प्रदेश में सरपंचों के नहीं होंगे चुनाव, लगेंगे प्रशासक
सरंपचों का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा
अगर इन ग्राम पंचायतों में समय पर चुनाव होते, तो चुनावी कार्यक्रम घोषित कर दिया जाता, जो अब संभव नहीं है। इन सरंपचों का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा।
जयपुर। प्रदेश में पंचायती राज संस्थाओं के चुनावों की तस्वीर साफ हो गई है। वन स्टेट-वन इलेक्शन के फेर में फंसे नौ हजार 171 सरपंचों और 90 हजार 400 वार्ड पंचों के चुनाव नहीं होंगे। इनमें अब प्रशासक नियुक्त करने के सिवाय कोई रास्ता नहीं बचा है। इन ग्राम पंचायतों में सरपंचों और वार्ड पंचों के चुनाव के लिए पांच साल पहले 26 दिसम्बर, 2019 को चुनावी कार्यक्रम घोषित हो गया था। अगर इन ग्राम पंचायतों में समय पर चुनाव होते, तो चुनावी कार्यक्रम घोषित कर दिया जाता, जो अब संभव नहीं है। इन सरंपचों का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा।
राज्य निर्वाचन आयोग ने 5 साल पहले 26 दिसम्बर को प्रदेश की 9 हजार 171 ग्राम पंचायतों के सरपंचों और 90 हजार 400 वार्ड पंचों के चुनाव के लिए कार्यक्रम घोषित कर दिया था। कार्यक्रम के अनुसार इनके चुनाव तीन चरणों में कराए गए थे। पहले चरण में 3 हजार 691 सरपंचों और 36 हजार 97 वार्ड पंचों के लिए 2020 में मतदान हुआ था। दूसरे चरण में 3 हजार 237 सरपंचों और 31 हजार 376 वार्ड पंचों के लिए 2020 में मतदान हुआ था। इसी प्रकार तीसरे चरण में 2 हजार 243 सरपंचों और 22 हजार 977 वार्ड पंचों के लिए मतदान हुआ था।
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