शिव भक्तों की सुरक्षा को अलर्ट वन विभाग

गेपरनाथ महादेव के खुले दरवाजे, डेंजर प्वाइंट पर बढ़ाई गश्त

शिव भक्तों की सुरक्षा को अलर्ट वन विभाग

वन विभाग ने सावन महीने में दर्शनार्थियों के लिए दी छूट।

कोटा। मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व की बोराबांस रेंज में चंबल की कराइयों में विराजमान महादेव के दर्शन के लिए वन विभाग ने गेपरानाथ के दरवाजे खोल दिए हैं। अब सावन माह में शिव भक्त महादेव के दर्शन कर सकेंगे। वहीं, वनक्षेत्र में संभावित डेंजर प्वाइंट पर श्रद्धालुओं को जाने से रोकने के लिए वन कर्मचारी व अधिकारी अलर्ट हो गए हैं। जोखिमभरे जगहों पर वनकर्मियों की गश्त बढ़ा दी गई है। दरअसल, गेपरनाथ में चट्टानों की कराइयों में भगवान शिव का प्राचीन मंदिर स्थापित है। जहां समान्य दिनों में पर्यटक व श्रद्धालुओं को एंट्री नहीं दी जाती। लेकिन, सावन माह में दर्शनार्थियों के लिए गेपरनाथ के द्वार खोल दिए जाते हैं। इस वनक्षेत्र में कई जोखिमभरे स्थल हैं। चंबल नदी से 300 फीट ऊंचे पहाड़ों की चट्टानों पर लोग सेल्फी लेते हैं। वहीं, चोरी छिपे चंबल की कराइयों में जाने की कोशिश करते हैं। विगत वर्षों में कई हादसे हो चुके हैं। जिसकी वजह से जिला प्रशासन व वन विभाग ने लोगों का प्रवेश बंद कर दिया।

इन डेंजर प्वाइंट पर बढ़ाई गश्त
पगमार्क फाउंडेशन के अध्यक्ष देवव्रत सिंह हाड़ा ने बताया कि गरड़िया महादेव मंदिर के गर्भ गृह तक पहुंचने से पहले ऊपर की ओर हनुमान मंदिर आता है। जिसके पीछे खुली चट्टान है। जहां लोगों की आवाजाही रहती है। महादेव के मंदिर की ओर जाने वाली सीढ़ियों के राइट साइड में पहला झरना आता है, जो करीब 250 फीट ऊंचे पहाड़ से गिरता है। वहीं, मंदिर की अंतिम सीढ़ियों के उल्टे हाथ पर सुरक्षा दीवार टूटी हुई है, जिससे लोग कराइयों में स्थित कुंड की तरफ उतरने की कोशिश करते हैं। इन सभी जगहों पर वन विभाग ने वनकर्मियों की गश्त बढ़ा दी है, जो श्रद्धालुओं को इस तरफ आने से न केवल रोक रहे बल्कि उन्हें खतरों से भी आगाह कर समझाइश कर रहे हैं। 

एंट्री गेट पर ही श्रद्धालुओं की समझाइश 
रावतभाटा रोड स्थित गेपरनाथ महादेव वन क्षेत्र के मुख्य प्रवेश द्वार पर 24 घंटे वनकर्मियों की टीम तैनात रहती है। यहां बेरियर पार करने से पहले श्रद्धालुओं के नाम पते नोट कर प्रवेश देने के साथ ही मंदिर के अलावा अन्य संभावित जोखिमभरे स्थलों पर न जाने की सख्त हिदायत दे रहे हैं। साथ ही होमगोर्ड व वनकर्मी गश्त कर रहे हैं। सावन में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए वन अधिकारियों ने जगह जगह चेतावनी बोर्ड भी लगाने का काम शुरू कर दिया है। 

