शिक्षा की राह हुई आसान, शिक्षकों ने बदली स्कूल की सूरत
बांसखेड़ी स्कूल: पढाई के साथ साथ मानसिक व शारीरिक विकास पर भी दे रहे ध्यान
स्कूल में एडमिशन के लिए लगी रहती है कतार।
मनोहरथाना। शिक्षक चाहे तो स्कूल का माहौल बदल सकते है। ऐसा ही कुछ प्रयास किया झालावाड़ के मनोहरथाना ब्लॉक के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बांसखेड़ी मेवातियां के एक सरकारी स्कूल के संस्था प्रधान ने और उसमें सहयोग दिया उनके शिक्षकों ने। सभी ने मिलकर स्कूल की तस्वीर ही बदल दी। स्कूल और शिक्षा व्यवस्थाओं सुधारने के जुनून के साथ इन्होने सरकारी स्कूल का कायाकल्प ही कर दिया। यह स्कूल है राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बांसखेड़ी मेवातियां। इस स्कूल के हर कमरे में ना केवल सीसीटीवी कैमरे लगे हुए बल्की पूरा विद्यालय पेड़ पौधे से हरा भरा है। स्कूल के कार्यवाहक संस्था प्रधान सुनील शर्मा और यहां के शिक्षकों ने कोविड काल के बाद से एक सरकारी स्कूल को निजी स्कूलों से कहीं आगे ले जाकर खड़ा कर दिया है। यही वजह है कि स्कूल में एडमिशन के लिए कतार लगी रहती है।
विद्यालय के हर क्लासरूम में सीसीटीवी
निजी स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगे होना कोई अचरज की बात नहीं लेकिन अगर हमें पता चले कि किसी सरकारी स्कूल में भी सीसीटीवी कैमरे हैं तो आश्चर्य होगा ही। विद्यालय के कार्यवाहक संस्था प्रधान सुनील शर्मा और भामाशाह अध्यापकों की मदद से पूरे विद्यालय में 27 सीसीटीवी कैमरे यहां लगाए गए हैं। वहीं विद्यार्थियों में पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के लिए स्कूल में पौधे लगाए गए, जिससे स्कूल में हर तरफ हरियाली फैली हुई है। विद्यालय में अर्जुन, जामुन, शीशम, आम, नीम पीपल इत्यादि के बड़े वृक्ष व छोटे पौधों की बात हों तो गुलाब, रजनीगंधा चमेली, मोगरा, गुलदाँवदी, हजारा साथ ही एक किचन गार्डन हैं जिसमे मिर्ची, टमाटर बेंगन इत्यादि के पौधे लगे हैं। स्कूल की दशा सुधारने के लिए पहले पढ़ाई का माहौल बनाया गया। इसके बाद स्कूल में बदलाव का दौर शुरू हुआ। स्कूल में पानी की व्यवस्था तो थी लेकिन लगता था सालों से साफ सफाई ही नहीं हुई हो। पानी के नल इतने ऊंचे लगे थे कि छोटे बच्चों के लिए वहां तक पहुंचना संभव नहीं था। इसे ने स्कूल में पीने के पानी के लिए वाटर कूलर लगा कर छोटे बच्चों के लिए यहां अलग से नल लगवाए गए जिससे उनकी परेशानी खत्म हुई।
एमडीएम में स्वच्छता का रखते विशेष ख्याल, परोसे जाते पौष्टिक आहार
कई विद्यालयों में स्वच्छता का ख्याल नहीं रखा जाता है। कूड़े कचरों से भरा रसोई घर और चारों ओर फैली गंदगी ही देखने को मिलती है। जबकि राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, बांसखेड़ी मेवातियां में स्वच्छता का विशेष ख्याल रखा जाता है और पौष्टिक भोजन परोसे जाते हैं। खासकर एमडीएम बनाने और परोसने साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाता है। इस विद्यालय में रसोईया प्रति दिन रसोई घर की साफ सफाई करते हैं। यहां बच्चों का मिड-डे मील बनाने के लिए पति पत्नी रसोईया प्रतिनियुक्त हैं। विद्यालय में मेन्यू के मुताबिक भोजन में परोसा जाता हैं। चावल बनाने से पहले उसकी अच्छी तरह से सफाई कर तीन बार पानी से चावल को धोए जाने की परंपरा है। बच्चों को गुरुवार को पौष्टिक आहार के रूप में केला, सेब परोसे जाते हैं। भोजन से पहले बच्चों को साबुन से हाथ की सफाई कराई जाती है। यानी कि यहां साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाता है। ताकि बच्चों में किसी भी तरह की बीमारी नहीं फैल सके।
लाइब्रेरी के साथ कम्प्यूटर लैब की सुविधा भी
स्कूल में विद्यार्थियों के लिए लाइब्रेरी की व्यवस्था की गई है। साथ ही प्रोजेक्टर के साथ कम्प्यूटर सिस्टम भी लगाए गए हैं। विद्यालय में बिजली जाने पर पढ़ाई बाधित नहीं हो इसलिए यूपीएस की व्यवस्था भी की गई है। खास बात यह है कि स्कूल के बदलते स्वरूप को देखते हुए विद्यालय में डिजिटल क्लास के माध्यम से बच्चो को पढ़ाए जाता है जिससे बच्चों को उच्च गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मिल सके।
अध्यापकों की कमी के बाद भी बच्चों का परिणाम सबसे ज्यादा
वैसे तो राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बांसखेड़ी मेवातियान स्कूल में अभी 485 बच्चों का नामांकन है। साथ ही पूरे स्कूल में अनुशासन है। वहीं विद्यालय में कुल स्वीकृत पद 23 हैं, लेकिन अभी विद्यालय में कुल13 कार्यरत है, लेकिन उसके बाद भी बांसखेड़ी मेवातियान विद्यालय में हर साल कक्षा 10 व 12 मे ब्लॉक स्तर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने मे सफल रहा हैं। सत्र 2023- 24 में भी पुष्पेंद्र जोगी ने कक्षा 12 वी मे ब्लॉक स्तर पर सरकारी विद्यालयों में दूसरा स्थान प्राप्त किया। वही स्कूल मे 9 से 12 तक के हर कक्षा कक्ष मे संसार,भारत व राजस्थान के नक्शे लगे हैं ताकि छात्र छात्राएं इनके राजनैतिक स्वरूप की जानकारी लें सके।
इनका कहना है...
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बांसखेड़ी मेवातियान विद्यालय के कंगुरे हैं, विद्यालय की नींव की ईंटे विद्यालय का स्टाफ हैं, उन्ही के सहयोग से ये बदलाव आ पाया हैं। 12 साल से स्टाफ साथी प्रताप सिँह का भी विद्यालय विकास मे बराबरी का योगदान हैं।
- सुनील कुमार शर्मा,कार्यवाहक प्रधानाचार्य, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बांसखेड़ी मेवातियां
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