शिक्षा विभाग: 15 दिन में असल में लगे मात्र एक लाख पौधे, 2.5 लाख किताबों में सजे
सबसे बड़ा सवाल: पौधारोपण के बाद सुरक्षा कौन करेगा
शिक्षा विभाग तय लक्ष्य से चल रहा काफी पीछे,लक्ष्य 3.5 लाख का, लगे मात्र एक लाख।
कोटा। सरकार की ओर से चलाए जा रहे सघन पौधारोपण अभियान में शिक्षा विभाग का पौधारोपण लक्ष्य से पीछे चल रहा है। पौधारोपण अभियान के दौरान जिस गति से काम किया जाना है, विभाग उस तेजी से पौधारोपण नहीं कर पा रहा है। ऐसे में 8 अगस्त तक चलने वाले इस अभियान में विभाग द्वारा पौधारोपण के लक्ष्य को कैसे हासिल किया जाएगा। ये संशय का विषय बना हुआ है। क्योंकि करीब एक महीने से ज्यादा चलने वाले पौधारोपण में लाखों की संख्या में पौधे लगने हैं जिनके लिए स्थान और देखरेख की कमी सबसे अधिक सामने आ रही है।
अभी भी लक्ष्य से 50 फीसदी पीछे
अभियान के दौरान कोटा जिला शिक्षा विभाग को करीब 7 लाख पौधे लगाने हैं। इस अभियान की शुरूआत 1 जुलाई से की गई थी। जिसकी माने तो अभी विभाग द्वारा 50 फीसदी पौधे लग जाने चाहिए। लेकिन 15 दिन बाद भी विभाग केवल 1 लाख से कुछ अधिक पौधे लगा पाया है। ऐसे में 7 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य किस प्रकार से पूरा होगा इसका जवाब विभाग के पास भी नहीं है। दूसरे पहलू की बात करें तो शहर इलाके के कई विद्यालय ऐसे हैं जिनके द्वारा अभी पौधारोपण का स्थान तक चिन्हित नहीं किया जा सका है। इन विद्यालयों का प्रशासन अपने स्तर ही स्थानों का चिन्हित कर कुछ संख्या में पौधारोपण कर रहा है।
पौधारोपण के बाद देखरेख बड़ी समस्या
नाम नहीं छापने की शर्त पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार विद्यालय में पौधारोपण करने के बाद उनके देखभाल करने की बड़ी समस्या सामने है। एक विद्यालय द्वारा लक्ष्य प्राप्त करने के लिए पौधारोपण तो किया जा रहा है। लेकिन उसके उनकी देखरेख और सुरक्षा करने में परेशानी हो रही है। विभाग का आदेश था की पौधारोपण किसी चारदीवारी या फेंसिंग के अंदर की जाए जिससे पशु पौधों को नुकसान ना पहुंचा सकें। लेकिन सूत्रों ने बताया कि कई विद्यालय ऐसे हैं जिनके पास चारदीवारी और फेंसिंग की जगह नहीं है और वे खुले में सड़क किनारे या नहर किनारे पौधारोपण कर रहे हैं। साथ ही विद्यालयों को पौधों की सुरक्षा के लिए किसी तरह के ट्री गार्ड या जाली उपलब्ध नहीं है, जिससे पौधों की सुरक्षा की जा सके। वहीं शिक्षकों का कहना है कि विद्यालयों द्वारा पौधारोपण दूर स्थानों पर किया गया है। ऐसे में उनकी देखभाल करें या बच्चों को पढ़ाएं।
प्रवेशोत्सव से धीमी हुई रफ्तार
विद्यालयों में पौधारोपण के साथ प्रवेशोत्सव भी चल रहा है। जहां शिक्षक विद्यालय में प्रवेश बढ़ाने के कार्य में भी लगे हुए हैं। जिसके चलते पौधारोपण और प्रवेशोत्सव में स्टाफ के बंट गया है जिसका असर पौधारोपण पर भी देखने को मिल रहा है। क्योंकि एक विद्यालय से एक दिन में 100 से 150 पौधे ही लगाए जा रहे हैं। जबकि समय पर लक्ष्य तक पहुंचने के लिए यह संख्या 500 तक होना आवश्यक है।
अधिकारी ने अपने पैसे से लगाए ट्री गार्ड स्मैकची ले गए
नाम ना बताने की शर्त पर विभाग के एक कर्मचारी ने बताया कि पिछले बुधवार को पौधारोपण अभियान के दौरान उनकी ओर से पौधों की सुरक्षा के लिए पांच ट्री गार्ड लगाए गए थे। लेकिन अगले ही दिन ये ट्री गार्ड पौधों से गायब थे। जब आसपास के कैमरे चैक किए तो पता चला कि इन ट्री गार्ड को स्मैक्ची उखाड़कर ले गए।
पौधारोपण के प्रति विद्यालयों में उदासीनता
जिले के शहरी क्षेत्र के विद्यालयों में पौधारोपण के लिए पर्याप्त स्थान नहीं होने के चलते उनमें उदासीनता बनी हुई है। नाम न बताने की शर्त पर शहरी क्षेत्र के विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने बताया कि विद्यालय के पास पौधारोपण के लिए कोई स्थान ही नहीं है जबकि विद्यालय में 300 से ज्यादा विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। विभाग की ओर से भी स्थान को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है। ऐसे में कुछ बच्चों के माध्यम से आस पास के पार्क और मंदिर में ही कुछ पौधों को लगाया है। नगर निकाय और प्रशासन की ओर से जमीन लिए बोला हुआ है। प्रवेशोत्सव के साथ में पौधारोपण चलने से दोनों कार्य धीमी गति से चल रहे हैं।
इस तरह हो रही है मोनिटरिंग
पौधारोपण की मोनिटरिंग करने के लिए शिक्षा विभाग ने हर ब्लॉक स्तर पर टीम बनाई है। जो संबंधित क्षेत्र में आने वाले विद्यालयों के पौधारोपण को वेरिफाई करने का कार्य करती हैं। साथ ही किस विद्यालय में कितने पौधे लगे इसकी जानकारी भी इन टीम के जरीए ही जिला स्तर पर उपलब्ध कराई जा रही है। वहीं मोनिटरिंग टीम की ओर से कितने विद्यालयों का सर्वे किया जाता है देखने वाली बात होगी।
हर विद्यार्थी को लगाने हैं पांच पौधे
कोटा जिले के सरकारी विद्यालयों में 1.5 लाख से ज्यादा विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। शिक्षा विभाग के आदेशानुसार औसतन प्रत्येक विद्यार्थी को पांच पौधे लगाने हैं। ऐसे में कोटा जिले में 7 लाख से ज्यादा पौधे लगने हैं। हालांकि कक्षा 5 तक के विद्यार्थियों को 1 पौधा, कक्षा 6 से 9 तक के विद्यार्थियों को 3 पौधा और कक्षा 10 से 12 तक के विद्यार्थियों को 5 पौधे या परिवार की सदस्यों की संख्या के अनुसार पौधे रोपित करने हैं।
पौधारोपण के लिए स्कूलों को निर्देशित किया हुआ है, समय पर लक्ष्य को पूरा करने की कोशिश जारी है। जिन विद्यालयों के पास स्थान नहीं है उनके लिए वन विभाग और प्रशासन को स्थान उपलब्ध कराने के लिए पत्र लिखा हुआ है। शहरी क्षेत्र में जमीन मिल जाए तो अभियान में और तेजी आएगी।
- के के शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी, कोटा
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