केबिनेट की बैठक में 12 औद्योगिक स्मार्ट सिटी बनाने की मंजूरी, रोजगार के अवसर भी होंगे उत्पन्न
रणनीतिक रूप से नियोजित 6 प्रमुख गलियारों के साथ जुड़ी होगी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल और सीसीईए के निर्णयों की जानकारी देते हुए सूचना प्रसारण एवं रेल मंत्री अश्विनी वैषणव ने कहा कि वह एक राज्य में आदर्शन चुनाव आचार संहिता के कारण एक परियोजना की घोषणा अभी नहीं कर रहे हैं।
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा परियोजनाओं से जुड़े विभिन्न राज्यों में चिह्नित जगहों पर 28,602 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 12 स्मार्ट औद्योगिक नोड/नगर विकास परियोजनाओं के विकास के प्रस्ताव को मंजूरी दी। ये परियोजनाएं 10 राज्यों में फैले और रणनीतिक रूप से नियोजित 6 प्रमुख गलियारों के साथ जुड़ी होगी। इनमें से 11 औद्योगिक नोड और गलियारे जहां स्थापित किए जाने हैं वे है औद्योगिक क्षेत्र उत्तराखंड में खुरपिया, पंजाब में राजपुरा-पटियाला, महाराष्ट्र में दिघी, केरल में पलक्कड़, उत्तर प्रदेश में आगरा और प्रयागराज, बिहार में गया, तेलंगाना में जहीराबाद, आंध्र प्रदेश में ओरवाकल और कोप्पर्थी और राजस्थान में जोधपुर-पाली में विकसित किए जाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल और सीसीईए के निर्णयों की जानकारी देते हुए सूचना प्रसारण एवं रेल मंत्री अश्विनी वैषणव ने कहा कि वह एक राज्य में आदर्शन चुनाव आचार संहिता के कारण एक परियोजना की घोषणा अभी नहीं कर रहे हैं। वैष्णव ने कहा कि ये परियोजनाएं भारी निवेश आकर्षित करेंगी , इनसे देश की औद्योगिक वृद्धि तेज होगी, विनिर्माण गतिविधियां बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं के पूरा होने पर 10 लाख प्रत्यक्ष और 30 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उत्पन्न होने की संभावना है। वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल में तीनगुना गति से काम करने का निर्णय लिया है और पिछले तीन महीने में विकास की दो लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी गयी है। देश जल्द ही स्वर्णिम चतुर्भुज के आधार पर औद्योगिक स्मार्ट शहरों की एक भव्य श्रृंखला स्थापित करेगा।
उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं का प्रस्ताव पीएम गतिशिक्त पोर्टल की मदद से तय किया गया है, जिनमें संबंधित राज्य सरकारों क। इनमें प्लग-एन-प्ले और वॉक-टू-वर्क अवधारणाओं के साथ मांग से पहले विश्व स्तरीय ग्रीनफील्ड औद्योगिक स्मार्ट शहरों का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं में निवेश और संतुलित क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देने के लिए मजबूत, टिकाऊ ढांचा विकसित भारत के विजन के अनुरूप, ये परियोजनाएं निवेशकों के लिए उपलब्ध भूमि के साथ वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में भारत की भूमिका को मजबूत करेंगी।
सरकार द्वारा इन निर्णय के बारे में जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम ( एनआईसीडीपी ) को बड़े एंकर उद्योगों और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) दोनों से निवेश की सुविधा प्रदान करके एक जीवंत औद्योगिक इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए तैयार किया गया है। ये औद्योगिक नोड तक दो लाख करोड़ डॉलर निर्यात प्राप्त करने के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेंगे, जो सरकार के आत्मनिर्भर और वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी भारत के विजन को दर्शाता है। पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अनुरूप परियोजनाओं में मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी बुनियादी ढांचा होगा, जो लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करेगा। औद्योगिक शहरों को पूरे क्षेत्र के परिवर्तन के लिए विकास केन्द्र बनाने की परिकल्पना की गई है।
वैष्णव ने कहा कि ये परियोजनाए भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री के संकल्प को पूरा करने में बुनियाद का काम करेंगीं। उन्होंने कहा कि वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं (जीवीसी) में भारत को एक मजबूत प्रतिस्पर्धी के रूप में स्थापित करके, एनआईसीडीपी आवंटन के लिए तत्काल उपलब्ध उन्नत विकसित भूमि प्रदान करेगा, जिससे घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों के लिए भारत में विनिर्माण इकाइयां स्थापित करना आसान हो जाएगा। सरकार का कहना है कि ये औद्योगिक शहर गुणवत्तापूर्ण, विश्वसनीय और टिकाऊ ढांचा प्रदान करके, सरकार का लक्ष्य ऐसे औद्योगिक शहर बनाना है जो न केवल आर्थिक गतिविधि के केंद्र हों, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के मॉडल भी हों।
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