12 महीने बहता है झरना
गेपरनाथ के दर्शन के लिए करीब 200 से 250 सीढ़ियां उतरकर जाना पड़ता है। मंदिर में बारह माह झरना बहता है। यह भगवान शिव पर गिरता है तो ऐसा लगता है मानो प्रकृति खुद भगवान शिव का अभिषेक कर रही हो। श्रद्धालुओं के अनुसार यह स्थान साधु संतों की तपस्थली भी रही है। यहां पर पहले सीढ़ियां नहीं थी, इन्हें बाद में बनवाया गया। इस स्थान को धार्मिक के साथ पर्यटन स्थल के रूप में भी देखा जाता है। 

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हादसे के बाद सुर्खियों में आया गेपरनाथ
वर्ष 2008 में यहां मंदिर की ओर जाने वाली सीढ़ियां टूट गई थी। इस हादसे के बाद यह स्थान देशभर में चर्चा का विषय बन गया था। सीढ़िया ढहने से कई महिलाएं व बच्चे फंस गए थे। जिन्हें बड़ी मुश्किलों से बाहर निकाला गया था। हालांकि, घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। 

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मंदिर तक पहुंचने का रास्ता सुरक्षित
चट्टानों की कराइयों में स्थित भगवान शिव के मंदिर तक पहुंचने का रास्ते में सुरक्षा के पुख्ता इंजताम किए गए हैं। मंदिर तक जाने व आने के लिए सीढ़ियां बनी हुई हैं। जिनके बीच में लोहे की रेलिंग लगी हुई हैं। वहीं, दर्शनार्थियों को खतरनाक जगहों पर न जाने के लिए जगह-जगह समझाइश भी की जा रही है। हालांकि, श्रद्धालुओं का कहना है कि मंदिर के पास कराइयों में कुंड हैं, जहां अवैध मतस्यआखेट होता है। जिन्हें देख अन्य लोग भी वहां जाने का प्रयास करते हैं। विभाग को अवैध मतस्य आखेट पर प्रभावी कार्रवाई करनी चाहिए। 

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इनका कहना है
उच्चाधिकारियों के निर्देश पर सावन माह में श्रद्धालुओं के लिए गेपरनाथ के द्वार खोल दिए हैं। बेरियर पर तैनात वनकर्मी लोगों के नाम पते नोट कर रहे हैं। प्रवेश देने से पहले उन्हें मंदिर के अलावा संभावित जोखिमभरे स्थलों पर न जाने की सख्त हिदायत देकर समझाइश कर रहे हैं। इसके अलावा दो से तीन कर्मचारियों को गश्त पर लगाया गया है। सुरक्षा के लिहाज से पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं। 
- जनक सिंह, एसीएफ मुकुंदरा टाइगर रिजर्व कोटा

सावन के चलते श्रद्धालुओं को भगवान शिव के दर्शन के लिए गेपरनाथ में प्रवेश की इजाजत दी गई है। यहां तैनात कर्मचारी लगातार गश्त कर रहे हैं, जो लोगों को संभावित डेंजर प्वाइंट पर जाने से रोक रहे हैं। वहीं, सुरक्षा को लेकर समझाइश कर रहे हैं। इसके बावजूद कोई व्यक्ति चोरी छिपे खतरनाक जगहों पर जाते मिले तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 
- अभिमन्यू सहारण, डीएफओ, मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व

अभी मुकुंदरा के गेपरनाथ में पुलिस जाब्ता नहीं लगाया गया है। हालांकि, दो-तीन दिनों में 10 से 12 जवान तैनात कर दिए जाएंगे। 
- मनीष शर्मा, पुलिस उपाधीक्षक , 

गेपरनाथ महादेव धार्मिक पर्यटन स्थल है, जो प्रकृति का अलौकिक सौंदर्य से परिपूर्ण है। दूर-दराज से लोग महादेव के दर्शन को आते हैं। वहीं, एशिया की सबसे बड़ी वल्चर कॉलोनी भी यहीं है। ऐसे में वन विभाग को टिकट लगाकर पर्यटकों के लिए खोला जाना चाहिए ताकि, पर्यटन को बढ़ावा मिल सके। हालांकि, इससे पहले सभी जरूरी सुरक्षा के इंतजाम पुख्ता किया जाएं। 
- एएच जैदी, नेचर प्रमोटर

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