वह नामजद है तो उसके खिलाफ भी ट्रायल चलेगा और सजा होगी।
  • महिला अपराध में दो माह में जांच करनी होगी।
  • केस की जांच चल रही है तो पुलिस को परिवादी को 90 दिन में केस की प्रगति बतानी होगी। 173 (8) के पेंडिंग केसों में कोर्ट से जांच की अनुमति लेनी होगी।
  • ट्रायल के समय को छोड़कर कोर्ट में हर प्रक्रिया का समय निर्धारित रहेगा।
  • तीन से सात साल तक की सजा में पुलिस संज्ञेय या असंज्ञेय अपराध की जांच के लिए प्राथमिक  जांच कर सकेगी।
  • परिवादी ऑनलाइन एफआईआर भेज सकता है, लेकिन उसे तीन दिन में थाने जाकर हस्ताक्षर करने होंगे।
  • गवाही और मुल्जिम की पेशी वीडियो कॉफ्रेंसिंग से होगी।
  • नए कानून में महिलाओं एवं बच्चों पर विशेष ध्यान दिया है। 18 साल के कम हर उम्र के नाबालिग को बालक कहा जाएगा। वहीं गैंगरेप समेत अन्य जघन्य अपराधों की सजा भी बढ़ाई गई है। 

सीसीटीएनएस में रहेंगी दोनों कानून की धाराएं
नए कानून लागू होने के बाद भी क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रेकिंग नेटवर्किंग एंड सिस्टम (सीसीटीएनएस) में दोनों ही कानून की धाराएं मौजूद रहेंगी। जांच अधिकारी पुराने केस में पुरानी धाराएं और नए केस में नई धाराएं जोड़ सकेंगे। समय के साथ-साथ पुराने कानून की धाराओं को हटा दिया जाएगा। 

50 हजार से ज्यादा को दी ट्रेनिंग
प्रदेश में नए कानून को लागू करने के लिए किसी तरह की परेशानी नहीं आए इसके लिए हर जिले के साथ-साथ आठ ट्रेनिंग सेन्टरों में जांच अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया है। अभी तक 50 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी प्रशिक्षित किए जा चुके हैं। आने वाले समय में आरएसी, वायरलैस, इंटेलीजेंस, एसडीआरएफ समेत अन्य जगहों पर तैनात पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। 

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इनका कहना है...
आईजी क्राइम पुलिस मुख्यालय, प्रफुल्ल कुमार का कहना है कि जो नए तीनों आपराधिक कानून आ रहे हैं, वो न्याय की भावना से प्रेरित हैं एवं पीड़ित को केन्द्र बिन्दु में रखकर बनाए गए हैं। इसमें वर्तमान समय के नए अपराधों, डिजिटल एवं इलेक्ट्रॉनिक प्रचलन को समय अनुरूप समाहित किया गया है। 

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