ऑनलाइन रेटिंग, रिव्यू, लाइक्स और पार्ट टाइम जॉब का प्रलोभन देकर साइबर ठग कर सकते हैं आपका खाता खाली
दैनिक नवज्योति की साइबर क्राइम के खिलाफ मुहिम, डिजिटल फ्रंटियर साइबर शील्ड
वाट्सअप ग्रुप पर दो से चार यूट्यूब चैनल भेजकर उन पर करवाते हैं लाइक 200 से 2000 रुपए प्रतिदिन कमाने का देते हैं झांसा
जयपुर। वर्तमान में साइबर ठग धोखाधड़ी कर रुपए ऐंठने के नए-नए तरीके अपना रहे हैं। अभी हाल ही में ऑनलाइन रेटिंग, रिव्यू लाइक्स व पार्ट टाइम जॉब के नाम पर भी धोखाधड़ी करने का ट्रेंड सामने आया है।
साइबर ठग किसी अज्ञात आईडी, नम्बर या व्यक्ति (लड़की) के जरिए ब्लैक मार्केट से आपकी प्रोफाइल या नम्बर की जानकारी प्राप्त करते हैं। इसके बाद टेलीग्राम या व्हॉट्सएप ग्रुप में आपको ऐड किया जाता है या पर्सनल मैसेज किए जाते हैं। ठग बोलते हैं कि रेंडम सर्च के दौरान आपका नम्बर मिला है, आशा है आपको आपत्ति नहीं होगी। हम यू-ट्यूब कम्पनी या अन्य की एक एजेन्सी चलाते हैं, क्या आप यू-ट्यूब से रुपए कमाना चाहते हो। आप अपने फोन का उपयोग करके प्रतिदिन कम से कम 200 से 2000 रुपए कमा सकते हैं। इसके बाद ग्रुप में मैसेज भेजकर आम आदमी को लुभाते हैं।
झांसे में ऐसे फंसते हैं लोग
कमिश्नरेट के साइबर एक्सपर्ट हैड कांस्टेबल राकेश झाझड़िया ने बताया कि शुरुआत में ठग चैनलों को ग्रुप में भेजकर लाइक्स करवाते हैं। इसके बाद टेलीग्राम चैनल, ग्रुप पर अलग-अलग निश्चित राशि का टारगेट देकर दो से पांच हजार रुपए जमा करवाने पर कुल 20 हजार रुपए का फायदा होने का प्रलोभन देते हैं। इसके बाद 10-15 अलग-अलग वेबसाइट, चैनल, एप्लीकेशन को लाइक, शेयर, रेटिंग का देने का टारगेट दिया जाता है। वॉट्सएप या टेलीग्राम पर आपको एक एप्लीकेशन, पोर्टल का लिंक भेजा जाता है, जिसको डाउनलोड कर उनकी कम्पनी में या उनके बताए अनुसार रेटिंग, लाइक व शेयर कर मोटा मुनाफा कमाने के लिए कहा जाता है।
फर्जी खातों और क्रिप्टोकरंसी में लेते हैं रुपए
झाझड़िया ने बताया कि ठगों की ओर से भेजे गए लिंक से जो एप्लीकेशन डाउनलोड करवाई जाती है वह गूगल प्ले स्टोर या एप्पल स्टोर में रजिस्ट्रर्ड नहीं होती है। जालसाज ठगी करने के लिए यह फर्जी एप्लीकेशन या पोर्टल बनाते हैं। इसमें ठग अकाउण्ट बनवाते हैं। अकाउंट बनाने के बाद रेटिंग, लाइक, शेयर या अन्य कोई टास्क पूरा करने के नाम पर टास्क के अनुसार राशि उनके बताए हुए फर्जी खातों या क्रिप्टोकरन्सी नेटवर्क एड्रेस के माध्यम से लेते हैं। झांसे में आए लोग की ओर से जमा करवाई राशि उनके बनाए हुए फर्जी एप्लीकेशन या पोर्टल पर वर्चुअल दिखाई देती है। टारगेट पूरा करने पर मुनाफा भी एप्लीकेशन या पोर्टल पर दिखता है।
रुपए निकालने के नाम पर भी होती है ठगी
ठगों के कहे अनुसार टारगेट पूरा करने व कमाई दिखने के नाम पर टारगेट पर निर्धारित रुपयों के जमा करने लगता है। जब आम आदमी रुपए वापस विड्रोल करने के लिए बोलता है तो रुपए ज्यादा होने का झांसा देकर कभी टैक्स के नाम पर तो कभी सिक्योरिटी अमाउण्ट जमा करवाने के नाम पर और कभी कमीशन के नाम पर और रुपया जमा करवाकर लोगों से लाखों रुपयों की ठगी कर लेते हैं।
ऐसे बचें धोखाधड़ी से
- अज्ञात व्हॉट्सएप नम्बर, टेलीग्राम चैनल या ग्रप के माध्यम से इस प्रकार के मैसेज करें तो उन नम्बर को ब्लॉक कर दें, चैनल, ग्रुप से लेफ्ट हो जाएं।
- फेसबुक, इन्स्टाग्राम या अन्य सोशल मीडिया पर घर बैठे कमाई करने के भ्रामक विज्ञापनों से बचें।
- रेटिंग, रिव्यू और लाइक्स व पार्ट टाइम जॉब के नाम पर कमाने के चक्कर के प्रलोभन में नहीं आएं।
- गूगल प्लेस्टोर, एप्पल स्टोर से ही एप्लीकेशन डाउनलोड करें, किसी के भेजे हुए लिंक पर या सोशल मीडिया पर भेजे जा रहे लिंक पर क्लिक कर एप्लीकेशन डाउनलोड न करें।
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