बड़े मंदिरों तक ही सिमट कर रह गई सवा लाख बिल्व पत्र की झांकी

रोगों को नष्ट करने की क्षमता के कारण इन्हें बिल्व कहा जाता है

बड़े मंदिरों तक ही सिमट कर रह गई सवा लाख बिल्व पत्र की झांकी

खोले के हनुमानजी और चमत्कारेश्वर महादेव में झांकी 11 को

जयपुर। सावन मास में भगवान शंकर को बिल्वपत्र अर्पित करने से वे प्रसन्न होते हैं। इसीलिए भगवान भोलेनाथ नाथ के सवा लाख बिल्वपत्रों की झांकी सजाई जाती है परन्तु बीते कुछ सालों में देखने में आ रहा है कि अब कुछ ही मंदिर रह गए जो सवा लाख बिल्वपत्रों की झांकी सजा रहे हैं। इन झांकियों को सजाने वाले मंदिरों में ताड़केश्वर महादेव मंदिर, खोले के हनुमान मंदिर स्थित आनंदेश्वर महादेवजी, चमत्कारेश्वर महादेव मंदिर झोटवाड़ा और गीता गायत्री मंदिर गलता गेट स्थित सदाशिव द्वादश ज्योर्तिलिंग है।

जहां पर भगवान को सवा लाख बिल्वपत्र अर्पित किए जाते हैं। अनेक रोगों को नष्ट करने की क्षमता के कारण इन्हें बिल्व कहा जाता है। हाल ही में ताड़केश्वर मंदिर और सदाशिव द्वादश ज्योर्तिलिंग में सवा लाख बिल्व पत्रों की झांकी हो गई। अब 11 अगस्त को खोले के हनुमान मंदिर और चमत्कारेश्वर महादेव मंदिर झोटवाड़ा में सवा लाख बिल्व पत्रों की झांकी सजाई जाएगी। 

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